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Top 31 Short Moral Story In Hindi For Class 1 बच्चो के लिए नैतिक कहानी

    Top 31 Short Moral Story In Hindi For Class 1 बच्चो के लिए नैतिक कहानी

    Short Moral Story In Hindi For Class 1:- Hello guys here I’m sharing the top 32 short moral stories in Hindi for class 1 नैतिक कहानी हिंदी में कक्षा 1 के लिए which helps you to understand the society which is very important for today’s society if you like this then share these top stories to your children.

    New 32  Short Moral Story In Hindi For Class 1

    Hindi Short Stories for Class 1 – नुकसान

    एक गाँव था, जिसके चारों ओर जंगल था । जंगल में तरह-तरह के फलों के वृक्ष थे। वसंत ऋतु में वे फूलों से भर जाते। उनकी महक हवा में तैरती रहती । शाखाओं पर तरह-तरह के पक्षी अपना घोंसला बनाते और अपनी चहचहाहट का संगीत बिखेरते। सर्दियों में डालें सेब नाशपातियों से लद जातीं।

    कुछ शरारती लड़कों ने जंगल में घूम-घूमकर घोंसले खोजे और उन्हें नष्ट कर डाला। बेचारी चिड़ियाँ फिर किसी दूसरी जगह जाकर अपना घोंसला बनाने लगीं।

    अब हुआ यह कि फलों और पत्तियों को चाट जानेवाले कीड़े-मकोड़े, जो पहले चिड़ियों द्वारा खा लिये जाते थे, फिर से पनपने लगे और सारे फलों को नष्ट करने लगे। सर्दियों में बच्चों को जो मीठे और अच्छे फल खाने को मिलते थे, अब तोड़ने पर कीड़ेवाले निकलते थे।

    Moral of Hindi Short Stories for Class 1 – जो लोग पेड़-पौधों और पक्षियों को स्नेह देते हैं वे उनसे बदले में उतना ही स्नेह पाते हैं।

    Hindi Short Stories for Class 1 – शह और मात

    एक दिन एक लड़का खेलता-कूदता गाँव से दूर गया। तभी एक भेड़िए की दृष्टि उसपर पड़ी। भेड़िए ने उसे घेर लिया। लड़के ने जब देखा कि अब बचने का कोई उपाय नहीं है तो उसने भेड़िए से एक प्रार्थना की, “सुनो भैया! मौत से मैं डरता नहीं, पर इतना जरूर चाहूँगा कि मेरी मौत सुख से हो।

    अगर तुम मुझे बाँसुरी बजाने दोगे तो मैं उसकी धुन पर नाचूँगा, गाऊँगा । फिर भले ही तुम मुझे खा लेना। मुझे कोई दुःख नहीं होगा। ” भेड़िए ने कहा, “ठीक लड़का बाँसुरी बजाने लगा।

    उस बाँसुरी की आवाज सुनकर लड़के का कुत्ता कहीं से दौड़ा आया और भेड़िए को देखकर उसपर लपका। भेड़िया फौरन नौ दो ग्यारह हो गया।

    Moral of Hindi Short Stories for Class 1 – अगर कोई स्वयं बेवकूफ बनना चाहे तो उसमें किसीका दोष नहीं ।

    Hindi Short Stories for Class 1 – लोहे की उत्पत्ति

    संसार की शुरुआत में वोटो को एक बड़ी चट्टान मिली, जिसे भगवान् लुंबा ने पृथ्वी पर फेंका था । ‘यह तो ईश्वर का नाखून है।’ उसने सोचा। फिर वह उस चट्टान को गाँव में ले आया और लोगों से उसका आदर करने के लिए कहा।

    अगली रात को वोटो ने भगवान् लुंबा को सपने में देखा। भगवान् लुंबा ने उससे कहा, “तुम बड़े अच्छे नेता हो। मेरी हर चीज का तुमने आदर किया है, यहाँ तक कि मेरे नाखून का भी ।

    तुम्हारी इस भावना के बतौर इनाम मैं तुम्हें सिखाऊँगा कि इस नाखून का उचित उपयोग क्या होगा।” और भगवान् लुंबा ने वोटो को सिखलाया कि चट्टान से लोहा कैसे निकाला जाता है।

    Hindi Short Stories for Class 1 – मन की श्रद्धा सुंदर फल देती है ।

    Hindi Short Stories for Class 1 – दुश्मन दोस्त

    जार के मुख्यमंत्री काउंट विट्टी ने एक दिन अपने मंत्री से कहा, “ऐसे सारे लेखकों की सूची बनाओ, जिन्होंने अखबार में मेरे विरुद्ध लिखा है।” जब सूची तैयार हो गई तब विट्टी ने कहा, “अब उन लेखकों के नाम चुनो, जिन्होंने मेरी सबसे कठोर आलोचना की है । ” यह नई सूची भी जब बन गई तब उनके मंत्री ने पूछा, “इन्हें क्या सजा दी जाएगी?”

