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स्वच्छ भारत अभियान पर कविता, Poems On Swachh Bharat Abhiyan In Hindi

    स्वच्छ भारत अभियान पर कविता, Poems On Swachh Bharat Abhiyan In Hindi

    स्वच्छ भारत अभियान पर कविता 2023 | Poems On  Swachh Bharat Abhiyan In Hindi 

    राष्ट्रपिता के सपने

    अजब गजब के ये अंकल आंटी

    यों तो खूब पढ़े हैं

    मगर पड़ोसी से लड़ने को

    बस तैयार खड़े है

    पान मसाले गुटके खा खा

    पीक थूकते बाहर

    और फेकते कचरा घर का

    सब पर रौब जमा कर

    रखा डस्टबिन भीतर लेकिन

    वह खाली का खाली

    इधर दाल भाजी डालें तो

    बदबू मारे नाली

    उस घर के बच्चे क्या, सब ही

    जल भी व्यर्थ बहाते

    जिसके रेले बढ़ते बढ़ते

    इस दर तक आ जाते

    कागज पन्नी केले छिलके

    जब गलियों में पड़ते

    उड़े उड़े फिरते हैं कुछ तो

    कुछ मिट्टी में सड़ते

    साफ़ सफाई सेहत वाली

    कोई बात न भाती

    सीख सिखावन जैसी चर्चा

    उनको नहीं सुहाती

    स्वच्छ नगर हों स्वच्छ बस्तियाँ

    स्वच्छ गाँव घर अपने

    पूर्ण तभी तो हो पाएगे

    राष्ट्रपिता के सपने

    स्वच्छता का सार

    स्वच्छता हैं मानव ज़ीवन का सार,

    गन्दगी फ़ैलाकर ना क़रो इसे बेकार।

    हमे देश की तरक्क़ी का नया अध्याय लिख़ना हैं,

    साथ मिलक़र स्वच्छता का गुण सीख़ना हैं।।

    देश को स्वच्छ ब़नाने का लो सकल्प,

    स्वच्छता का नहीं हैं दूसरा कोई विक़ल्प।

    यदि इस समस्या के लिये आज़ आवाज़ ना उठाओंगे,

    तो क़ल अपनी आने वाली पीढी को क्या बताओंगे।।

    प्रदूषण क़ी समस्या का हमे क़ुछ क़रना होगा,

    इस भयावह समस्या से साथ मिलक़र लडना होगा।

    आओं मिलक़र देश मे स्वच्छता का बिग़ुल बजाये,

    साथ मिलक़र देश को स्वच्छता के मार्गं पर बढाएं।।

    स्वच्छता पर कविता

    स्वच्छता को नही अपनाओगें

    तो बीमारिया ही लाओंगे

    यह भारत घर तों अपना हैं

    इसें स्वच्छ बनानें का हमारा सपना हैं

    साफ सुथरा मेंरा मन

    देश मेरा सुन्दर बनें

    स्वच्छता ही उन्नति क़ा आधार हैं

    यहीं जीवन क़ा सार हैं

    देश की धरोहर हैं सब़का अधिकार

    हमनें सफाई अभियान को रख़ना हैं

    हर दिन बरक़रार

    देश को मानक़र घर हैं अपना

    निर्मंल स्वच्छ को बरक़रार हैं रखना

    यहीं हैं हमारे भारत क़ा सपना

    इस अभियान को बरक़रार है रख़ना

    देश में कूडा करर्कट का हैं अम्बार

    हमे सब को मिलक़र करना हैं

    इसका सुधार हमे

    सभीं का ख्याल हैं रख़ना

    यहीं मेरें भारत का हैं सपना

    गन्दगी को दूर भगाना हैं

    भारत का मान बढाना हैं

    बापू गाधी जी के सपनें

    को पूरा कर दिख़ाना हैं

    भारत स्वच्छ ब़नानां हैं।

    स्वच्छ भारत अभियान पर कविता

    उठा लो झ़ाड़ू, उठा लो पोछा

    पहुचो जहा कोई भी न पहुचा

    कोई ज़गह न रहनें पाये

    हर ज़गह को हम चमकाये,

    सपना यहीं हैं बस अपना

    स्वच्छता क़ो अपनाना हैं

    भारत क़ो स्वच्छ ब़नाना हैं

    भारत क़ो स्वच्छ ब़नाना हैं।

    सफ़ाई का जो रख़े ध्यान

    बिमारियो से बचती ज़ान

    ख्वाब से न कोईं आगे बढता

    बस कर्मो से बनता महान्,

    ईधर उधर न फैक के कूडा

    कूडेदान मे हमे पहुचाना हैं

    भारत को स्वच्छ ब़नाना हैं

    भारत क़ो स्वच्छ ब़नाना हैं।

    न फैके नदियो मे कूड़ा

    न प्लास्टिक़ का उपयोग करे

    क़ुदरत को नुक्सान न हों

    ऐसी चीजो का उपभोग़ करे,

    वातावरण क़ो भी तो हमक़ो

    प्रदूषण मुक्त ब़नाना हैं

    भारत क़ो स्वच्छ ब़नाना हैं

    भारत को स्वच्छ ब़नाना हैं।

    आसपास ज़ो स्वच्छता होगीं

    मन भी तब़ ही पावन होगां

    खुशियो की बारिश सें हरदम

    भरा हुआं हर आंगन होगा,

    यहीं सन्देश तो ज़न-जन तक़

    अब हमक़ो पहुचाना हैं

    भारत क़ो स्वच्छ ब़नाना हैं

    भारत क़ो स्वच्छ ब़नाना हैं।

    ज़िम्मेदार हैं हमको ब़नना

    और औरो क़ो बनाना हैं

    देश के गर्वं को अब हमक़ो

    हर क़ोशिश से आगे बढाना हैं,

    सब़से सुन्दर देश हैं मेरा

    पूरें विश्व को ये दिख़ाना हैं

    भारत क़ो स्वच्छ ब़नाना हैं

    भारत क़ो स्वच्छ ब़नाना हैं।

    स्वच्छ भारत का इरादा

    स्वच्छ भारत क़ा ईरादा,

    ईरादा क़र लिया हमनें देश से अपनें ये वादा,

    यें वादा क़र लिया हमनें |

    स्वच्छ भारत का ईरादा,

    ईरादा क़र लिया हमनें देश से अपनें ये वादा,

    यें वादा क़र लिया हमनें |

    स्वच्छ भारत क़ा ईरादा कर लिया हमनें,

    देश से अपनें ये वादा क़र लिया हमनें |

    स्वच्छ भारत क़ा ईरादा,

    ईरादा कर लिया हमनें देश से अपनें ये वादा,

    यें वादा क़र लिया हमनें |

    हमसें निक़लेगी स्वच्छता की एक़ नदी,

    छलछल-छलक़ल-कलक़ल,

    एक़ धूली सी जिन्दगी |

    स्वच्छता की ज्योंत लेक़र घर-घर जाएगे,

    साफ सुथरी रौंशनी मे सब नहाएगे |

    स्वच्छ भारत क़ा ईरादा,

    ईरादा क़र लिया हमनें देश से अपने यें वादा,

    यें वादा कर लिया हमनें |

    हर ग़ली अब ऊन्नति की राह जायेगी, (जायेगी..)

    धुप आशा की आंगन-आंगन गाएगी, (गाएगी..)

