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Top 10 Hindi Short Stories

    Top 10 Hindi Short Stories

    चरवाहा और भेड़िया New Hindi Short Stories with Pictures

    एक बार, एक चरवाहा अपने बकरे को खुला घूमने के लिए अपने घर में छोड़कर चला गया। बकरे को आज़ादी पसंद थी। आजाद होकर उसने सारा घर छान डाला।   सबसे पहले, वह रसोई घर में घुसा और वहां रखी रोटी व दही खा गया। फिर वह घर के पीछे बने ठंडे व छायादार बगीचे में गया और वहां लगे झूले पर बैठ कर झूलने लगा।   उसके बाद, वह सोने के कमरे में गया और नर्म पलंग पर आराम करने लगा। फिर बकरा सीढ़ियों से चढ़कर घर की छत पर चला गया। उसे वहां चलती हुई ठंडी हवा बहुत अच्छी लगी।

    घर की छत से दिखाई देने वाले सुंदर नज़ारे भी उसे बहुत पसंद आए। अचानक उसने डर से कांपना शुरू कर दिया। उसके दांत बजने लगे। असल में, उसने दरवाज़े के पास खड़े एक भेड़िये को देख लिया था।   वह भेड़िया घर में घुस नहीं पा रहा था क्योंकि चरवाहा हमेशा दरवाज़ा बंद रखता था। जब बकरे को इस बात का एहसास हुआ, तो वह भेड़िये पर हंस दिया और सारा डर भूल गया। तब भेड़िया ज़ोर से बोला,   “प्यारे बकरे! तुम हंस रहे हो क्योंकि तुम मुझ से ज्यादा ऊंचे स्थान पर हो। मैं तुम्हें खाने के लिए तुम तक नहीं पहुंच सकता।

    तुम ऊंचे स्थान पर खड़े होने के कारण हंस रहे हो, न कि अपने साहस के कारण।” इतना कह कर भेड़िया वहां से चला गया।

    शिक्षाः कई बार हमारी हिम्मत नहीं, हमारा स्थान हमें निडर बनाता है।

     

    क्लास मॉनिटर Latest Hindi Short Stories with Pictures

    एक बार, एक स्कूल के बच्चे पिकनिक पर जा रहे थे। इस कारण सभी बच्चे बहुत खुश थे। एक टीचर ने अमर को बुलाकर कहा, “अमर! मैं तुम्हें क्लास का मॉनिटर बनाती हूं।   तुम्हें देखना है कि सभी बच्चे लाइन बनाकर बस में चढ़े। कोई भी बच्चा अपना हाथ या सिर खिड़की से बाहर नहीं निकाले। तुम्हें सब बच्चों की गिनती भी करनी है।”   अमर ने कहा, “जी मैडम! जैसा आप कहती हैं, मैं वैसा ही करूंगा।” सबने पिकनिक पर जाकर खूब मौज-मस्ती की। उसके बाद, सब बच्चे घर लौटने के लिए बस में बैठ गए।   ठीक उसी समय, टीचर ने देखा कि अमर ने अपना सिर खिड़की से बाहर निकाला हुआ है। उसे बहुत गुस्सा आया और वह अमर पर चिल्लाई,

    “अमर! कितने लापरवाह हो तुम! मैंने तुम्हें दूसरों का ध्यान रखने के लिए क्लास मॉनिटर बनाया था, लेकिन तुम तो खुद ही नियम तोड़ रहे हो। तुम्हें शर्म आनी चाहिए।”   अमर ने सिर झुका कर कहा, “मैडम! मैं तो आपके आदेश का पालन कर रहा था। मैं सिर बाहर निकाल कर देख रहा था कि कहीं कोई बच्चा पीछे तो नहीं छूट गया।”   टीचर को बिना किसी गलती के, अमर पर चिल्लाने के कारण शर्मिदगी महसूस हुई।

    शिक्षाः बिना किसी कारण के, जल्दबाजी में बच्चों को मत डांटो।

     

