Skip to content

Top 10 Small Stories in Hindi with Moral

    Top 10 Small Stories in Hindi with Moral

    शेर और गधा New Small Stories in Hindi with Moral

    आज शेर का जन्मदिन था। सारे पशु-पक्षी तोहफे लेकर शेर की गुफा की ओर गए। गुफा में खाने-पीने और मौज-मस्ती का सारा प्रबंध किया गया था। शेर ने सभी पशु-पक्षियों को बढ़िया भोजन का न्यौता दिया था।

    सभी लोग वहां मौजूद थे। तय समय पर केक काटा गया। तब, सब ने जन्मदिन का गीत गाय और खूब दावत उड़ाई। पार्टी के बाद, शेर ने ध्यान दिया कि सभी आए थे लेकिन गधा नहीं पहुंचा।

    उसने सोचा कि हो सकता है कि वह किसी ज़रूरी काम में उलझा हो। अगले दिन, जब शेर गधे से मिला, तो उसने उससे इस बारे में पूछा। गधे ने जवाब दिया, “वह! मुझे पार्टियों में जाना पसंद नहीं है। घर जैसी कोई जगह नहीं है।

    इसलिए मैंने घर पर रहकर आराम किया।” गुस्से में आकर शेर ने गधे को जंगल से निकाल दिया। तब से गधा इंसानों के बीच रहता है और उनका बोझ ढोता फिरता है।

    शिक्षाः सच ऐसा बोलो जिससे किसी की भावना को चोट न पहुंचे।

     

    दो गधे Amazing Small Stories in Hindi with Moral

    एक बार, एक अमीर जौहरी और एक लोहा व्यापारी, अपने गधों के साथ कहीं जा रहे थे। जौहरी ने अपने गधे को खूब सजा रखा था। उसने उसकी पीठ पर रेशम का कपड़ा डाल रखा था।

    गधे की पीठ पर दो बड़ी बोरियों में सोने के सिक्के व कीमती रत्न लदे हुए थे। दूसरी तरफ, लोहा व्यापारी का गधा साधारण था। उसकी बोरियों में कुछ लोहे के औज़ार लदे थे।

    अपने रूप व कीमती सामान के कारण सुनार का गधा अहंकारी हो गया था। उसकी चाल में घमंड था। दूसरे गधे की चाल धीमी व शांत थी। अचानक डाकुओं की एक टोली वहां आकर रुकी।

    जौहरी और लोहा व्यापारी, अपनी जान बचाने के लिए वहां से भाग गए। उन्होंने अपने गधों को वहीं छोड़ दिया। डाकुओं ने लोहा व्यापारी का सामान देखा। उन्हें उस में कुछ भी कीमती सामान नहीं मिला और उन्होंने उस गधे को जाने दिया।

    तब उन्होंने घमंडी गधे को देखा। उन्होंने उस पर लदा कीमती सामान व उसका पहना हुआ रेशमी कपड़ा ले लिया। जब गधे ने उन्हें ऐसा करने से रोका तो उन्होंने उसे पीट डाला।

    शिक्षाः घमंड और धन, दोनों मुसीबतों को अपने पास बुलाते हैं।

     

    पापक का भ्रम Latest Small Stories in Hindi with Moral

    एक बार, एक गुरुकुल में पापक नाम का एक लड़का पढ़ता था। ‘पापक यानि पापी। वह लड़का अपना नाम बदलना चाहता था। उसके गुरु ने उससे कहा कि वह जाए और अपने लिए नया नाम ढूंढे।

    रास्ते में, वह एक गरीब सफाई कर्मचारी से मिला। उसका नाम था ‘धनलक्ष्मी’, जिसका अर्थ होता है ‘धन की देवी।’ वह थोड़ी आगे गया तो उसे एक चोर मिला। उस चोर का नाम ‘रामदास’ था, जिसका मतलब होता है

    ‘वह आदमी जो नेक काम करता है।’ आगे जाकर, उसे सड़क पर एक अनपढ़ लड़का मिला जिसका नाम ‘विद्या दास’ था, जिसका मतलब है ‘ज्ञान का शिष्या’ पापक आगे बढ़ता गया और एक गांव में पहुंचा।

    वह एक शमशान के पास से गुज़रा। वहां कुछ लोग जमा थे। पूछने पर उसे पता चला कि वहां एक आदमी मर गया था, उसका नाम ‘अमर सिंह’ था, जिसका मतलब है ‘कभी न मरने वाला शेर।’ पापक ने सोचा,

