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रस्ते का पत्थर कहानी, Raaste Ka Patthar Story

    रस्ते का पत्थर कहानी, Raaste Ka Patthar Story

    दुसरो के बारे में भी सोचिये Dusro Ke Baare Me Sochiye

     

    यकीन हो तो कुछ रास्ता जरूर निकलता है
    हवा की आड़ लेकर चिराग जलता है

    स्वागत है आप सभी का आज की ये कहानी  आपको बताएगी  कि
    किस तरह  से हम सफलता और अवसरों के नजदीक होते  हुए भी उसको गवा बैठते है
    तो चलिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए इस कहानी को शुरू करते है

    एक बार एक राजा था उस राजा ने अपने राज्य के लोगो की
    ईमानदरी की परीक्षा लेनी चाहिए
    उसने एक बड़ा सा पत्थर सड़क के बीचो बीच  रखवा दिया
    जो कोई आता सड़क के side  में से निकल जाता कोई भी
    उसको हटाने की जहमत ही नहीं उठा रहा था

    लेकिन थोड़ी  देर बाद एक किसान वहा  से निकलता है वह सोचता है
    रास्ते का यह बड़ा पत्थर लोगो की मुसीबत का कारण  है क्यों न
    मैं  खुद ही इस पत्थर को हटाने में जूट जाऊ
    उसने ऐसा ही किया पत्थर बड़ा था उसको भी बहुत जोर लगाना पड़  रहा था

    लेकिन अंततः वह अपने काम में सफल हुआ किसान को भी ख़ुशी हुई
    इस काम को करके की उसने आज लोगो की भलाई के लिए अच्छा काम किया है

    जैसे ही वह जाने के लिए अपना थैला उठा रह था उसकी नजर एक थैली पर पड़ी

    जिसमे लिखा हुआ था की मैं इस राज्य का राजा हु और मैं परीक्षा
    लेना चाहता था की जो कोई  भी इस पत्थर को हटा देगा  मेरी तरफ से
    यह उसके लिए इनाम  होगा
    किसान बहुत खुश था क्योंकि उसको उसकी मेहनत का फल मिल गया था

     

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