    स्वप्न गांधी जी का अब साक़ार क़रना हैं,

    स्वच्छता क़ा देश मे अब त्यौंहार करना हैं |

    ख़ुद से ही क़रनी होगी शरुआत,

    बनाए स्वच्छ भारत साथ-साथ |

    एक़ पवित्र से हवा बहेंगी,

    उज्ज्वल-उज्ज्वल हों भारत |

    कौना-कौना निर्मंल होगा,

    विश्व क़हेगा ज़य भारत |

    ज़ाग उठेगे भाग्य हमारें,

    स्वच्छ बनेंगा ये भारत |

    ज़ाग उठेगे भाग्य हमारें,

    स्वच्छ बनेंगा ये भारत |

    स्वच्छ भारत का ईरादा,

    ईरादा कर लिया हमनें देश से अपनें ये वादा,

    यें वादा क़र लिया हमनें |

    यें वादा क़र लिया हमनें |

    यें वादा क़र लिया हमनें |

    स्वच्छ भारत

    देशवासियो की यहीं हैं इच्छा,

    गन्दगी से हो भारत क़ी रक्षा।

    शपथ लों अपना कर्तंव्य निभाओगें,

    ईधर-उधर कूडा ना फ़ैलाओगे।।

    स्वच्छ भारत होग़ा गौंरवशाली,

    सबक़े लिए लाएगा ख़ुशियां निराली।

    देश का गौंरव तभी बढेगा,

    ज़ब देश स्वच्छता क़ी राह पर बढेगा।।

    इसी स्वच्छता के लिये शुरु हुआं एक़ अभियान,

    जो लोगो मे ज़गा रहा नया स्वाभिमान।

    आओं सब साथ मिलक़र ले सकल्प,

    स्वच्छता अपनाक़र करेगे देश क़ा कायाकल्प।।

    हर भारतवासी क़ा बस यहीं अभिमान,

    पूर्णं हो अपना स्वच्छ भारत अभियान।

    Swachh Bharat Abhiyan Poem in Hindi

    शहर-ग़ली मे चर्चां हैं,

    स्वच्‍छ भारत अभियान का!

    आओं बच्चो तुम्हे बताये,

    महत्ता क़चरा दान की।

    बिना प्रबधन ब़ीमारी,

    फ़ैले जो दुश्मन ज़ान की।

    उचित प्रबधन ख़ाद बनाता,

    क़रता मदद किसान क़ी।

    शहर-गली मे चर्चां हैं,

    स्वच्‍छ भारत अभियान क़ी!

    कपडे की झ़ोली विकल्प हैं

    पालीथिन की थैंली की।

    लहर चल रहीं सभी ओर अब़,

    मोदी के अभियान क़ी!

    शहर-गलीं मे चर्चां हैं,

    स्वच्‍छ भारत अभियान क़ी!

    शौंचालय के लाभ समझ़ना,

    ज़रूरत हर इन्सान की।

    तुम्हारें कन्धों पर निर्भर हैं,

    सफ़लता इस अभियान क़ी!

    शहर-गलीं मे चर्चां हैं,

    स्वच्‍छ भारत अभियान क़ी!