    “सजा ? कैसी सजा ? अब मैं इनमें से अपने सबसे कठोर आलोचक को अपने समाचार पत्र का संपादक बनाऊँगा। मेरा अनुभव है कि सबसे कठोर आलोचक ही सबसे सच्चा हितैषी होता है।” काउंट विट्टी ने जवाब दिया।

    Hindi Short Stories for Class 1 – सच्चा हितैषी वही होता है जो सही आलोचना करता है |

    Hindi Short Stories for Class 1 – अपवित्र हाथ

    सन् 1857 के विद्रोह के अग्रणियों में बिहार के महाराजा कुँवर सिंह का नाम सदा बड़े सम्मान के साथ लिया जाएगा। वे जब तक जीवित रहे, अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का झंडा ऊँचा किए रहे।

    एक दिन शाहाबाद जाने के लिए कुँवर साहब नाव द्वारा गंगा पार कर रहे थे कि अंग्रेज सेना को इसका पता चल गया। सेनापति लुंगर्ड ने किनारे से गोली चलाई।

    गोली कुँवर सिंह के दाहिने हाथ की कलाई में लगी । उन्होंने चट दाहिने हाथ को तलवार से काटकर गंगा माता को समर्पित करते हुए कहा, “जो हाथ फिरंगी की गोली से अपवित्र हो गया हो वह अब किस काम का ! अतः मैं यह तुम्हें भेंट करता हूँ।”

    Moral of Hindi Short Stories for Class 1 – गौरव और गरिमा से जीना ही जीवन है।

    Hindi Short Stories for Class 1 – शेर और सवा शेर

    एक बूढ़े शेर में अब शिकार करने की ताकत नहीं बची थी । उसने एक उपाय सोच निकाला। सारे जंगल में उसने यह बात फैला दी कि अब वह चंद दिनों का मेहमान है।

    जो उससे मिलना चाहे, बेखौफ मिल सकता है; क्योंकि अब उसने मांसाहारी भोजन भी लेना बंद कर दिया है । यह सुनकर एक के बाद एक भोलेभाले जानवर उससे मिलने गुफा में आने लगे ।

    भूखा शेर आराम से उनको मारकर खा जाता । आखिर में एक लोमड़ी ने सोचा, मैं भी शेर से मिल आऊँ। लोमड़ी बड़ी सयानी थी । जैसे ही वह गुफा के निकट पहुँची,

    उसने पाया कि जमीन पर सभी जानवरों के पैरों के निशान अंदर की ओर जा रहे थे, पर एक भी पाँव का निशान बाहर की ओर आता हुआ नहीं दिखाई पड़ता था। वह माजरा समझ गई और गुफा के दरवाजे से ही वापस लौट आई।

    Moral of Hindi Short Stories for Class 1 – जालिमों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए।

    Hindi Short Stories for Class 1 – करनी का नतीजा

    मालकिन अपने नौकर और नौकरानी को सुबह तब उठाती थी जब तोता शोर करने लगता कि सुबह हो गई, सुबह हो गई।

    एक रोज नौकरानी तोते पर नाराज हो उठी कि यही मुआ शोर करके मालकिन को जगा देता है और वह फिर हमें जगा देती है। अगर यह तोता नहीं होगा तो मजे आ जाएँगे।

    हम थोड़ी देर और सो सकेंगे। यह देख नौकर और नौकरानी ने मिलकर तोते की गरदन मरोड़ दी |

    मालकिन काफी बूढ़ी और बीमार थी । तोते की मौत के बाद उसे वक्त का सही अंदाजा नहीं रहता था। जब भी उसकी नींद खुलती, उसे लगता कि सवेरा हो गया। वह नौकरों को जबरन जगाकर बैठा देती। कभी-कभी तो आधी रात को ही जगा देती। तोता तो अब था नहीं, जो उसे सही समय बताता।

    Moral of Hindi Short Stories for Class 1 -जैसी करनी वैसी भरनी ।

    Hindi Short Stories for Class 1 – पर्वत कैसे बने

    संसार की शुरुआत में पृथ्वी एकदम समतल थी। पर एक दिन वह आकाश से बातें करने के लिए बेचैन हो उठी और धीरे-धीरे ऊँचा उठने लगी। इतना ऊँचे कि बड़ी देर तक वह आकाश से बतियाती रही।

    किंतु जब वह वापस लौटी तो उसके कुछ हिस्से अपनी जगह पर नहीं लौट सके । थकान से चूर वे जितनी ऊँचाई पर थे, वहीं जड़ हो गए और समतल पृथ्वी का रूप बदल गया । वही हिस्से अब जगह जगह पर्वत बन गए थे ।

    Moral of Hindi Short Stories for Class 1 – कुदरत के राज अब तक कोई समझ नहीं पाया।

    Hindi Short Stories for Class 1 – जनता की राय साहबी

    उत्तर प्रदेश के गवर्नर सर मातकम हेली ने जब उपन्यास सम्राट् मुंशी प्रेमचंद को संदेश भिजवाया कि वे उन्हें ‘राय साहब’ का खिताब देना चाहते हैं तो प्रेमचंद चिंतित हो उठे।

    “सिर्फ खिताब ही देंगे कि और कुछ भी?” पत्नी ने पूछा। “इशारा कुछ और के लिए भी है । ” ” तो फिर इसमें चिंता की क्या बात है? ले लीजिए ! इतना सोच विचार क्यों कर रहे हैं?”