    आम बेचने वाला और पान बेचने वाला Best Hindi Short Stories with Images

    एक दिन, एक आम बेचने वाला, एक पान बेचने वाले की दुकान के पास रुका और सोचने लगा, “ओह! मैं सच में एक पान खाना चाहता हूं लेकिन मेरे पास पैसे नहीं हैं।”   तभी, पान बेचने वाले ने आम बेचने वाले को देखा। उसने सोचा, “ओह! कितने अच्छे आम हैं। मैं चाहता हूं कि मैं उन रसीले आमों में से एक खा लू।”   पान बेचने वाले ने आम वाले से पूछा, “सुनो भाई! क्या तुम पान के बदले में मुझे आम दे सकते हो?” आम बेचने वाला मान गया। पान बेचने वाले ने कुछ सड़े हुए पान के पत्ते लेकर, एक छोटा-सा पान तैयार किया।

    वह पान उसने आम बेचने वाले को दे दिया। जब आम बेचने वाले ने चूना डालने की बात की, तो उसने जवाब दिया, जाओ और इस पान को दीवार के साथ रगड़ लो।   तुम्हें चूना मिल जाएगा।” आम बेचने वाले को ऐसा लगा, जैसे कि उसे ठगा गया है। उसने पान बेचने वाले को एक हरा आम दिया। उस हरे आम को देखकर,   पान बेचने वाला बोला, “मुझे पीला आम दो।” आम बेचने वाले ने उत्तर दिया, “अपना आम उस पीली दीवार से रगड़ लो। तुम्हें एक पीला आम मिल जाएगा।”

    शिक्षा: जैसे को तैसा।

     

    रमेश और सीमा Amazing Short Stories with Pictures in Hindi

    रमेश एक जुआरी था। उसकी पत्नी, सीमा उसकी जुआ खेलने की आदत से बहुत परेशान थी। एक दिन रमेश बहुत सारा धन, रामू के साथ जुआ खेलने में हार गया।   इसलिए वह रमेश से पैसे की मांग करने लगा। रमेश के पास उसे देने के लिए पैसे नहीं थे। रामू उसे धमकाने लगा, “मैं तुम्हारे घर आऊंगा।   मैं वहां जिस चीज़ को पहले छुऊंगा, वह मेरी हो जाएगी।” रमेश की समझ में नहीं आ रहा था कि अब वह क्या करे। घर जाकर, उसने अपनी पत्नी को सारा किस्सा बताया।   सारी बात जानने के बाद, सीमा ने अपने पति से कहा, “मैं एक शर्त पर तुम्हारी मदद कर सकती हूं कि तुम हमेशा के लिए जुआ खेलना छोड़ दोगे।”

    रमेश ने उसकी बात मान ली। सीमा ने घर की सारी कीमती चीजें उठा कर घर की छत पर रखवा दीं। अगले दिन रामू उसके घर आया।   उसने देखा घर का सारा कीमती सामान छत पर रखा हुआ है। वह सीढ़ी लगाकर ऊपर जाने लगा। जैसे ही उसने सीढ़ी से ऊपर जाना शुरू किया,   सीमा ने कहा, “रुको रामू! तुम्हारी शर्त के मुताबिक यह सीढ़ी अब तुम्हारी है क्योंकि सबसे पहले तुमने उसे छुआ है। अब तुम यह सीढ़ी लेकर जा सकते हो।”   रामू मुंह लटकाए वहां से चला गया। इस तरह सीमा ने अपना कीमती सामान भी बचा लिया था और अपने पति को जुआ खेलने की आदत से भी छुटकारा दिला दिया था।

    शिक्षा: अपने अंदर बुरी आदतें मत पैदा होने दो।

     

    ब्राह्मण की जिद्द Interesting Hindi Short Stories with Pictures

    एक बार, एक शहर में एक विद्वान ब्राह्मण रहता था। उसके पास एक सुंदर घर था, एक प्यारी-सी पत्नी थी, बहुत सारा धन था और नौकर-चाकर थे।   फिर भी वह हमेशा दुःखी रहता था, क्योंकि उसकी कोई संतान नहीं थी। उसने देवताओं को खुश करने के लिए कई प्रार्थनाएं की, ताकि वे उसे एक पुत्र का आशीर्वाद दें।   लेकिन उसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई थी। निराश होकर ब्राह्मण ने शहर को छोड़ दिया और वह जंगल में चला गया। वहां उसने कई महीनों तक तपस्या की।