    “वह! उसे अमर सिंह कहा जाता था, फिर भी वह मर गया?” पापक वापस अपने गुरुकुल लौट आया और अपने गुरु को सारी बातें बतला दीं। उसके गुरु ने कहा, “नाम केवल किसी व्यक्ति को बुलाने के लिए इस्तेमाल होता है।

    तुम्हारा व्यवहार और तुम्हारे काम ही तुम्हारे गुण होते हैं, न कि तुम्हारा नाम।” वह अच्छी तरह समझ चुका था कि उसके गुरुजी उसे क्या सिखाना चाहते थे।

    शिक्षा: हमारे व्यवहार और हमारे काम का ही महत्व होता है।

     

    मन की शांति Interesting Small Stories in Hindi with Moral

    एक बार, एक महात्मा अपने शिष्यों के साथ एक गांव से दूसरे गांव घूम रहे थे। घूमते-घूमते वह एक झील के पास पहुंचे। वह वहां रुके और अपने एक शिष्य से बोले, “मुझे प्यास लगी है। कृपा करके मुझे उस झील से थोड़ा पानी ला दो।

    वह शिष्य उस झील के पास गया। जब वह वहां पहुंचा, तो उसने देखा कि कुछ लोग उस झील के पानी में कपड़े धो रहे थे। एक बैलगाड़ी भी उस झील के अंदर से होकर जा रही थी। ऐसा करने से झील का पानी गंदा हो गया था।

    उस शिष्य ने सोचा, “मैं यह गंदा पानी अपने गुरु को पीने के लिए कैसे दे सकता हूं?” इसलिए वह वापस आ गया और उसने गुरुजी से कहा, ” गुरुजी! पानी बहुत गंदा था। वह पीने के योग्य नहीं था।” यह कहते हुए शिष्य बहुत घबरा रहा था।

    करीब आधे घंटे के बाद, उसी शिष्य को गुरुजी ने कहा कि अब झील पर जाओ और थोड़ा पानी पीने के लिए ले आओ। वह शिष्य दुबारा झील पर पानी लेने गया। इस बार, उसने देखा कि झील का पानी साफ हो गया था।

    कीचड़ नीचे बैठ जाने से पानी पीने लायक हो गया था। इसलिए उसने बर्तन में पानी भरा और वापस आ गया। तब, गुरुजी ने पानी देखा और उस चेले की ओर देख कर बोले, “आओ, देखो इस पानी को साफ करने के लिए तुमने क्या किया था।

    तुमने इस पानी को कुछ समय के लिए ऐसे ही रहने दिया था। कीचड़ नीचे बैठ जाने की वजह से यही पानी साफ हो गया था और तुम इसे ले आए। इसी प्रकार, हमारा मन भी इस पानी की तरह है।

    जब यह परेशान हो तो कुछ समय के लिए सोचना छोड़ दो। तब यह अपने आप शान्त हो जाएगा। तुम्हें इसे शांत करने के लिए, कुछ करने की ज़रूरत नहीं है। यह अपने आप शांत हो जाता है। और यह बहुत आसान है।

    शिक्षाः परेशान मन को थोड़ा समय दो तो यह अपने आप शांत हो जाता है।

     

    लकड़हारा और उसकी पत्नी Best Small Moral Stories in Hindi

    एक गांव में, एक गरीब लकड़हारा और उसकी पत्नी रहते थे। एक दिन, एक परी उनके पास आई और बोली, “तुम लोगों ने बहुत समय कड़ी मेहनत की है। मैं तुमसे बहुत खुश हूं। तुम कोई भी तीन वरदान मांग लो।”

    पति-पत्नी ने चोदना शुरू किया कि उन्हें क्या मांगना चाहिए। पत्नी ने कहा, “हमें ढेर सारा धन मांगना चाहिए!” “नहीं, अगर हमने ऐसा किया तो धन के लिए डाकू हमें मार डालेंगे।” लकड़हारे ने कहा।

    इसलिए उन दोनों ने परी से कहा कि वे सोच कर, अपने तीन वरदानों के बारे में परी को बता देंगे। उस रात, को रसोई में खाली बैठे सोच रहे थे कि क्या मांगना चाहिए। पत्नी ने कहा, मैं चाहती हूं कि खाने के लिए हमें मुर्गा मिल जाए।”