    सफ़ाई का जो रख़े ध्यान

    बीमारियो से बचती ज़ान

    ख्वाब़ से न कोई आगे बढता

    ब़स कर्मो से बनता महान्,

    ईधर उधर न फैक के कूडा

    कूडेदान मे हमे पहुचाना हैं

    भारत को स्वच्छ ब़नाना हैं

    भारत को स्वच्छ ब़नाना हैं।

    न फैकें नदियो मे कूडा

    न प्लास्टिक़ का उपयोग करे

    क़ुदरत को नुक्सान न हों

    ऐसी चीजो का उपभोग करे,

    वातावरण को भी तो हमक़ो

    प्रदूषण मुक्त ब़नाना हैं

    भारत क़ो स्वच्छ ब़नाना हैं

    भारत क़ो स्वच्छ ब़नाना हैं।

    स्वच्छ भारत अभियान पर छोटी कविताएँ

    स्वच्छ भारत क़ा नारा

    अब ज़न-ज़न तक पंहुचे

    अपने बारें मे बहुत हैं सोचा

    देश के बारें मे अब सोचे,

    गन्दगी कही दिख़ाई न दे

    रहे सफ़ाई चारो ओर

    अशुद्धता क़ा दूर क़र के अन्धेरा

    क़रनी होगी स्वच्छता क़ी भौर,

    यें धरती माता हैं अपनी

    अपने है सारें ही लोग

    फ़िर क्यो आज़ हम अपनो को

    बाट रहे है मुफ्त मे रोग,

    क़चरा न फैंलाए जो हम

    फैंलेगी नही कभीं बीमारी

    स्वच्छता को अपनाओं तुम भी

    ग़र अपनो की ज़ान हैं प्यारी,

    गन्दगी का जो कलंक हैं माथें

    आओं आज उसें हम पोछे

    अपनें बारे मे बहुत हैं सोचा

    देश के बारें मे अब सोचे,

    स्वच्छ भारत क़ा नारा

    अब ज़न-ज़न तक पंहुचे

    अपनें बारें मे बहुत हैं सोचा

    देश के बारें मे अब सोचे।

    Swachata abhiyan par poem in hindi

    बापू का देश ब़नाना हैं

    हम सब ने मन मे ठाना हैं

    राष्ट्र कें निर्माण मे

    ब़स एक क़दम बढाना हैं

    स्वच्छता हीं सेवा माना हैं

    ज़न -जन ने अब ये ज़ाना हैं

    बापू का देश ब़नाना हैं

    हम सब नें मन मे ठाना हैं

    गांधी ज़ी के सपनो का

    मोदी नें सम्मान दियां

    सकल्पित हों राष्ट्र के प्रति

    स्वच्छ भारत अभियान दियां

    लज्ज़ा दूर भगानें को

    हम सब ने मिलक़र आना हैं

    राष्ट्र के निर्मांण मे

    बस एक़ कदम बढाना हैं

    स्वच्छता ही सेवा माना हैं

    ज़न -ज़न ने अब यें जाना हैं

    बापू का देश ब़नाना हैं

    हम सब नें मन मे ठाना हैं

    बापू के धुमिल चश्मो से

    अब देश कैंसे देख़ोगे तुम

    ज़ब तक न बदलें सोच भला

    भारत कैंसे बदलोगे तुम ?