    ” इसलिए कि अभी तक मैंने जनता के लिए लिखा है। ‘राय साहब’ बनने के बाद मुझे सरकार के लिए लिखना पड़ेगा।” “ओह, ऐसा! तब गवर्नर को क्या जवाब दीजिएगा ?” पत्नी ने फिर पूछा।

    प्रेमचंद बोले, “लिख दूँगा, जनता की राय साहबी ले सकता हूँ, सरकार की नहीं।

    Moral of Hindi Short Stories for Class 1 – झूठे आदर सम्मान का कोई अर्थ नहीं होता।

    Hindi Short Stories for Class 1 – जिद

    मक्के के खेत के करीब एक जंगल में दो लड़कों ने तीतर का एक घोंसला देखा । किसी तरह वह घोंसला उनके कब्जे में आ गया, जिसमें मादा तीतर अपने अंडों सहित बैठी थी।

    बड़ेवाले लड़के ने कहा, “तुम अंडे ले लो, मैं तीतर रखता हूँ। दोनों का मूल्य बराबर ही है । “

    “जैसाकि तुम कह रहे हो, अगर यह सच है तो तुम अंडे ले लो, मैं तीतर लूँगा।” छोटेवाले लड़के ने जवाब दिया। उनका तर्क-वितर्क लगातार चलता रहा और वे अपनी – अपनी जिद पर डटे रहे। अंत में उनकी इस तू-तू, मैं-मैं में अंडे गिरकर फूट गए और तीतर उड़ गई। दोनों हाथ मलते रह गए।

    Moral of Hindi Short Stories for Class 1 -लालच का अंत बुरा होता है ।

    Hindi Short Stories for Class 1 – साहसी बालक

    कलकत्ता की एक सड़क पर घोड़ागाड़ी दौड़ी जा रही थी। उस घोड़ागाड़ी में एक स्त्री अपने बच्चे के पास बैठी हुई थी । अचानक घोड़ा बिदक गया। कोचवान छिटककर दूर जा गिरा | घोड़ागाड़ी में बैठी स्त्री सहायता के लिए चीख-पुकार मचाने लगी ।

    वह कलकत्ता की भीड़ भरी सड़क थी और उस समय भी लोगों के ठट-के-ठट सड़कों के दोनों ओर जुड़े थे। पर किसीकी भी इतनी हिम्मत नहीं हुई कि आगे बढ़कर घोड़े को काबू कर ले।

    तभी अचानक भीड़ को तेजी से चीरता बारह-तेरह वर्ष का एक लड़का सड़क पर आया और उछलकर घोड़े की पीठ पर बैठने की कोशिश करने लगा। पर घोड़े ने उसे गिरा दिया।

    उसके हाथ, पैर, घुटने रगड़ खाकर बुरी तरह छिल गए। वह खून से लथपथ हो उठा, फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने बार बार कोशिश की और अंत में उसे सफलता मिली।

    वह छलाँग मारकर घोड़े पर सवार हो गया और उसे काबू करने में सफल हो गया। तब कहीं घोड़ागाड़ी पर बैठी स्त्री और बच्चे की जान में जान आई। क्या तुम जानते हो, यह साहसी बालक कौन था? यह था नरेंद्र, जो बड़ा होकर स्वामी विवेकानंद के नाम से संसार में प्रसिद्ध हुआ।

    Moral of Hindi Short Stories for Class 1 -साहस प्रगति की निशानी है।

     

    बंदर के पूर्वज Amazing Short Moral Story in Hindi for class 1

    एक बंदर और लोमड़ी में अच्छी दोस्ती थी। वे दोनों अपना अधिकतर समय एक-दूसरे के साथ बिताते थे।

    वे साथ-साथ खाना तलाशते, खेलते, घूमते और खूब सारी बातें करते।

    एक दिन वे दोनों घूमते-घूमते कब्रिस्तान जा पहुँचे। बंदर वहाँ पर रुक गया तो लोमड़ी ने पूछा,

    “दोस्त! तुम रुक क्यों गए?” बंदर बोला, “दोस्त ! मुझे रोना आ रहा है।

    न जाने इन कब्रों के नीचे दफनाए गए कितने ही आदमियों ने मेरे पूर्वजों की सेवा की थी।”

    लोमड़ी ने तुरंत कहा, “अच्छा ! वैसे भी तुम मुझे इन कब्रों के बारे में कोई भी कहानी सुनाओगे तो मुझे मानना ही पड़ेगा।

    अब बेचारे मरे हुए लोग तो उठकर सच्चाई नहीं बताने वाले हैं । हैं न!” यह सुनकर बंदर चुप रह गया।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: हाजिरजवाबी एक अच्छा गुण है।

    लोमड़ी और लकड़हारा Latest Short Moral Story in Hindi for Class 1

    एक बार एक लोमड़ी शिकारी से बचते-बचाते एक लकड़हारे के पास जा पहुँची। उसने लकड़हारे से विनती की,

    “कृपा करके मुझे शिकारी से बचा लो। मैं तुम्हारी एहसानमंद रहूंगी।”

    लकड़हारे ने लोमड़ी से अपनी झोपड़ी में छिप जाने को कहा। कुछ देर बाद शिकारी वहाँ आया और उसने लकड़हारे से लोमड़ी के बारे में पूछा तो लकड़हारे ने मुँह से तो ‘न’ कह दिया,

