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Top 10 New Story for Child in Hindi

    Top 10 New Story for Child in Hindi

    बुलबुल और बाज Latest Story for Child in Hindi

    किसी जंगल में एक बुलबुल थी। एक दिन वह बड़ी खुश थी। वह उड़कर पेड़ की एक ऊँची शाखा पर जाकर बैठ गई और उसने गाना शुरू कर दिया।

    उसकी आवाज सुनकर सभी पशु-पक्षी उसके मधुर गाने का आनंद लेने के लिए पेड़ के चारों ओर इकट्ठे हो गए। तभी वहाँ से एक भूखा बाज गुजरा। गाने की आवाज सुनकर उसने नीचे देखा तो उसे बुलबुल दिखाई दी।

    उसने नीचे उतरकर बुलबुल को अपने पंजों में दबोच लिया। बुलबुल बोली, “कृपा करके मुझे छोड़ दो। मैं एक छोटी-सी चिड़िया हूँ। तुम जैसे शक्तिशाली शिकारी को तो बड़ा शिकार करना चाहिए।”

    बाज बोला, “मैं बेवकूफ नहीं हूँ जो अपने हाथ आए शिकार को यूँ ही जाने दूंगा। वैसे भी जब मैं भूखा होता हूँ तो कुछ नहीं सोचता। और फिर यह भी जरूरी नहीं है कि मुझे आज दूसरा शिकार मिल ही जाए।

    इसलिए मैं इस सुनहरे मौके को हाथ से नहीं जाने दूंगा।” यह कहकर वह बाज तुरंत ही उस छोटी-सी चिड़िया को खा गया और वहाँ से उड़ गया।

    घमंडी तितली Amazing Story for Child in Hindi

    एक सुंदर चमकदार और रंगीन तितली थी। लेकिन वह बहुत घमंडी थी। एक दिन उसे एक हाथी का बच्चा दिखा। वह उड़कर उसके कान पर बैठ गई।

    हाथी ने उससे पूछा, “तुम कौन हो?” तितली घमंडपूर्वक बोली, “मैं एक सुंदर तितली हूँ। लेकिन तुम कितने भद्दे और मोटे हो। तुम्हारा शरीर बहुत भारी-भरकम है। जबकि मैं बहुत नाजुक और हल्की हूँ।

    लोग मेरे रंगीन पंखों को देखकर जलते हैं।” हाथी शान्तिपूर्वक बोला, “तुमसे मिलकर बड़ी खुशी हुई।” तितली अपनी बात जारी रखते हुए बोली, “हम दोनों के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती।

    कहाँ तुम और कहाँ मैं। तुम्हारे चार पैर हैं और मेरे छह। तुम फूलों से पराग नहीं पी सकते, जबकि मैं पी सकती हूँ।” जब वह यह बात बोल रही थी, तभी अचानक बड़े जोर की हवा चली।

    तितली अपना संतुलन नहीं बनाकर रख सकी और हवा के साथ उड़ गई। हाथी वहीं खड़ा यह देखता रहा और बोला, “अब तुम्हें अपनी कमी का पता भी चल भी चल गया होगा।”

    अति-आत्मविश्वास भी हानिकारक Unique Story for Child in Hindi

    दो मेंढक बड़े अच्छे मित्र थे। जब वे बड़े हुए तो उनमें से एक मेंढक ने झील के समीप एक चट्टान के नीचे अपना घर बनाया, वहीं दूसरे मित्र ने सड़क के किनारे अपना घर बनाया। कुछ महीने यूँ ही बीत गए।

    एक दिन पहला मेंढक दूसरे से बोला, “दोस्त, तुम मेरे साथ आकर झील के किनारे क्यों नहीं रहते? यहाँ सड़क से तो बहुत सारी गाड़ियाँ होकर गुजरती हैं। यदि कभी किसी गाड़ी ने कुचल दिया तो?”