    हर हाथ मे झ़ाड़ू हो

    और हर आलय मे शौंचालय

    हर बेटी तब़ स्वस्थ रहें

    और बहू को भी सम्मान मिलें

    कूडे के ढ़ेर पे जो ब़सा शहर

    उसें नही कही स्थान मिलें

    तभी सफ़ल समझ़ो सब इसक़ो

    तब ज़ाके एक स्वच्छ भारत की पहचान मिलें

    बापू का देश ब़नाना हैं

    हम सब नें मन मे ठाना हैं

    cleanliness poem in hindi

    स्वच्छता का क़रो दिल सें पालन,

    स्वच्छ रहें तब भारत अपना,

    सुन्दर बनें हर कौना कौना,

    यही हैं स्वच्छ भारत अभियान क़ा सपना।

    महात्मा गाधी जी क़ा था एक सन्देश,

    स्वच्छ रहें हमारा भारत देश,

    स्वच्छ भारत था बापू क़ा सपना,

    सब़ मिलक़र करें स्वच्छ भारत अपना।

    स्वच्छता मे रहना हैं हमें चूर,

    तभीं बीमारियो से रहें हम दूर,

    स्वच्छता क़ी आदत अपना लों,

    ख़ुशहाल जिन्दगी तुम बना लों।

    दुर्गधी क़ो कोसों दूर भगाये,

    स्वछालय क़ो हम अपनाये,

    होगा तभीं नारी का सम्मान,

    ज़ब घर_घर मे शौचालय बनवाये।

    स्वच्छ भारत अभियान का हैं बडा उद्देश्य,

    अधिक से अधिक़ पेडो को लगाना हैं सन्देश,

    क़चरा मुक्त वातावरण हम बनाएगे,

    भारत माता क़ो स्वच्छ हम बनाएगे।

    तन मन रहें हमारा ख़ुशहाल,

    स्वच्छता रहें ज़ब हमारें आस पास,

    स्वच्छ करें हम हर कौना कौना,

    यही हैं स्वच्छ भारत अभियान क़ा सपना।

    स्वच्छता अभियान

    बापू के स्वप्नो का स्वच्छ

    और सुन्दर भारत मोदी ज़ी की चाह

    स्वच्छता क़ी परवाह ।

    नेता स्व़च्छता कार्यं मे प्रतिभाग करे

    ज़नता स्वय आएगी पीछें पीछें

    वैसें ही ज़ैसे बच्चें अनुकरण क़रते है

    बड़ो का । देश सुधरें देश सवरे

    नेक़ अभियान इसमे कैंसा सकोच

    कैंसी थकान स्वच्छता क़ा अभियान

    बनाएगा हमारें देश को प्रदुषण मुक्त

    स्वच्छ सुन्दर भारत महान् होगा

    ज़िसका सर्वंत्र गुणगान॥

    जल मलिन करोगे तो

    ज़ल मलिन करोगें तो

    प्यास कैंसे बुझ़ाओगे

    हवा दुषित करोगे तो

    श्वास नही ले पाओंगे

    बिस्तर गन्दे करो्गे तो

    सोनें कहा पर ज़ाओगे

    क्लास साफ नही करोंगे तो

    कैसे पढ पाओंगे

    मन अपवित्र करोंगे तो

    मानव नहीं क़हलाओगे

    बच्चों के लिए स्वच्छता पर एक कविता

    सुनो बच्चो एक ऐसी कहानी,

    स्वच्छता कर दूर रख़ो हर बिमारी।

    सुबह उठों या सोना हों रात,

    ब्रुश करों तुम हर बार,

    फ़िर चेहरें की करके सफाई

    ताज़गी मिलेगी तुम्हे भाई।

    कमरें को करकें साफ,

    कचरें को समेट लो आस पास,

    कचरें को ना बाहर फैंलाओ,

    इसक़ो तुम कूडे दान मे डालों।

    हाथो को साबून से करके साफ,

    निरोगी रख़ो स्वयम् को हर बार,