    और तभी वहां एक थाली में पका हुआ मुर्गा हाज़िर हो गया। लकड़हारे ने अपनी पत्नी को डांटा, “तुम ने एक वरदान बेकार कर दिया। अब चिपका लो मुर्गा अपनी नाक से।” और चिकन उड़ कर उस औरत की नाक से चिपक गया।

    अब दोनों पति-पत्नी डर गए थे। पत्नी बोली, “इस मार्ग से मुझे छुड़ाओ,” और इस तरह तीसरा वरदान भी बेकार हो चुका था और मुर्गा उसकी नाक से अलग हो चुका था। मूर्ख पति-पत्नी ने बोलने से पहले कुछ नहीं सोचा और अमीर बनने का मौका गंवा दिया।

    शिक्षाः पहले अपने शब्दों को तोलो, फिर बोलो।

     

    आलसी हरिया Awesome Small Stories in Hindi with Moral

    एक बार, एक राजा व हरिया नाम के एक आलसी आदमी में बहुत दोस्ती थी। एक दिन राजा ने उससे कहा, “पैसा कमाने के लिए तुम कुछ काम क्यों नहीं करते हो?”हरिया बोला, “मुझे कोई भी काम नहीं देता है।

    मेरे शत्रुओं ने सबको यह कह रखा है कि मैं कोई भी काम समय पर पूरा नहीं करता हूं।” राजा ने कहा, “तो ठीक है, सूरज छिपने से पहले तुम मेरे खजाने में से, जितना धन लेना चाहो, ले सकते हो।”हरिया झट से अपने घर की ओर भागा।

    वह इस बारे में अपनी पत्नी को बताना चाहता था। उसकी पत्नी बोली, “अभी जाओ और सोने के सिक्के और रत्न ले लेना।” मैं अभी नहीं जाऊंगा। पहले मुझे खाना दो।” आलसी हरिया ने कहा। खाने के बाद, उसने आधा घंटा झपकी ली।

    फिर दोपहर के बाद, उसने कुछ थैले लिए और वहां चला गया। रास्ते में उसे बहुत गर्मी लगने लगी और वह आराम करने के लिए एक पेड़ के नीचे बैठ गया।

    दो घंटे के बाद, वह जाने के लिए उठा लेकिन उसने देखा कि एक आदमी जादू के करतब दिखा रहा है। वह आधा घंटा जादू देखने के लिए रुक गया।

    जब हरिया महल तक पहुंचा तो सूरज छिपने का समय हो चुका था। महल के दरवाज़े बंद हो चुके थे। हरिया ने वह सुनहरा मौका गंवा दिया था क्योंकि उसने समय की कद्र करना नहीं सीखा था।

    शिक्षा: समय की कीमत पहचानो।

     

    चूहेदानी Small Stories in Hindi with Moral for Education

    एक दिन, एक चूहे ने दीवार के छेद से देखा कि एक किसान और उसकी पत्नी ने एक नया पैकेट खोला। वह यह देख कर हैरान रह गया कि वह तो एक चूहेदानी थी।

    चूहे ने पशुओं के अहाते में वापस आकर सबको बता दिया कि किसान अपने घर में चूहेदानी लेकर आया है। उसकी बात सुनकर, मुर्गे ने कुटकुटाते हुए कहा, “श्रीमान चूहे जी! तुम्हारे लिए यह एक बहुत परेशानी की बात हो सकती है,

    लेकिन मेरे लिए यह घबराने वाली बात नहीं है। मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है।” चूहा सूअर के पास जाकर बोला, “उस घर में एक चूहेदानी है!” सूअर को बहुत सहानुभूति हुई, लेकिन वह बोला, “श्रीमान चूहे जी! मुझे बहुत दुःख हुआ,

    लेकिन मैं तुम्हारे लिए प्रार्थना के इलावा और कुछ नहीं कर सकता। मैं तुम्हारे लिए दुआएं मांगता हूं।” तब, चूहा गाय के पास गया और उससे बोला, “उस घर में एक चूहेदानी है!”