    ” अरे नहीं, तुम मेरी चिंता मत करो। मैं अब इन गाड़ियों का आदी हो चुका हूँ। मुझे पता है कि अपना बचाव कैसे करना है।” दूसरे मेंढक ने यह बात आत्म-विश्वास के साथ कही।

    अपने दोस्त की बात न मानकर वह वहीं पर रहता रहा। एक दिन एक घोड़ा गाड़ी मेंढक को अपने पहियों के नीचे कुचल गई। मेंढक की तत्काल मृत्यु हो गई।

    यह देखकर पहला मेंढक दुखी होकर सोचने लगा, ‘हमें अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए। मेरे दोस्त ने अपने अति-आत्मविश्वास के कारण ही अपनी जिंदगी गँवाई।।

    बंदर का बदला in Hindi Story for Child

    एक बार एक भूखा बंदर एक गाँव में गया। उसे वहाँ एक खेत में कद् दिखाई दिये। वह तुरंत कद्दू खाने लगा। अचानक उस खेत का मालिक आ गया और बंदर को कद्दू खाना देखकर बोला,

    “मेरा कद्दू खाने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?” बंदर बोला, “श्रीमान्! मैं बहुत भूखा था। मैंने आपके खेत में से सिर्फ एक ही कद्दू खाया है।” लेकिन किसान बहुत गुस्से में था।

    उसने उसकी एक न सुनी और बंदर की पूँछ में माचिस से आग लगी दी। पूँछ जलने के कारण बंदर को दर्द होने लगा। बंदर को बड़ा गुस्सा आया। वह बोला, “तुमने मुझे सिर्फ एक कद्दू खाने पर सजा दी।

    अब मेरी बारी है।” यह कहकर बंदर उस किसान के गेहूँ के खेत में गया। बंदर ने अपनी जलती हुई पूँछ से पूरे खेत में इधर-उधर कूद-फाँद कर आग लगा दी और किसान के खेत की पकी हुई फसल पूरी तरह नष्ट कर दी।

    किसान सोचने लगा, ‘मुझे बंदर को उसकी छोटी-सी गलती के लिए माफ कर देना चाहिए था। अपनी उस गलती के लिए मुझे इतना भारी नक्सान उठाना पडा।’

    दुर्गंध वाला शेर Animal Story for Child in Hindi

    एक बार जंगल का राजा शेर बीमार पड़ गया। अधिक बीमार होने के कारण उसके शरीर से भारी दुर्गध आने लगी। जब जानवरों ने सुना कि उनका राजा बीमार है,

    तो वे सभी उसे देखने गए। लेकिन शेर की माँद के पास पहुँचते ही उन्हें भारी दुर्गध आने लगी। इसलिए उन सभी ने दुर्गंध से बचने के लिए अपनी-अपनी नाक पर हाथ रख लिया।

    जब वे शेर के पास पहुँचे तो शेर ने उनसे इसका कारण पूछा। तब एक हिरन और एक गधा एक साथ बोले, “आपके शरीर से बड़ी दुर्गध आ रही है। इसी वजह से हम सबने अपनी नाक पर हाथ रखा हुआ है।”

    शेर को यह अपना अपमान लगा। उसने अपना आपा खोकर उन दोनों को मार दिया। यह देखकर बाकी जानवर वहाँ से बमुश्किल अपनी जान बचाकर भागे। अगले दिन एक बंदर भी शेर से मिलने आया।

    शेर ने उससे अपनी शारीरिक दुर्गंध के बारे में पूछा। बंदर ने हिरन और गधे का मृत शरीर देखा तो वह सब समझ गया। इसलिए वह बोला, “महाराज, मुझे कोई गंध नहीं आ रही है, क्योंकि सर्दी के कारण मेरी नाक बंद है।”

    इतना कहकर बंदर वहाँ से चल दिया। वह बहुत चतुर था। वह जानता था कि प्रत्येक व्यक्ति को परिस्थिति के अनुसार ही बोलना चाहिए।

    परिश्रम का फल New Story for Child in Hindi

    एक बार मछुआरों का एक दल मछलियाँ पकड़ने के लिए समुद्र में गया। मछुआरों ने मछली पकड़ने के लिए समुद्र के पानी में अपना जाल फेंका। जब उन्होंने जाल बाहर खींचा तो वह खाली था।

