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अनैतिकता की ओर बढ़ता समाज पर अनुच्छेद, Anaitikata Ki Or Badhata Samaaj Par Anuchchhed

    अनैतिकता की ओर बढ़ता समाज पर अनुच्छेद, Anaitikata Ki Or Badhata Samaaj Par Anuchchhed

    अनैतिकता की ओर बढ़ता समाज पर अनुच्छेद | Society Moving Towards Immorality in Hindi | Anaitikta Ki Aur Badhta Samaj Par Paragraph

    हम जब भी नियम धर्म से संबंधित कुछ लिखते है, तो वह नैतिक मूल्य एवं आदर्श संबंधी अनुच्छेद की शैली में आता है. हमने आपके लिए “अनैतिकता की ओर बढ़ता समाज पर” जो अनुच्छेद लिखा है. वह अनुच्छेद हमारी समाज के अनैतिकता की और बढ़ते कदमो के बारें में लिखा गया है. हिंदी विषय की परीक्षा में कई बार यह अनुच्छेद पूछ लिया जाता है.

    अनैतिकता की ओर बढ़ता समाज

    संकेत बिन्दु – (1) नैतिकता क्या है (2) नैतिकता व अनैतिकता में भेद (3) नैतिकता समाज की आधारशिला

    नैतिकता वे मानव मूल्य हैं जो जीवन में सही और गलत की पहचान का दिशा-निर्देश देते हैं. नैतिकता के अंतर्गत प्रेम, सद्भाव, सत्य, ईमानदारी, अहिंसा, परोपकार, निस्वार्थ, सहयोग, शिष्टता, सद्कर्म ऐसे मानव मूल्य हैं जो इंसान को श्रेष्ठ बनाते हैं. इन्हीं नैतिक (मानव) मूल्यों को अपनाकर एक साधारण पुरुष, महापुरुष की उपाधि प्राप्त करता है. इन्हीं मूल्यों के अंदर इंसानियत व मानवता छिपी होती है. इन नैतिक मूल्यों के विपरीत ही अनैतिकता का जन्म होता है, जहाँ झूठ, फरेब, बेइमानी, हिंसा, दूर्भाव, शोषण, स्वार्थ, असहयोग, अशिष्टता, दुष्कर्म, भ्रष्टाचार आदि से यदि इंसान परिपूर्ण हो जाए तो वह न केवल स्वयं बल्कि समाज को भी गर्त में ढकेलता है. प्राचीन भारतीय सभ्यता व संस्कृति के मूल में यही नैतिक मानवीय मूल्य थे. भारतीय सुव्यवस्थित और सभ्य समाज की यह आधारशिला थी. किन्तु वर्तमान समाज उन मानवीय मूल्यों से दूर सिर्फऔर सिर्फ स्वार्थी बन गया है. इसी स्वार्थपूर्ण नीति ने समाज को झूठ, फरेबी, डकैती, हिंसात्मक, शोषित, भ्रष्टाचारी बनाया है. समाज पथभ्रष्ट होकर न्याय और अन्याय में भेद करने में असमर्थ है. अतः समस्याओं से ग्रसित होकर निराशा, हताशा की जिंदगी जी रहा है. दुष्परिणाम, हत्या और आत्महत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है. युवा अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए गलत मार्ग का सहारा लेकर अनैतिक कार्य कर बैठता है. फलस्वरूप अज्ञानता के कारण उसका जीवन नशीले पदार्थों के सेवन के लिए मजबूर हो जाता है. परिवार और समाज में अशांति का माहौल बनता है.

    अनुच्छेद लिखने की रीति

    हम अगर इन बातों का ध्यान रखे तो हम अनुच्छेद को बिल्कुल सटीकता से लिख सकते है.

    • चुने हुए विषय पर लिखने से पहले चिन्तन-मनन करे ताकि मूल भाव भली-भाँति स्पष्ट हो सके.
    • किसी भी विषय पर अगर हमें अनुच्छेद लिखना है, तो हमें उस विषय की जानकारी होना अति आवश्क है.
    • लिखते समय सरल भाषा का प्रयोग करे एवं ध्यान रखे की विषय के अनुकूल होनी चाहिए.
    • अनुच्छेद लिखते समय मात्राओं की गलती एवं कटा-पिटी ना हो इस बात को हमेशा याद रखे.
    • विषय को प्रस्तुत करने की शैली अथवा पद्धति तय होनी चाहिए.
    • मुहावरे और लोकोक्तियों आदि का प्रयोग करके भाषा को सुंदर एवं व्यावहारिक बनाने का प्रयास करे.

     

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