    गाय ने भी चूहे से यही कहा कि उसे उसकी बात सुनकर दुःख हुआ है। चूहा निराश होकर वापस घर लौट आया। वह बहुत उदास था। उसे किसान की चूहेदानी का सामना अकेले ही करना था।

    उसी रात, चूहेदानी में एक शिकार आया। किसान की पत्नी शिकार को देखने के लिए दौड़ी। रात के अंधेरे में, वह देख ही नहीं पाई थी कि वह तो एक सांप था, जिसकी पूंछ चूहेदानी में फंस गई थी। सांप ने किसान की पत्नी को डस लिया।

    किसान उसे लेकर अस्पताल पहुंचा और जब किसान की पत्नी वापस घर लौट कर आई, तब भी उसे बुखार था। किसान ने अपनी पत्नी को ताज़ा चिकन सूप देने की सोची ताकि उसका बुखार हो सके।

    इसलिए किसान ने अपना छुरा उठाया और खेत में मुर्गे को मारने के लिए चल पड़ा। किसान की पत्नी का बुखार ठीक नहीं हुआ था, इसलिए उसके पड़ोसी और मित्र, उसकी देखभाल करने के लिए आ गए।

    उन्हें खाना खिलाने के लिए किसान ने सूअर को मार डाला। किसान की पत्नी फिर भी ठीक नहीं हुई और अगले दिन वह मर गयी। अंतिम संस्कार में कई लोग आए।

    उन सब को खाना खिलाने के लिए किसान ने गाय को मार दिया। चूहा बेचारा यह सब दीवार के छेद में से देख रहा था। उसे उन मरे हुए जानवरों के लिए बहुत दुःख हो रहा था।

    शिक्षाः मुसीबत के समय अपने साथियों की मदद न करना, हमारे लिए भी खतरे से खाली नहीं हैं।

     

    व्यापारी का गवाह for Kids Small Stories in Hindi with Moral

    एक बार, एक व्यापारी एक गांव में पहुंचा। उसने एक किसान को रोककर किसी सराय का रास्ता पूछा। किसान ने उसे सराय का रास्ता बताया और अपनी राह चला गया। वह व्यापारी सराय में चला गया।

    उसने अपना घोड़ा अस्तबल में बांधा और सोने चला गया। सुबह, अपने घोड़े को लेने व्यापारी अस्पताल में गया। लेकिन सराय के मालिक ने घोड़ा उसे देने से मना कर दिया और कहा,” यह घोड़ा मेरे अस्तबल ने पैदा किया है,

    इसलिए यह मेरा है।” सराय के मालिक का वह झूठ सुनकर व्यापारी हैरान रह गया। उन्होंने बहस करनी शुरू कर दी। वे दोनों न्याय मांगने अदालत में चले गए। अपनी पहचान के लिए व्यापारी ने उस किसान को बुलाया,

    किन्तु किसान नहीं आया। लेकिन आखिरी वक्त पर किसान आया और जज से बोला, “महोदय! मुझे माफ करें, मुझे आने में देर हो गयी क्योंकि मैं अपने खेतों में उबले हुए गेहूं की बुवाई कर रहा था।

    “जज हंस दिया, “उबले हुए गेंहू से अनाज कैसे पैदा हो सकता है?” “क्यों नहीं, श्रीमान! अगर एक अस्पताल घोड़े को जन्म दे सकता है तो कुछ भी हो सकता है,” किसान ने कहा। जज को सच्चाई का एहसास हुआ और उसने सराय के मालिक को सज़ा दी।

    शिक्षाः कुछ चीजें असंभव होती हैं।

     

    हमारे रास्ते की रुकावट Unique Small Stories in Hindi with Moral

    यह बहुत पुरानी बात है। एक राजा ने एक चट्टान का बहुत बड़ा टुकड़ा सड़क के बीचों बीच रख दिया। उसके बाद, वह छिप कर देखने लगा कि कोई इस चट्टान को हटाता है या नहीं। तभी,

    राजा के कुछ धनी व्यापारी और दरबारी उस चट्टान के पास से गुज़रे और चट्टान के उस बड़े टुकड़े को देखकर अपने रास्ते निकल गए। वहां से गुज़रने वाले,

    दूसरे कई लोग ज़ोर-जोर से चिल्ला कर राजा को दोष देने लगे कि राजा सड़क साफ नहीं करवा सकता। लेकिन किसी ने भी उस पत्थर को रास्ते से हटाने की कोशिश नहीं की। तभी एक किसान सब्जियां लेकर उस रास्ते से गुज़रा।

    उसने उस बड़े से पत्थर को देखा। उसने सोचा कि यह पत्थर तो सड़क के बीचों बीच पड़ा है। इससे आने-जाने वालों को बहुत परेशानी हो रही होगी। तब, वह उस पत्थर के पास गया।

