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Top 15+ होली पर बेहतरीन कविता, Holi Poem in Hindi, Holi par Kavita

    Top 15+ होली पर बेहतरीन कविता, Holi Poem in Hindi, Holi par Kavita

    होली कविता हिंदी में

    होली है भाई होली है ,
    बुरा न मानो होली है ,
    आओ मिलकर खुशियां मनाएं
    अपनों को हम रंग लगाएं।

    फूलो से हम खेलें होली ,
    बचत करें हम पानी की ,
    सब मिलकर जोर से गायें ,
    बुरा न मानो होली है।

    किसी को न ठेश पहुचायें ,
    नए नए पकवान खाएं और खिलायें।
    खुद भी रंग लगाएं और
    दुसरो को भी लगाएं

    Famous Hasya Kavita Holi Par

    रंग हो हुरदंग हो
    अपनों का संग हो
    उल्लाश हो उमंग हो
    करोना से जंग जीत लो
    नकारात्मकता निराशा भंग हो
    रोम रोम हो हर्षित पुलकित अंग अंग हो
    मिट जाए मतभेद जीने का न्या ढंग हो
    सतर्कता हो सावधानी हो
    रंग में न भंग हो
    बुराई की होलिका जले
    जीवन में नई तरंग हो

    होली पर सुन्दर कविता

    होली आ गई होली आ गई
    मौषम रंग बिरंगी लायी
    झूमो नाचो ख़ुशी मनाओ
    खुशियों की बौछार लायी

    होली आ गई होली आ गई
    देखो कितनी रौनक लायी ,
    रंगो का यह खेल प्यारा
    होली के रंग में डूबा जग सारा

    क्या छोटे क्या बड़े सभी
    होली के रंग में रंग गए सभी ,
    भुला के एक दूजे के बैर
    एक रंग में रंग गए।

    रंगों का त्योहार होली पर कविता

    होली है भई होली है
    प्यार भरी रंगोली है
    आओ मिलकर साथ चले
    सबसे जाकर गले मिलें

    लो अपनी टोली निकली
    धूम मची है गली गली
    पीला हरा गुलाब लाल
    चले हाथ में लिए गुलाल

    सबसे अपनी यारी है
    रंग बिरंगी पिचकारी है
    नाच रहें हैं खड़े खड़े
    झूम रहें हैं बड़े बड़े।

    यह सब का त्यौहार है
    हम सबको प्यार है।

    होली कविता हिंदी में

    रंगो का त्यौहार है ,
    खुशियों का बौछार है होली
    लाल गुलाबी पिले देखो
    रंग सभी रंगीले देखो
    पिचकारी भर भर लाते
    इक दूजे पर सभी चलाते
    होली पर अब ऐसा हाल
    हर चेहरे पर आज गुलाल
    आओ यारों इसी बहाने
    दुश्मन को भी चलें मनाने।

    होली पर बच्चो के लिए कविता

    रंग बिरंगी होली आई
    खुशियों को संग लायी होली

    अपने रंग में रंगने की
    अपनों के संग लायी होली

    बुराइयों को मिटाने को
    अच्छाई का दिप जलाये होली

    रूठे हुए को मनाने को
    प्यार की भाषा सिखाये होली ,

    भूखे हुए को खिलाने को
    पकवानो की थैली लायी होली

    बिछड़े हुए को मिलाने को
    रंगो की शाम लाये होली

    सबके जीवन को खुशहाल करने की
    यादों की पोटरी लायी होली।

    होली कविता हिंदी में

    रंगो का त्यौहार है होली ,
    खुशियों की बौछार है होली ,
    लाल गुलाबी पिले देखो
    रंग सभी रंगीले देखो
    पिचकारी भर भर लें आतें
    एक दूजे पर सभी चलाते
    होली पर अब ऐसा हाल
    हर चेहरे पर आज गुलाल
    आओ यारों इसी बहाने
    दुश्मन को भी चलो मनाने।

    हिंदी में बच्चों के लिए होली पर कविता

    रंग रंगीली मस्ती वाला
    आया होली का त्यौहार
    प्रेम भाव से इसे मनाएं
    न हो कोई भी तकरार।

    रंग बिरंगे इस पर्व पर
    होता बिना किये श्रृंगार
    नाचे गाये ढोल बजाए
    हम बच्चो की टोली भरमार।

    रंग लगाएं एक दूजे को
    करे प्रेम रस की बौछार ,
    जाती मजहब सब भूले आज
    बड़ों का सम्मान और छोटों से प्यार करें।

    होली कविता कविता

    रीत -प्रीत गीत -मीत और
    रंग उमंग तरंग उपहार
    भेद भाव मिटाने दिल का
    आता है होली का त्यौहार।

    रंग रगिला देश हमारा
    रंग बिरंगी होली है
    रंग बिरंगी होकर निकली
    आज हमारी टोली है ,

    किसी हाथ में है पिचकारी
    किसी हाथ में रोली है ,
    सबके मन में प्रेम भाव है
    चलती हँसी ठिठोली है

    सबके मुखड़े रंग पुते हैं
    कोन राम है कोन किसन
    भेदभाव के बात न कोई
    आज मिलें हैं सबके मन ,

    चलो सभी पकवान मिठाई
    बंटे खाये होली में,
    एक रंग में सब रंग जाए ,
    मिलकर गायें होली में

    आगे मिलकर गले मिले हम
    स्नेह लुटाएं होली में
    कभी किसी पर कालिख कीचड़
    नहीं लगाएं होली में

    होली पर बाल कविता

    होली आ गई, होली आ गई
    रंग बिरंगे रंग उड़ाती आयी
    होली धमाके के साथ आई
    खुशियां बांटने आई होली
    बच्चो की ये टोली साथ अपने पिचकारी लायी।
    देखो घरो में कैसी ये खुशबु आयी
    गुजियो की महक से बचपन की याद है दिलाई ,
    सारे जग में रगो की ये फुलवारी खिल उठी
    जिसे देख मन मगन हो जाए
    देखो होली आ गई, होली आ गई।

    होली पर लघु कविता हिंदी में

    रंग बिरंगी प्यारी प्यारी
    होली की भर लो पिछकारी
    एक दूजे को रंग दो ऐसे
    मिटी दूरियाँ दिल की साड़ी
    तन भी रंग लो मन भी रंग लो
    परम्परा ये कितनी न्यारी
    रंगो का त्यौहार अनोखा
    आज है पुलकित हर नर नारी
    प्रेम पर्व है आज बुझा दो
    नफरत की हर इक चिंगारी
    जाती धर्म का भेद भुला दो
    मानवता के पुजारी बनें

    होली के लिए कविता

    आया रंगो का त्यौहार
    अपार खुशियाँ लाना
    रंगो से रंग मिले ,मिले नैन से नैन
    उमंगो की बहारों से मन को आये चैन
    इन खाली दिमागों को इन रंगों से भर दें
    हटाएँ निराशा कालापन करदें सीतल तन को
    रंगो की बहारो से भर जाए हर इक झोली
    प्रेम स्नेह आदर वाली ,खेले जब हम होली
    न दिखे मुर्झायें चेहरे न हो कहि उदासी
    हिल मिलकर बढे सब आगे मेरे भारत वासी
    ऊँच नीच भेदभाव मिटे ,न हो कड़वी बोली
    आओ मिलकर यु मनाएं उमंगो वाली होली

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