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100+ स्वामी विवेकानंद के सुविचार, Swami Vivekananda Quotes in Hindi

    स्वामी विवेकानंद के सुविचार, Swami Vivekananda Quotes in Hindi

    स्वामी विवेकानंद उद्धरण हिंदी में: 12 जनवरी 1863 को कोलकता में जन्मे प्रेरणा के अपार स्रोत स्वामी विवेकानन्द की कही बात हर युवाओं में नई ऊर्जा भर देती है। कम आयु में ही स्वामी जी ने भारत और हिंदूत्व की छाप पूरे विश्व में छोड़ दी थी। आज मैं स्वामी जी के कुछ सुविचार शेयर करने जा रहा हूँ, मैं उम्मीद करता हूँ कि यह आपको पसंद आयेंगे।

    स्वामी विवेकानंद के सुविचार | Swami Vivekananda Quotes in Hindi

    उठो, जागो और तब तक नहीं रूको,
    जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।

    खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं।

    जो दूसरो से घृणा करते हैं,
    वो खुद को दूषित करते है।

    एक शब्द में,
    यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो।

    ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं।

    स्वामी विवेकानंद उद्धरण हिंदी में

    तुम जो कुछ सोचोगे, तुम वही हो जाओगे।
    अगर तुम अपने को दुर्बल समझगो, तो तुम दुर्बल बन जाओगे।
    बलवान सोचोगे तो बलवान बन जाओगे।

    कभी ना मत कहो, कभी न कहो कि ‘मैं नहीं कर सकता’,
    क्योंकि आप अनंत हैं। सभी शक्ति आप के भीतर है।
    आप कुछ भी कर सकते हैं।

    तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता।
    तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है।
    आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही है।

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    वो हम ही हैं, जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं
    और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है।

    कभी भी बड़ी योजना का हिसाब मत लगाओ,
    धीरे धीर शुरू करें, अपनी ज़मीन बनाये और धीरे धीरे उसे बढ़ाएं।

    सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है,
    फिर भी हर एक सत्य ही होगा।

    उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है,
    जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता।

    साहसी बनो और इस बात का विश्वास रखो कि हमारे
    और तुम्हारे द्वारा महान कार्य होने है।
    भगवान ने बड़े-बड़े कार्य करने के लिए हमें निर्दिष्ट किया है।

    डर और अधूरी इच्छाएँ आपके दुखों का कारण है।

    विश्व एक विशाल व्यायामशाला है।
    जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।

    मजबूती में जीवन है और कमजोरी में हार।

    सुविचार विवेकानंद (Swami Vivekananda Suvichar)

    भगवान की एक परम प्रिय के रूप में पूजा की जानी चाहिए।
    इस या अगले जीवन की सभी चीजों से बढ़कर।

    जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते,
    तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते।

    इच्छा, अज्ञानता और असमानता-यह बंधन की त्रिमूर्ति है।

    दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।

    भला हम भगवान को खोजने कहाँ जा सकते हैं।
    अगर उसे अपने हृदय और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।

    स्वामी विवेकानंद के उद्धरण हिंदी में

    ब्रह्मांड का असीम पुस्तकालय आपके मन में है।

    हम वही बनते हैं जो हमारे विचार हमें बनाते हैं,
    इसलिए ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं।
    विचार ही हैं जो दूर तक जाते हैं।

    शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है।
    विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है।
    प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।

    उठो और तब तक नही रुको जब तक कामयाब न हो जाओ।

    आपका जितना बड़ा संघर्ष होगा,
    उतनी बड़ी आपकी जीत भी होगी।

    किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये,
    आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।

    दुनिया ने जो भी ज्ञान प्राप्त किया है वह सभी ज्ञान दिमाग से आता है;
    दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी हमारा दिमाग ही है।

    पहले हर अच्छी बात का मजाक होता है,
    फिर विरोध होता है और अंत में उसे स्वीकारा जाता है।

    खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।

    स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार (Swami Vivekananda Motivational Quotes in Hindi)

    धन्य हैं वो लोग, जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं।

    एक समय में एक काम करो,
    और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो
    और बाकी सब कुछ भूल जाओ।

    विवेकानंद सुविचार इन हिंदी

    मन की शक्ति सूरज की किरणों की तरह होती है,
    जब वे केंद्रित होती हैं तो वे चमक उठती हैं।

    जो कुछ भी आपको शारीरिक, बौद्धिक और
    आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनाता है,
    उसे जहर मानो और स्वीकार मत करो।

    किसी चीज से डरो मत। तुम अद्भुत काम करोगे।
    यह निर्भयता ही है, जो क्षण भर में परम आनंद लाती है।