    किसान ने अपनी सब्जियां नीचे रख दी और पत्थर हटाने की कोशिश करने लगा। बड़ी कोशिश के बाद वह पत्थर हटाने में कामयाब हुआ। उसके बाद, किसान अपनी सब्जियां उठाकर जाने लगा, तो तभी उसने देखा कि जहां पत्थर पड़ा था,

    उसके नीचे एक बटुआ पड़ा हुआ था। वह बटुआ सोने के सिक्कों से भरा हुआ था और उसमें राजा का लिखा एक कागज़ भी रखा हुआ था।

    उसमें लिखा था कि यह सिक्कों से भरी थैली उस व्यक्ति के लिए है, जिसने भरा बटुआ इस पत्थर को हटा कर, आने-जाने वालों के लिए रास्ता साफ किया है।

    शिक्षाः हर रुकावट जीवन को सुधारने का एक अवसर देती है।

     

    जैसे को तैसा with Moral Very Small Hindi Stories 2020

    एक रात की बात है, एक सराय में एक धनवान आदमी आया। सराय का दरवाज़ा बंद था। बरसात होने के कारण धनवान आदमी भीगा हुआ था। उसने रात को वहीं ठहर कर आराम करने की सोची।

    उसने सराय का दरवाज़ा खटखटाया। दरवाज़े पर खड़े चौकीदार ने दरवाज़ा नहीं खोला। “दरवाज़े को अंदर से ताला लगा हुआ है,” चौकीदार बोला, “और इस ताले को मैं चाबी के बिना नहीं खोल सकता हूं।”

    धनवान आदमी को समझ में आ गया कि वह क्या कहना चाहता था। उसने दरवाजे की झिरी में से दस रुपये अंदर खिसका दिए। चौकीदार ने दरवाज़ा खोल दिया और धनवान आदमी अंदर आ गया।

    “मेहरबानी करके क्या तुम मेरा सामान बाहर से उठा कर ला सकते हो?,” उसने पूछा, “मैं अपना सामान अपने साथ उठा कर लाना भूल गया हूं। बरसात  होने के कारण मैं बिल्कुल भीग गया हूँ।

    चौकीदार ने ठीक वैसे ही किया जैसा उस धनवान आदमी ने कहा था। जैसे ही वह उसका सामान उठाने बाहर गया, धनवान आदमी ने अंदर से दरवाज़ा बंद कर लिया। चौकीदार को ढूंढने पर भी, वहां कोई सामान नहीं मिला।

    जब वह वापस लौट कर आया, तो उसने देखा कि दरवाज़ा तो अंदर से बंद था। उसने दरवाजा खटखटाया। धनवान आदमी अंदर से ही बोला, “मुझ से चाबी खो गयी है, इसलिए मैं दरवाजा नहीं खोल सकता हूं।”

    चौकीदार को समझ आ गया कि उस आदमी ने उसे बुद्धू बना दिया था। उसने वही दस रुपये दरवाज़े की झिर्री से अंदर सरका दिए। धनवान आदमी ने वे पैसे उठाए और दरवाज़ा खोल दिया।

    शिक्षाः हमें किसी के साथ भी बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए वरना जैसे को तैसा मिल ही जाता है।

    Top 10 Small Stories in Hindi with Moral, stories in hindi,hindi moral stories,hindi stories,story in hindi,moral stories in hindi,moral stories,hindi stories with moral,stories,kahaniya in hindi,hindi story,hindi kahani,panchatantra stories in hindi,bedtime stories,moral stories hindi,hindi stories for kids,hindi moral story,hindi kahaniya,fairy tales in hindi,hindi story for children with moral,bedtime moral stories,hindi short stories,panchatantra tales in hindi,short stories in hindi, शेर और गधा New Small Stories in Hindi with Moral,दो गधे Amazing Small Stories in Hindi with Moral,जैसे को तैसा with Moral Very Small Hindi Stories 2020,हमारे रास्ते की रुकावट Unique Small Stories in Hindi with Moral,व्यापारी का गवाह for Kids Small Stories in Hindi with Moral,चूहेदानी Small Stories in Hindi with Moral for Education,आलसी हरिया Awesome Small Stories in Hindi with Moral,लकड़हारा और उसकी पत्नी Best Small Moral Stories in Hindi,मन की शांति Interesting Small Stories in Hindi with Moral,पापक का भ्रम Latest Small Stories in Hindi with Moral

    close