    ऐसा कई बार हुआ। हर बार मछुआरों के जाल में कुछ नहीं फँसता। मछुआरे अपना धैर्य खोने लगे। लेकिन उनके बुजुर्ग सरदार ने उन्हें लगातार प्रयास करते रहने की सलाह दी। मछुआरों ने फिर कोशिश की. लेकिन वे असफल रहे।

    अब उन सबने थक-हारकर मछली पकड़ना बंद कर दिया और निराश होकर बैठ गए। तब उनका सरदार बोला,”हमें कार्य को कभी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। हमें परिश्रम का फल अवश्य मिलेगा।”

    सरदार की ये बातें सुनकर एक बार फिर उन्होंने जाल फेंका और इस बार उनके जाल में कुछ फँस गया। वृद्ध सरदार बोला,”जाल को बाहर खींचो।” जब उन्होंने जाल को बाहर खींचा तो उसमें एक संदूक फँसा हुआ था।

    उसे खोलने पर उन्होंने पाया कि वह सोने के सिक्कों से भरा हुआ था। सरदार ने वह धन सभी में बराबर-बराबर बाँट दिया। यह देखकर सब समझ गए कि बार-बार कोशिश करने से ही सफलता मिलती है। मनुष्य को कभी निराश नहीं होना चाहिए।

    समस्या का हल Problems Story for Child in Hindi

    एक दिन तीन निर्धन दोस्तों को सड़क पर एक रुपया गिरा हुआ मिला। वह तीनों ही उस रुपए पर अपना-अपना हक जताने लगे।

    अन्ततः उन्होंने झगड़ा न करने का निर्णय लेकर तय किया कि वे उस रुपए से कुछ खाने की वस्तु खरीदकर आपस में बाँट लेंगे। उनमें से पहला बोला, “मैं कुछ मीठा खाऊँगा।”

    दूसरा बोला, “मुझे तो बड़े जोरों की भूख लगी है, इसलिए मैं तो भरपेट खाना खाऊँगा।” तीसरा बोला, “मुझे तो बड़ी प्यास लगी है, इसलिए मैं कोई पेय पदार्थ लेना चाहता हूँ।” जब वे इस प्रकार आपस में बहस कर रहे थे,

    वहाँ से एक बुजुर्ग व्यक्ति गुजर रहा था। उसने उन तीनों की बात सुनकर उन्हें अपने पीछे एक फल की दुकान तक आने को कहा। वृद्ध व्यक्ति ने उनसे वह रुपये लेकर उससे कुछ अंगूर खरीदे।

    फिर वह उन तीनों से बारी-बारी से बोला, “तुम इसे खा सकते हो, क्योंकि ये मीठा है। इन्हें खाने से भूख मिट जाती है, इसलिए तुम इनसे भूख मिटा सकते हो।

    ये फल रसदार भी होते हैं इसलिए इन्हें खाकर तुम अपनी प्यास बुझा सकते हो।” इस तरह तीनों दोस्तों ने खुशी-खुशी अंगूरों का आनंद लिया और अपने-अपने रास्ते चल दिए।

    समय की कीमत Awesome Story for Child in Hindi

    हरी एक गरीब एवं राज्य का सबसे चर्चित आलसी था। वह कुछ कार्य नहीं करता था। उसके आलस की चर्चा सुनकर एक दिन राजा ने उसे बुलवाकर कहा,

    “तुम पैसे कमाने के लिए कोई कार्य क्यों नहीं करते हो?” हरी बोला, “मुझे कोई काम ही नहीं देता और मेरे दुश्मन सोचते हैं कि मैं आलसी हूँ।” राजा बोला,

    “ठीक है, तुम मेरे राजकोष में जाओ और आज सूर्यास्त होने से पहले जितना धन ले सकते हो, ले लो।” हरी दौड़कर अपने घर गया। उसने अपनी पत्नी को पूरी घटना कह सुनाई।