    उठो मेरे शेरो और ये भ्रम मिटा दो कि तुम निर्बल हो।

    “जब तक जीना, तब तक सीखना”
    अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।

    स्वामी विवेकानंद के विचार हिंदी में

    चिंतन करो, चिंता नहीं,
    नए विचारों को जन्म दो।

    कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो।
    जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा,
    पर उसके बारे में अभी मत सोचो।

    जब लोग तुम्हे गाली दें, तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो।
    सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं।

    हम जो बोते हैं वो काटते हैं।
    हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं।

    मानव मन की कोई सीमा नहीं है वह जितना एकाग्र होता है
    उतनी उसकी शक्ति बढ़ती है। बस यही सफलता का रहस्य है।

    जब आप व्यस्त होते हैं तो सब कुछ आसान लगता है,
    लेकिन आलसी होने पर कुछ भी आसान नहीं लगता।

    आप किसी की निंदा न करें,
    अगर हो सके तो किसी की सेवा करे।

    मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है।

    जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है –
    शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक उसे जहर की तरह त्याग दो।

    विवेकानंद उद्धरण हिंदी में

    एक अच्छे चरित्र का निर्माण हज़ारों
    ठोकरें खाने के बाद ही होता है।

    शक्ति दृढ़ता का संकेत है, जीवन का संकेत है,
    आशा का संकेत है, स्वास्थ्य का संकेत है,
    और जो कुछ अच्छा है उसका संकेत है।
    जब तक शरीर रहता है, तब तक शरीर में ताकत,
    दिमाग में ताकत, हाथ में ताकत होनी चाहिए।

    बाहरी स्वरूप हमारे अंदरुनी स्वरूप का बड़ा रूप है।

    h4>छात्रों के लिए हिंदी में स्वामी विवेकानंद उद्धरण

    दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।

    जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ
    अपना जल समुद्र में मिला देती हैं,
    उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग,
    चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है।

    जितना कठिन संघर्ष होगा,
    जीत उतनी ही शानदार होगी।

    स्वामी विवेकानंद के सुविचार (Swami Vivekananda Thoughts in Hindi)

    जब आप किसी काम को करने का निश्चय करो
    तो उसे अवश्य करना चाहिए वरना लोगों का आप से विश्वास उठ जाता है।

    अगर बार-बार आप असफल हो जाओ तो भी कोई हानि नहीं है।
    सहस्त्र बार इस आदर्श को अपने हृदय में धारण करे।
    अगर उसके बाद भी असफल हो जाओ,
    तो एक बार फिर कोशिश करे।

    किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं,
    तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये,
    अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।

    एक अच्छे चरित्र का निर्माण हजारों ठोकरें खाने के बाद ही होता है।

    स्वामी विवेकानंद के दोहे (vivekanand ke dohe)

    संत विवेकानंद तुम, शुभ-संस्कृति का कोष।
    गुँजा दिया इस सृष्टि में, भारत का जय घोष।।

    अनथक यात्री ने कभी, लिया नहीं विश्राम।
    दिशा-दिशा के वक्ष पर, लिखा तुम्हारा नाम।।

    उम्मीद को हमेशा बना के रखना चाहिए
    क्योंकि उम्मीद के भरोसे ही हम सब कुछ वापस ला सकते हैं।

    तुम्हें अंदर से बाहर विकसित होना है।
    कोई तुम्हें सीखा नहीं सकता है, न आध्यात्मिक बना सकता है।
    तुम्हारी आत्मा के सिवा और कोई गुरु नहीं है।

    सत्य और संस्कृति हुए, पाकर तुम्हें महान।
    कदम मिलाकर चल पड़े, धर्म और विज्ञान।।

    उठो, जगो, आगे बढ़ो, पाओ जीवन-साध्य।
    तुमने कहा कि राष्ट्र ही, एकमेव आराध्य।।

    स्वामी विवेकानंद के उद्धरण

    रोम-रोम पुलकित हुआ, गाकर दिव्य चरित्र।
    जन्म तुम्हें देकर हुई, भारत भूमि पवित्र।।

    देव संस्कृति का किया, तप-तप कर उत्थान।
    करता है दिककाल भी, ॠषि तेरा जयगान।।

    अगर आपके मन में इच्छा है तो आप कुछ भी कर सकते हो।

    साँस-साँस में राष्ट्रहित, शब्द-शब्द में ज्ञान।
    राष्ट्रवेदिका पर किए, अर्पित तन मन प्राण।।

    “स्वामी विवेकानंद के सर्वश्रेष्ठ और प्रेरणादायक सुविचार (Swami Vivekananda Quotes in Hindi)”

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