    आखिर में, भगवान उसके पास आए और बोले, “हे भक्त! तुम क्या चाहते हो?” हे भगवान! मैं सिर्फ एक पुत्र चाहता हूँ, ब्राह्मण ने हाथ जोड़ते हुए कहा।   लेकिन भगवान बोले,” हे भक्त! मैं तुम्हें पुत्र नहीं दे सकता। तुमने बहुत समय से तक तपस्या की है। तुम मुझे कुछ और मांग लो।”   “नहीं, मुझे सिर्फ एक पुत्र की ही इच्छा है,” ब्राह्मण जिद्द पर अड़ गया। भगवान बोले, “ठीक है, मैं तुम्हें एक पुत्र देता हूं लेकिन याद रहे कि जिद्द करके या मजबूर करके जो भी चीज़ हासिल की जाती है,   वह हमेशा दुःख का कारण बनती है।” जल्दी ही ब्राह्मण के घर एक पुत्र ने जन्म लिया। वह लड़का बड़ा होकर जिद्दी, धोखेबाज, जुआरी और झूठा युवक बना। ब्राह्मण को भगवान के कहे हुए शब्द याद आए, जो अब बिल्कुल सच हो रहे थे।

    शिक्षाः जिद्द हमेशा दुःख का कारण बनती है।

     

    चांद की जलन Hindi Short Stories with Pictures for Kids

    आकाश चांद और तारों से सजा हुआ था। धरती पर, कुछ लोग सोए हुए थे और कुछ जाग रहे थे और चांद की तारीफ कर रहे थे। चांद ने घमंड से भर कर कहा, देखो,   धरती पर सभी मेरी तारीफ करते हैं।” “चांद गर्व से फूला हुआ है,” एक नन्हें तारे ने दूसरे तारे से फुसफुसाते हुए कहा। “चांद का घमंड करना बिल्कुल सही है लेकिन चांद सूरज को नहीं हरा सकता।”   दूसरे तारे ने उत्तर दिया। चांद ने यह सुना तो वह बहुत परेशान हुआ। वह सोचने लगा कि सूरज को कैसे हराया जाए। आखिरकार, चांद के मन में एक ख्याल आया।

    अगली सुबह, वह सूरज को मिलने गया। सूरज ने चांद को देखा तो चांद बोला, “मैं  तुम को यह बताने आया हूं कि अब से दिन के समय मैं तुम्हारे साथ काम करूंगा।”   ” लेकिन चांद, दिन का समय तो मेरा है। तुम अपना काम रात को करते हो। दिन में तो तुम आराम करते हो ताकि तुम पूरी रात जाग सको,” सूरज ने कहा।   “मैं तुम्हारे साथ मुकाबला करना चाहता हूं” चांद ने उसे ललकारा, “तारों का कहना है कि वे तुम्हें मुझसे ज्यादा पसंद करते हैं।   मैं उन्हें यह दिखाना चाहता हूं कि यह सच नहीं है!” लेकिन हम यह कैसे पता लगाएंगे?” सूरज ने सवाल किया। “मैं यहां तुम्हारे साथ रहूंगा।

    हम देखेंगे कि लोग किसे ज्यादा पसंद करते हैं तुम्हें या मुझे? इस तरह हमें पता चल जाएगा कि कौन ज्यादा अच्छा है,” चांद ने उत्तर दिया।   सूरज हंस पड़ा और बोला, “चांद सुनो, मेरी रोशनी तुमसे ज्यादा तेज़ है। जब मैं आकाश में चमकता हूं तो तुम दिखाई भी नहीं देते।”   लेकिन चांद तो जैसे सूरज की कोई बात सुनना ही नहीं चाहता था। चांद दिन के समय भी आकाश में रुका रहा और आखिर वही हुआ जो सूरज ने कहा था।   किसी ने भी चांद का स्वागत नहीं किया। सब ने सूरज का ही स्वागत किया। यह सब देखकर मैं बहुत निराश हुआ। उसे अब अपनी ग़लती समझ आ गई थी।