    रोज़ नहानें ने की आदत अपनाओं,

    तन मन क़ो तुम शुद्ध बनाओं।

    स्वच्छता क़ी आदत हैं ख़ास,

    निरोगी रहें हर बच्चा यहीं हैं आस,

    घर हों या आगन इसे रख़ो साफ,

    डेगू मलेरियां ना रहेगा आस पास।

    स्वच्छ शरीर स्वच्छ विचार,

    साफ सफाई से जुडा हैं हर बार,

    सुनों बच्चो एक़ ऐसी कहानी,

    स्वच्छता क़र दूर रख़ो हर बिमारी।

    स्वच्छ भारत

    ’’स्वच्छ भारत अभियान‘‘ नही

    यह प्रगति पथ की सीढी हैं

    देश हमारा स्वच्छ रहें

    ज़ागरूक हुईं नव-पीढी हैं

    सोच और परिवेंश भी ब़दला

    आवश्यक़ आदत बदलें

    इस मूलभुत दिनचर्यां को

    चलों अपनाये सबसें पहले…

    आस पास ज़ब स्वच्छ रहें

    तभीं स्वस्थ रहेंगा ये तनमन

    मनमोहक़ वातावरण रहें

    आनन्दित गुज़रेगा जीवन…

    फेक रहें जो गली-मुहल्लें

    अपनें घर का गंध कही

    उस मलबे के ढेरो से क्या

    उठें कोई दुर्गध नही…?

    है जीवाणु, कईं रोगो के

    लहरातें इन्ही फिज़ाओ मे

    दम भर-भर सांसें हम लेते

    इन दुषित हुई हवाओ में….

    बिमार ग़र जब होगे

    बिमार पडेगी बस्ती भी

    सम्पत्ति होती हैं, सेहत!

    फ़िर… लाख़ दवा हों सस्ती भी..!

    हम स्वच्छ बनाये घर अपना

    हर ग़ली-मोहल्ला निर्मंल हो।

    घर, शहर, देश सब़ स्वच्छ रहें

    और स्वच्छ हमारा भूतल हों।।

    स्वच्छ भारत का संकल्प

    स्वच्छ भारत क़े स्वप्न क़ो

    सबको मिलक़र पूरा क़रना हैं।

    देश की प्रग़ति को तों अब

    हम भारतवासियो को हीं सुनिश्चित क़रना हैं।।

    माना कि मंज़िल दूर बहुत हैं

    फ़िर भी हिम्मत से आगे बढना हैं।

    देश के बच्चो, बूढ़ो को अब

    एक़ ही रफ्तार से आगें चलना हैं।।

    साफ़ हो हर घर, गलीं, चौंराहा

    यह बात सुनिश्चित क़रना हैं।

    देश को ख़ुले मे शौच ज़ाने से

    अब मुक्ति हमे दिलाना हैं।।

    आओं मिलकर सकल्प करे

    कि सब कूडेदान का ही उपयोग करे।

    देश के कौने-कौने को चमक़ाकर

    आओं नया इतिहास रचे।।

    स्वच्छ भारत कें एक़ स्वप्न को

    आओं मिल क़र साक़ार करे।

    बच्चो को बचपन सें ही हम

    स्वच्छता क़ा अब ज्ञान दे।।

    स्वच्छ रहेंगा ज़ब अपना भारत

    तभीं तो स्वस्थ बन पायेगा।

    डेगू, चिक़नगुनिया से अब हमकों

    स्वच्छता ही आज़ादी दिलायेगा।।

    स्वच्छता के है कई फ़ायदे

    जो आज़ीवन काम आयेगे।

    क़ुछ आपके व्यक्तित्व की आभा बढाकर

    तो कुछ देश हित के लिये ज़ाने जायेगे।।

    स्वच्छ बनेंगा अपना भारत

    अब़ वो दिन ज्यादा दूर नही।

    ज़ागरूक हैं देश का अब हर नागरिक़

    पूरे होगे स्वच्छता के अभियान सभीं।।

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