    लेकिन उंगली से अपनी झोंपड़ी की तरफ इशारा कर दिया। शिकारी की समझ में कुछ नहीं आया और वह वहाँ से चला गया।

    शिकारी के जाने के बाद लोमड़ी झोंपड़ी से बाहर आई और जाने लगी तो लकड़हारा बोला,

    “मैंने तुम्हारी जान बचाई। कम से कम शुक्रिया तो अदा करती जाओ।” अच्छा! तुम तो विश्वासघाती हो।

    मैंने तुम्हें झोंपड़ी की तरफ इशारा करते हुए देख लिया था। तुम जैसे व्यक्ति को धन्यवाद क्यों कहूँ?” यह कहकर लोमड़ी वहाँ से चली गई।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा : हमें कभी भी दूसरों का विश्वास नहीं तोड़ना चाहिए।

    मुखिया की सलाह Kids Short Moral Stories for Class 1 in Hindi

    उन्होंने तुरंत जाल खींचा। जाल में मछली नहीं, बल्कि पत्थर और कूड़ा-करकट फँसा था।

    यह देखकर मछुआरे निराश हो गए। उन्हें निराश देखकर उनका मुखिया बोला, “इस तरह निराश मत हो।

    थोडा हिम्मत व धैर्य रखो। देखना, हम लोग मछली पकड़ने में जरूर सफल होंगे। तुम लोग जाल को भारी जानकर अति उत्साहित हो गए थे।

    हमें हमेशा सफलता की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लेकिन जब तक सफलता न मिल जाए, तब तक प्रयास करते रहना चाहिए।”

    मुखिया की बातें सुनकर मछुआरों की हिम्मत बंधी और वे फिर से जाल फेंकने के लिए तैयार हो गए।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा : हमें असफलता से निराश नहीं होना चाहिए।

    न्याय-अन्याय In Hindi Short Story For Class 1

    उस समय की बात है, जब ईश्वर ने सृष्टि का निर्माण किया था। मानव ने शक्तिशाली जानवरों और उड़ते पक्षियों को देखकर सोचा कि भगवान ने उसके साथ अन्याय किया है।

    एक दिन वह भगवान से बोला, “हे भगवान! तुमने किसी जीव को शक्ति दी है, किसी को गति तो किसी को पंख|

    लेकिन मुझे ऐसी कोई शक्ति नहीं दी। आपने मेरे साथ अन्याय किया है।

    मुझे भी ऐसा ही कोई अच्छा तोहफा दीजिए।” भगवान ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैंने सबसे अच्छा तोहफा तुम्हें ही तो दिया है।

    वह है, ‘बोलने की शक्ति’।

    इसी के कारण तुम अपनी इच्छा और नाखुशी मुझे बता पा रहे हो, जबकि बाकी जीव अपनी बात मुझ तक नहीं पहुँचा सकते।

    तुम्हें अपनी शक्ति को पहचानना चाहिए।” भगवान की बातों से आश्वस्त होकर मानव ने उन्हें अनमोल तोहफा देने के लिए धन्यवाद दिया और लौट आया।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: हमें अपनी विशेषताओं का आकलन करना आना चाहिए।

    पूँछकटी लोमड़ी Animals Short Moral Story in Hindi for Class 1

    एक बार एक लोमड़ी जंगल में खाने की तलाश में भटक रही थी। दुर्भाग्यवश वह शिकारियों द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गई।

    खुद को जाल से छुड़ाने के चक्कर में उसकी पूँछ जाल में फँसकर कट गई।

    लोमड़ी दर्द के मारे कराहने लगी। दर्द से ज्यादा उसे पूँछ कटने पर शर्मिंदगी महसूस हो रही थी।

    उसने तुरंत एक योजना बनाई। अगले दिन उसने सभी लड़कियों की एक सभा बुलाकर कहा,

    “दोस्तों! जैसा कि तुम देख रहे हो कि मेरी पूँछ कटने से छोटी और सुंदर हो गई है तो मेरी सलाह है कि तुम लोग भी अपनी पूँछ कटवा लो। लंबी पूँछ से बेवजह वजन बढ़ता है और यह भद्दी भी लगती है।”

    एक लोमड़ी बोली, “तुम बड़ी चालाक हो। तुम्हारी पूँछ कट गई तो तुम हमारी पूँछ भी कटवाना चाहती हो।

    तुम सिर्फ अपना भला सोच रही हो, न कि हमारा। अपनी सलाह अपने पास रखो।” यह सुनकर पूँछकटी लोमड़ी चुपचाप वहाँ से चली गई।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा : हमें अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का बुरा नहीं सोचना चाहिए।

    भगवान की दूत God Short Moral Story in Hindi for Class 1

    एक दिन लड़कियों का एक दल पानी पीने के लिए नदी किनारे पहुँचा। नदी उस समय अपने पूरे उफान पर थी।

    उन्हें पानी पीने के लिए आगे बढ़ने में डर लग रहा था। तब उनमें से एक लोमड़ी शेखी बघारते हुए बोली,

    “कायरों! मुझे तुम्हें अपना साथी कहते हुए शर्म आती है। मैं तुम्हें दिखाती हूँ कि मैं कितनी निडर व साहसी हूँ।”

    यह कहकर वह लोमड़ी छपाक से नदी में कूद गई। जल्दी ही वह नदी के बहाव के साथ बहने लगी।

    यह देखकर नदी किनारे खड़ी हुईं लोमड़ियों ने मजाक करते हुए पूछा, “अरे! तुम कहाँ जा रही हो? क्या तुम हमें पानी पीकर नहीं दिखाओगी?”