    शिक्षाः कभी भी दूसरों से जलना नहीं चाहिए।

     

    शाही उपहार Hindi Moral Stories with Pictures

    एक बार, एक गरीब ब्राह्मण राजा के पास गया और उससे बोला, “महाराज! रात को मैंने एक सपना देखा जिसमें आपको राजाओं के राजा का ताज पहनाया गया था।”   यह सुनकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ। उसने ब्राह्मण को एक हजार सोने के सिक्के दिए। ब्राह्मण ने वह शाही उपहार स्वीकार किया और खुशी-खुशी महल से घर की ओर चल पड़ा।   रास्ते में वह एक जंगल से होकर गुजर रहा था। वह सिक्के गिनने में लगा हुआ था कि तभी एक सिक्का गिर गया और झाड़ियों में लुढ़क गया।   उसने बहुत देर तक उसको ढूंढा लेकिन वह सिक्का उसे नहीं मिला। जल्दी ही शाम होने को आ गयी। राजा सैर करते समय जंगल से गुज़रता था।

    जब राजा यह खबर हुई कि वह ब्राह्मण सुबह से सिक्के को  ढूंढ रहा है, तो राजा ने सोने के सिक्कों वाला थैला उसे ले लिया और कहने लगा,   “तुमने अपना सारा समय सिर्फ एक सोने के सिक्के को ढूंढने में गंवा दिया। तुम्हारे जैसा लालची इंसान के लायक नहीं है।”   लेकिन वह ब्राह्मण चतुर था, वह कहने लगा, “महाराज, मैं सिक्के को इसलिए ढूंढ रहा था कि इस शाही उपहार पर किसी का पांव न पड़ जाए।”   इस समझदारी भरे जवाब को सुनकर राजा बहुत खुश हुआ और उसने वह सिक्कों का थैला उसे वापस लौटा दिया।

    शिक्षाः नुकसान के समय अपनी बुद्धि से काम लें तो बिगड़े काम भी ठीक हो सकते हैं।

     

    सुनहरी खिड़कियों वाला घर Sort Stories with Pictures

    रीति एक पहाड़ी पर एक छोटे और साधारण से घर में रहती थी। बड़ी होने पर, वह छोटी सी बगिया में खेला करती थी और पहाड़ी के ऊपर की तरफ बने,   एक सुंदर से घर को वह अपनी बगिया से देखा करती थी। उस घर की खिड़कियां सुनहरी थीं। रीति हमेशा यही सपना देखा करती कि कब वह बड़ी होगी और एक साधारण घर की बजाय,   सुनहरी खिड़कियों वाले घर में रहेगी। वह सुनहरी खिड़कियों वाले घर में रहने के लिए तरसती थी। वह सारा दिन उस घर का सपना देखा करती थी। एक दिन,

    उसने अपनी मां से पूछा कि क्या वह नीचे गली में, साइकिल की सवारी करने जा सकती है। उसकी मां ने उसे जाने की आज्ञा दे दी। नीचे गली में, रीति अपनी साइकिल चलाने लगी।   साइकिल चलाते- चलाते, वह सुनहरी खिड़कियों वाले उस घर तक पहुंच गयी। जैसे ही वह साइकिल से नीचे उतरी, उसे यह देख कर बहुत निराशा हुई कि दूर से सुंदर लगने वाले उस घर की सभी लड़कियां बिल्कुल साधारण और मैली थीं।   अब वह और आगे नहीं जाना चाहती थी। उसका दिल टूट गया था। वह अपनी साइकिल पर बैठी और वापस चल पड़ी। रास्ते में उसने एक छोटा-सा घर देखा जिसकी खिड़कियां सूरज की रोशनी से चमक रही थीं।

    वह छोटा सा घर बहुत सुंदर लग रहा था। तभी उसे महसूस हुआ कि वह छोटा-सा, सुंदर घर उसका अपना था और वह एक सुनहरी घर में रहती थी।   तभी उसने यह भी महसूस किया कि प्यार और अच्छी तरह देखभाल ने ही उसके घर को ‘सुंदर घर’ बना दिया था।