    उसकी पत्नी बोली, “जल्दी जाओ और खूब सारी स्वर्ण मुद्राएँ एवं कीमती जवाहरात लेकर आओ।” वह बोला, “मुझे भूख लगी है, इसलिए पहले मुझे भोजन दो।” भोजन करने के बाद उसने एक झपकी ली।

    फिर दोपहर में वह एक बड़ा-सा थैला लेकर राजमहल की ओर चल पड़ा। उसे रास्ते में थकान महसूस हुई और वह एक पेड़ के नीचे विश्राम करने लगा।

    दो घंटे बाद जब वह जगा तो फिर सीधे राजमहल जाने की बजाए एक स्थान पर जादू का खेल देखने लगा। जब वह राजमहल पहुँचा, तब तक सूर्यास्त हो चुका था।

    राजमहल के दरवाजे बंद हो चुके थे। हरी अमीर बनने का मौका गंवा चुका था, क्योंकि वह समय की कीमत नहीं जानता था। इस तरह वह फिर से गरीब ही रह गया।

    चतुर व्यापारी Clever Business Men Story for Child in Hindi

    एक चोर कुछ दिनों से एक धनी व्यापारी का पीछा कर रहा था। एक दिन जब वह व्यापारी अपने साथ पैसे एवं कुछ कीमती हीरे लेकर कहीं जा रहा था, अचानक बारिश होने लगी।

    इसलिए वह एक अतिथि गृह में किराए पर एक कमरा लेने के लिए गया। चोर भी उसके पीछे-पीछे पहुँच गया। अतिथि गृह में सिर्फ एक ही कमरा खाली था। इसलिए दोनों को एक ही कमरे में गुजारा करना पड़ा।

    चोर का दिल तो मानो बल्लियों उछलने लगा। कुछ समय बाद व्यापारी भोजन के लिए बाहर गया। चोर ने अच्छा मौका जानकर उसका पूरा सूटकेस छान मारा, लेकिन उसे न तो कोई हीरा मिला और न ही पैसा।

    जब व्यापारी लौटकर आया तो चोर बोला, “श्रीमान! मैं एक चोर हूँ। मैंने हीरे चुराने के लिए आपका पूरा सूटकेस छान लिया, लेकिन मुझे कुछ नहीं मिला।”

    यह सुनकर व्यापारी ने मुस्कराते हुए कहा, “हीरे तुम्हारे सूटकेस में हैं। मैं जानता था, कि तुम वह हीरे अपने सूटकेस के अन्दर कभी नहीं खोजोगे। इसलिए मैंने हीरे तुम्हारे सूटकेस में छिपा दिए थे।”

    भगवान की सलाह for Child Story in Hindi of God

    एक गरीब भिखारी था। एक दिन वह गाँव के मुखिया के पास कुछ पैसे माँगने के लिए गया। लेकिन वहाँ जाकर उसे पता चला कि गाँव का मुखिया राजा के पास कुछ अनुदान माँगने गया है।

    जब भिखारी को यह ज्ञात हुआ उसने सोचा कि गाँव के मुखिया से अधिक धनवान तो राजा है। तभी तो वह गाँव के मुखिया की सहायता करता है। इसलिए उसने तय किया कि वह राजा के पास भीख माँगने जाएगा।

    रास्ते में उसने एक प्रसिद्ध मंदिर के बाहर भारी भीड़ देखी। उसने इस बारे में लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि राजा भगवान से अपने खजाने के हमेशा भरे रहने की प्रार्थना करने आए हैं।

    अब भिखारी ने सोचा कि भगवान राजा से अधिक धनवान है। इसलिए वह भीख माँगने के लिए भगवान के सामने आया। उसकी प्रार्थना सुनकर भगवान बोले,

    “बेटा, तुमने भीख मांगना बंद कर देना चाहिए और कठिन परिश्रम कर जीवनयापन करना चाहिए।” भिखारी ने भगवान की सलाह मानते हुए भीख मांगना छोड़कर कठिन परिश्रम से कमाना शुरू कर दिया।

     

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