    “अभी नहीं, साथियो! मैं भगवान की भेजी हुई दूत हूँ। बस उसी से मिलने जा रही हूँ।”लोमड़ी बमुश्किल कह सकी।

    देखते ही देखते वह दूर बह गई।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा : कभी-कभी हमारा बड़बोलापन हमारे लिए घातक साबित होता है। इसलिए हमें शेखी नहीं बघारनी चाहिए।

    धनी व्यापारी Rich Short Moral Story in Hindi for Class 1

    एक बार एक धनी व्यापारी जहाज द्वारा यात्रा कर रहा था। जहाज पर और भी यात्री सवार थे।

    रास्ते में समुद्र में तूफान आ गया, जिससे जहाज डूबने लगा। समुद्र में सवार यात्री एक-एक करके समुद्र में कूद गए,

    ताकि वे तैरकर समुद्र के किनारे तक पहुँच सके। लेकिन धनी व्यापारी नहीं कूदा। उसे लोगों ने समुद्र में कूदने को कहा तो वह

    कूदने की बजाए जोर से चिल्लाकर बोला, “हे भगवान! मुझे बचा लो। मैं अभी मरना नहीं चाहता।

    यदि मैं बच गया तो मैं आपको सौ बैलों की बलि के साथ कीमती रत्न भेंट करूंगा। आप बस मेरी रक्षा कीजिए।”

    व्यापारी की बात सुनकर एक यात्री बोला, ” भगवान तुम्हारी जरूर सुनेंगे, लेकिन तभी,

    जब तुम समुद्र में कूदकर तैरने की कोशिश कर स्वयं को बचाओगे। भगवान उन्हीं की मदद करते हैं जो स्वयं अपनी मदद करते हैं। इसलिए कोरी बातें मत बनाओ और तैरकर समुद्र पार करो ।”

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा : हमें कर्म करना चाहिए और फल की चिंता छोड़ देनी चाहिए।

    सही समय Interesting Short Story in Hindi for Class 1 with Moral

    एक बार एक पिंजरे में बंद बुलबुल रात के समय गा रही थी, उसका पिंजरा खिड़की के पास लटक रहा था।

    उसका गाना सुनकर एक चमगादड़ वहाँ आया और उसने पूछा, “प्रिय बुलबुल!

    तुम बहुत मीठा गाती हो। तुम्हारा गाना सुनकर मन आनंदित हो गया है। लेकिन तुम दिन के बजाए रात में क्यों गा रही हो?

    बाकी सब बुलबुलें तो दिन में गाती हैं।” “मैं भी पहले दिन के समय गाती थी।

    लेकिन मेरे गाने के कारण मैं पिंजरे में कैद कर ली गई। इसलिए अब मैं सावधानी बरतते हुए रात के समय गाती हूँ,

    ताकि फिर कोई मुझे कैद न कर सके।”

    “तुम कितनी बेवकूफ हो! अरे ! अब तो तुम कैद कर ली गई हो। अब सावधान। होने से क्या फायदा!”

    यह कहकर चमगादड़ वहाँ से उड़ गया।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा : हर काम सही समय पर करना चाहिए, तभी उसकी महत्ता होती है।

    किसान और उसके आलसी बेटे Sons Short Moral Story in Hindi for Class 1

    एक गाँव में एक किसान रहता था। उसके दो बेटे थे और दोनों पहले दर्जे के आलसी थे। किसान दिन भर खेतों में मेहनत करता और दोनों बेटों का भरण पोषण करता। एक दिन किसान बीमार पड़ गया।

    हर तरह के इलाज के बाद भी उसकी बीमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही थी। वह समझ गया था कि अब वह ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रहेगा। उसे अपने दोनों बेटों की चिंता थी कि उसके मरने के बाद उनका क्या होगा।

    एक दिन लेटे-लेटे उसे एक तरकीब सूझी। उसने दोनों बेटों को बुलाकर कहा, “मैंने अंगूरों के बाग में बहुत नीचे तुम्हारे लिए खजाना दबाया हुआ है। मेरे मरने के बाद उसे खोदकर निकाल लेना।”

    किसान के मरने के बाद किसान के बेटे अंगूरों के बाग में गए। उन्होंने मिलकर पूरा खेत खोद डाला पर कुछ हाथ न लगा। वे अपने पिता को कोसने लगे।

    कुछ दिनों बाद बरसात हुई और उनकी अंगूरों की बेलें लहलहाने लगी। बेलें अंगूरों से लद गई थीं। अंगूर पकने पर उन्होंने उन्हें महंगे भाव से बेचा और अमीर बन गए।अब उन्हें समझ आया कि उनके पिता ने इसी खजाने के बारे में कहा था।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: परिश्रम से ही सफलता मिलती है।