    शिक्षाः हम जिस भी चीज को पाने का सपना देखते हैं, वह बिल्कुल हमारे पास ही होती है।

     

    किसान की दयालुता Hindi Short Stories with Pictures Unique

    एक बार, एक राजा की सेना लड़ाई के बाद वापस लौट रही थी। उनके पास खाने का सामान खत्म हो गया था। राजा ने अपने सैनिकों को पास के गांव जाकर अनाज लाने को कहा।   कुछ सैनिक व कमांडर उस गांव में जाकर एक किसान से मिले। कमांडर ने उस किसान से पूछा, “प्यारे भाई, क्या तुम हमें इस गांव के सबसे बड़े खेत तक ले चलोगे?”

    वह किसान उन्हें सबसे बड़े खेत तक ले गया। कमांडर ने अपने सैनिकों को आदेश दिया, “सारा अनाज काट कर इकट्ठा कर लो।” इस पर, किसान डर गया। उसने कहा,   “महोदय, आइये मैं आपको एक और खेत दिखाता हूं।” सैनिक उसके साथ एक छोटे खेत तक गए। उन्होंने उस खेत से अनाज इकट्ठा किया।

    तब, कमांडर ने किसान से पूछा कि वह उन्हें छोटे खेत की तरफ क्यों लेकर आया। किसान ने उत्तर दिया, “उस खेत का मालिक कोई और है।   मैं आपको कैसे उसे खत्म करने दूं। यह छोटा खेत मेरा है और यहां मैं तुम लोगों को, कुछ भी करने की अनुमति दे सकता हूं।”   राजा को किसान की दूसरों के लिए चिंता के बारे में पता चला और उसने उस किसान को अनाज की भरपूर कीमत अदा की।

    शिक्षाः हमें दूसरों के लिए दया दिखानी चाहिए और मुसीबत से सबको बचाना चाहिए।

     

    पंडित और अमीर आदमी Awesome Hindi Short Stories with Pictures

    एक गांव में एक पंडित रहता था। वह बहुत गरीब था। उसके पास रहने के लिए घर नहीं था। उसके कपड़े भी फटे रहते थे। यहां तक कि उसे भोजन भी बहुत मुश्किल से मिल पाता था।   पंडित को घर-घर जाकर भोजन मांगना पड़ता था। उसके फटे-पुराने कपड़ों को देख कर कई बार लोग उसे पागल समझते थे और उसे भगा देते थे। एक बार,   किसी अमीर आदमी ने तरस खाकर उसे अपने नए कपड़े दे दिए। अगले दिन, वह उन नए कपड़ों को पहन कर पहले की तरह भीख मांगने गया।   जब वह पहले ही घर गया, तो उस घर का मालिक बोला, “श्रीमान, मेहरबानी करके घर के अंदर आइये और आराम से बैठकर भोजन कीजिए।”   इस तरह, बहुत आदर के साथ वह पंडित को खाना खिलाने घर के अंदर ले गया। पंडित स्वादिष्ट भोजन खाने के लिए बैठ गया।

    लेकिन खाना शुरू करने से पहले, वह मिठाई का एक टुकड़ा उठा कर अपने कपड़ों को “लो खाओ, लो खाओ” कहते हुए खिलाने लगा।   यह देखकर घर के सभी लोग बड़े हैरान हुए। उन्होंने उससे पूछा, “ कपड़े तो खाना नहीं खाते, तो फिर तुम क्यों कपड़ों को खाना खाने को कह रहे हो?”   पंडित ने उत्तर दिया, “कल जब मैं भीख मांगने आया तो आपने मुझे भाग जाने को कहा था लेकिन आज आपने मुझे इन कपड़ों के कारण ही भोजन दिया है,   इसलिए मैं इनका धन्यवाद कर रहा हूं और उन्हें भोजन खिला रहा हूं।” यह सुन कर घर का मालिक बहुत शर्मिंदा हुआ।

    शिक्षा: किसी के बाहरी रूप को कभी नहीं देखना चाहिए।

     

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