    कौआ और चील Birds Short Moral Story in Hindi for Class 1

    एक दिन एक मादा भेड़ अपने मेमने के साथ खेत में चर रही थी। अचानक एक चील मेमने पर झपटी और उसे अपने मजबूत पंजों में पकड़कर ले उड़ी। समीप ही एक पेड़ पर बैठा कौआ यह दृश्य देख रहा था।

    उसने सोचा कि जब चील मेमने को उठाकर ले जा सकती है तो मैं क्यों नहीं? मैं तो उससे ज्यादा चालाक हूँ और मेरे पंजे भी उसकी तरह ही मजबूत हैं।

    यह विचार आते ही वह तेजी से भेड़ पर झपटा और उसे पंजों से उठाने की कोशिश करने लगा। उसके पंजे भेड़ के शरीर पर उगी ऊन में फँस गए। वह निकालने की जितनी कोशिश करता, पंजे और ज्यादा उलझ जाते।

    एक राहगीर ने जब भेड़ की ऊन में फंसे कौए को देखा तो सोचने लगा,’इस कौए को छुड़ाकर पिंजरे में डालकर अपने घर ले जाऊंगा।

    इसे देखकर मेरे बच्चे खुश होंगे।’ उसने ऐसा ही किया। अब पिंजरे में बंद होकर कौआ अपनी मूर्खता पर आँसू बहाने लगा।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा : अपनी क्षमताओं का आकलन करके ही कोई काम करें।

    झूठी शपथ Short Moral Story In Hindi For Class 1

    एक दिन शाम को एक चरवाहा अपने पशुओं को घर वापस ले जाने के लिए इकट्ठा कर रहा था।

    उसने जब पशुओं की गिनती की तो एक बैल कम निकला। उसने आसपास उसे काफी ढूँढा मगर वह नहीं मिला।

    हारकर उसने भगवान से प्रार्थना की, “हे भगवान् ! यदि मेरा बैल और उसे चुराने वाला मिल गया तो मैं एक बछड़े की बलि दूंगा। मैं यह बात शपथ लेकर कहता हूँ। बस, मेरा बैल मिल जाए।”

    फिर चरवाहा अपने पशुओं को लेकर आगे बढ़ गया। थोड़ी दूर जाने पर ही उसे अपना बैल मिल गया।

    उसके बैल को चुराने वाला कोई और नहीं, बल्कि एक शेर था।

    शेर को अपने सामने देखकर डरपोक चरवाहा थर-थर काँपने लगा और उसने शपथ ली, “हे भगवान! यदि आप मुझे इस शेर के पंजों से बचा लेंगे तो मैं एक बैल की बलि दूंगा।”

    इस तरह उस चरवाहे ने सिद्ध कर दिया कि वह झूठा है और झूठी शपथ लेता है।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: व्यक्ति को अपनी बात से नहीं पलटना चाहिए।

    अंधे व्यक्ति की सूझ-बूझ Short Moral Story In Hindi For Class 1

    एक नगर में एक अंधा व्यक्ति रहता था। वह स्पर्श मात्र से ही किसी भी चीज को पहचान लेता था। उसका एक बेटा था।

    एक दिन उसका बेटा जंगल से एक भेड़िए का एक बच्चा पकड़ लाया और उसे अपने पिता की गोद में डालते हुए बोला,

    “पिताजी! बताइए, यह क्या है? ” अंधे ने भेड़िए के बच्चे के शरीर पर हाथ फेरा और बोला, “मुझे पूरी तरह तो नहीं मालूम,

    पर फिर भी कह सकता हूँ कि यह जानवर लोमड़ी या उसी की प्रजाति का है।

    साथ ही, यह बात तो मैं दावे से कह सकता हूँ कि यह भेड़ से अलग है।”

    इस तरह उस अंधे व्यक्ति ने अपनी बुद्धिमानी से बिना देखे ही दिए गए जानवर को पहचान लिया और सिद्ध कर दिया कि आँखों के न होने पर भी व्यक्ति को सामान्य काम करने में बाधाएँ नहीं आती।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: सूझ-बूझ व समझदारी से हर काम किया जा सकता है।

    झूठा आदमी Short Moral Story In Hindi For Class 1

    एक बार एक व्यक्ति बहुत बीमार पड़ गया। उसके बचने की कोई आशा नहीं थी। लेकिन मरते-मरते भी उस आदमी ने भगवान से प्रार्थना की,

    “हे भगवान! यदि आप मुझे थोड़ी उम्र और दे दें तो मैं आपको सौ बैलों की बलि चढ़ाऊंगा।” भगवान ने उसकी प्रार्थना सुन ली और उसे स्वस्थ कर दिया।

    परंतु स्वस्थ होने पर उस आदमी की नीयत बदल गई और उसने सौ बैलों की मिट्टी की मूर्तियाँ बनाईं और उन्हें हवनकुंड में डाल कर बोला, “है भगवान!

    मैं तुम्हें अपनी शपथ के अनुसार सौ बैलों की बलि दे रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार करें।%” उस व्यक्ति की बेईमानी पर भगवान बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने उसे स्वप्न में आकर कहा,”बेटा!

    समुद्र तट पर कल तुम्हें सोने की सौ मोहरें मिलेंगी।” वह व्यक्ति लालची तो था ही, इसलिए रात में ही समुद्र की ओर चल पड़ा।

    वहाँ पहुँचने पर समुद्री डाकुओं ने उस पर जमकर कोड़े बरसाए और दास बनाकर अपने साथ ले गए।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: झूठ बोलना पाप है।

    बिल्ली की मूर्खता Short Moral Story In Hindi For Class 1

    एक घर में एक बिल्ली रहती थी। उसका नाम नैन्सी था। नैन्सी घर में रहकर ही चूहों का शिकार करती और सोती रहती।

    एक दिन वह घर पर बोर हो रही थी तो उसके मन में विचार आया कि किसी दूसरे घर में घूमकर आया जाए।

    यह विचार आते ही वह घर से निकल पड़ी और अपने घर से थोड़ी ही दूरी पर रहने वाले लोहार के घर में घुस गई।

    उसने लोहार का सारा घर छान मारा, पर उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला।

    फिर वह लोहार के कमरे में जाकर चीजें उलटने-पलटने लगी। उसने औजारों का एक बक्सा खोल लिया।

    उसमें उसे एक चाकू दिखाई दिया। चाकू निकालकर उसे जीभ से चाटने लगी।

    इससे उसकी जीभ एक-दो जगह से कट गई और उसने सोचा कि इससे कोई पीने वाली चीज निकली है।

    वह दोबारा चाकू को चाटने लगी जिससे उसकी जीभ कटकर नीचे गिर गई।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा : बिना जाने किसी चीज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

    डरपोक शिकारी Short Moral Story In Hindi For Class 1

    एक दिन जंगल में एक लकड़हारा लकड़ियाँ काट रहा था कि तभी वहाँ पर एक शिकारी हाँफता हुआ आया।

    उसने लकड़हारे से पूछा, “महाशय! क्या आपने शेर के पैरों के निशान देखे हैं?

    क्या आप मुझे शेर की गुफा दिखा सकते हैं?” लकड़हारे ने सोचा, लगता है कि यह शिकारी काफी बहादुर है,

    इसीलिए शेर का पीछा कर रहा है। मुझे इसकी मदद अवश्य करनी चाहिए।” यह सोचकर वह शिकारी से बोला, “मेरे साथ चलिए।

    मैं आपको शेर की गुफा तक ले चलता हूँ।” यह सुनते ही शिकारी डर के मारे काँपने लगा। फिर थोड़ा साहस करके बोला, “बस ठीक है। मुझे सिर्फ शेर के पैरों के निशान देखने थे।

    उसकी गुफा में जाकर मैं क्या करूंगा?’ उसकी बात सुनकर लकड़हारा सोचने लगा कि यह शिकारी उन लोगों में से है जो बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं पर काम कुछ नहीं करते।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: व्यक्ति को बातें ही नहीं, बल्कि काम भी बड़े करने चाहिए।

    छोटू की सीख For Class 1 Short Moral Story In Hindi

    किसी समय एक समुद्र में डॉल्फिन, व्हेल और कुछ छोटी मछलियाँ साथ-साथ रहती थीं।

    एक बार उनमें किसी बात पर मन-मुटाव हो गया। डॉल्फिन और व्हेल में भयंकर लड़ाई होने लगी।

    समुद्र के छोटे जीव-जंतु इस अशांत माहौल से काफी डर गए थे। एक नन्ही मछली ने सोचा कि वह दोनों मछलियों को समझाने का प्रयास करेगी कि इस तरह लड़ाई-झगड़े का क्या फायदा; दोनों मिल-जुलकर रहो।

    एक दिन डॉल्फिन और व्हेल मछली लड़ने के लिए आमने-सामने खड़ी थीं कि वह नन्ही मछली वहाँ पहुँच गई।

    वह दोनों को संबोधित करके बोली, “बहनो! मुझे बताओ कि तुम दोनों क्यों लड़ रही हो?

    मैं तुम्हारा झगड़ा सुलझाती हूँ।” यह सुनकर दोनों बड़ी मछलियाँ उसका मजाक उड़ाते हुए बोली,

    “तुम्हारे जैसी छोटी मछली से सलाह लेने से तो अच्छा है कि हम दोनों मछलियाँ लड़ते-लड़ते ही मर जाएँ।”

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: किसी के झगड़े में नहीं पड़ना चाहिए।

    उपदेशक और आलोचक New Short Moral Story In Hindi For Class 1

    एक दिन एक महात्मा किसी सभा में उपदेश दे रहे थे। उनके उपदेश सुनने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा थी। इस सभा में सभी लोग शांतिपूर्वक बैठकर उसे सुन रहे थे

    परंतु उनके बीच बैठा एक आदमी बार-बार बीच में उन्हें टोक रहा था। पहले तो उन्होंने उसे शांत करने की कोशिश की लेकिन जब वह व्यर्थ के तर्क देने से बाज नहीं आया और उनका अपमान करने लगा तो उन्होंने उसे फटकारना जरूरी समझा।

    वह बोले, “तुम्हें इस तरह मेरी बात काटकर मेरा अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है। यदि तुम्हें मेरी बात नहीं सुननी तो यहाँ से चले जाओ। कम से कम बीच में विघ्न तो मत डालो।

    तुम्हारे बार-बार बीच में टोकने से मुझे ही नहीं बल्कि औरों को भी परेशानी हो रही है। आखिर तुम यहाँ आए ही क्यों थे? जाओ,

    अब यहाँ से चले जाओ और कारण विघ्न पैदा न करो।” वह व्यक्ति चुपचाप वहाँ से उठकर चला गया।।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: अज्ञात व्यक्ति को ज्ञान की बात नहीं सुनती।

    Short Moral Story In Hindi For Class 1 Video:-

    शेर की गुफा में हिरण Latest Short Moral Story In Hindi For Class 1

    एक दिन जंगल में एक हिरण खाने की तलाश में घूम रहा था। तभी वहाँ पर शिकार करने आए कुछ शिकारियों की नजर उस पर पड़ गई। शिकारियों से बचता हुआ वह इधर-उधर छिपने की जगह ढूँढने लगा।

    भागते-भागते उसे एक बड़ी-सी गुफा दिखाई दी और वह बिना सोचे-समझे उसमें घुस गया। यह गुफा शेर की थी। उस समय शेर कहीं गया हुआ था। बहरहाल,

    वहाँ आकर हिरण की जान में जान आई कि अब शिकारी उसे पकड़ नहीं पाएंगे। लेकिन वह बैठकर अभी चैन की साँस भी नहीं ले पाया था कि शेर गुफा में लौट आया।

    हिरण को अपनी गुफा में देखकर शेर की खुशी का ठिकाना न रहा। उसने झपटकर हिरण को पकड़ लिया और उसका काम तमाम कर दिया।

    शेर ने हिरण को खाकर मजे से अपना पेट भरा। बेचारा हिरण परेशानी में पड़कर अच्छा-बुरा न समझ सका और अपनी जान गँवा बैठा।

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: हमें मुसीबत के समय धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए।

    घोड़े की जीत Short Moral Story In Hindi For Class 1

    एक दिन एक घोड़े और एक हिरण में इस बात पर बहस शुरू हो गई कि दोनों में कौन अधिक तेज दौड़ सकता है।

    घोड़ा कह रहा था कि मैं सबसे तेज दौड़ सकता हूँ। दूसरी ओर हिरण भी अपनी जिद पर अड़ा हुआ था।

    उसका भी यही कहना था कि वह सबसे अधिक तेज दौड़ सकता है। आखिरकार घोड़ा एक व्यक्ति के पास जाकर बोला,

    “क्या, आप मेरी मदद कीजिए, ताकि मैं हिरण को हरा सकूँ।

    ” वह आदमी बोला, “ठीक है ! मैं तुम्हारी मदद करने को तैयार हूँ लेकिन सबसे पहले मैं तुम्हारी पीठ पर काठी डाल कर बैठना चाहूंगा।”

    घोड़ा इस बात के लिए राजी हो गया। आदमी तुरंत उसकी पीठ पर काठी डाल कर बैठ गया।

    फिर दोनों ने हिरण को हरा दिया। हिरण को हराने के बाद घोड़ा आदमी से बोला,”अब आप मेरी पीठ से उतर जाओ।” आदमी बोला,

    “मैं नहीं उतरूंगा क्योंकि अब तुम पर मेरा अधिकार हो गया है और तुम्हें अब वही करना पड़ेगा, जो मैं चाहूंगा।”

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा : में अनजान व्यक्ति पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

    शेर और व्हेल की मित्रता Amazing Short Moral Story In Hindi For Class 1

    एक दिन एक शेर समुद्र के किनारे खड़ा होकर लहरों को तट से टकराते हुए देख रहा था। तभी उसकी नजर पानी की सतह पर आई व्हेल पर पड़ी। वह बोला, “व्हेल! तुम कितनी सुंदर और बड़ी हो।

    जिस तरह मैं जंगल के जानवरों का राजा हूँ, उसी तरह तुम समुद्र के सभी जीवों की रानी हो। क्यों न हम दोनों दोस्त बन जाएँ,

    ताकि मुसीबत के वक्त एक दूसरे के काम आ सकें?” “विचार तो अच्छा है,” कहकर व्हेल समुद्र के अंदर चली गई।

    कुछ दिनों बाद अचानक व्हेल ने देखा कि एक बैल शेर के पीछे पड़ा है। समुद्र तट पर आकर शेर ने व्हेल को मदद के लिए पुकारा, पर जैसे ही व्हेल समुद्र से बाहर निकलने लगी, उसका दम घुटने लगा।वह दोबारा समुद्र में चली गई।

    यह देखकर शेर को बहुत बुरा लगा। बाद में शेर ने व्हेल से पूछा कि वह मुसीबत के समय उसकी मदद के लिए क्यो नहीं आई तो वह बोली,

    “इसमें मेरी कोई गलती नहीं है, क्योंकि भगवान ने मुझे सिर्फ पानी में ही शक्तिशाली बनाया है। पानी से बाहर आकर मैं जीवित नहीं रह सकती।”

    Moral of Hindi Story for Class 1 – शिक्षा: दोस्ती बराबर वालों में ही अच्छी होती है।

     

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