Skip to content

चूहे पर कविता,Poem On rat in Hindi, Chuhe par Kavita

    चूहे पर कविता,Poem On rat in Hindi, Chuhe par Kavita

    सुन चूहे की गप्प

    लाल किले में रहूँ नहाऊं

    जमुना जी के जल में

    महरौली में रोटी खाऊं

    सोऊ ताजमहल में

    सुबह सुबह उठकर लंदन भागू

    हडबड हडबड हप्प

    सुन चूहे की गप्प

    भालू मेरी बगिया सींचे

    बन्दर पलंग बिछाए

    लोरी गाकर गधा सुलाए

    हाथी पाँव दबाए

    दूर खड़ी छज्जे पर बिल्ली

    चुए लार टपटप्प

    सुन चूहे की गप्प

    बाल पकड़कर शेर बब्बर के

    मैं वह मजे चखाऊं

    याद करे नानी को अपनी

    बोले म्याऊं म्याऊं

    कर जाऊं मैं उस पाजी का

    सारा राज हड़प्प

    सुन चूहे की गप्प

     

    पाँच चूहे

    पांच चूहे घर से निकले

    करने चले शिकार

    एक चूहा पीछे छुटा

    बाकी रह गये चार

    चारों ने मस्ती में आकर

    बजाई पीपी बीन

    एक चूहे को बिल्ली खा गई

    बाकी रह गये तीन

    तीनों ने मिलकर ठानी

    चलो चलें अब घर को

    एक चूहे ने बात न मानी

    बाकी बच गये दो

    बचे खुचे जो दो चूहे थे

    वे थे बड़े ही नेक

    चील झपट ले गई एक को

    बाकी रह गया एक

    वह चूहा था बड़ा रंगीला

    बना फिल्म का हीरो

    वह भी फोटो बन गया भैया

    बचाओ अजी बस जीरो

     

    नन्हा चूहा

    नन्हा चूहा दौड़ रहा था

    मेरे पूरे घर भर में

    उसके पीछे भाग रहा था

    सोनू घर आंगन में

    चूहा था शैतान बड़ा

    झट चढ़ता पर्दों पर

    कभी टांड पे मूँछ हिलाता

    कभी भागता टीवी पर

    परेशान हो सोनू बोला

    माँ दे दो चूहेदानी

    कैद करूँगा जब उसमें तो

    याद आएगी इसको नानी

    रोटी की लालच में चूहा

    भूला सोनू की चालाकी

    कुतर के रोटी ज्यों ही घूमा

    बंद हुई खट चूहेदानी

     

    गिल्लू ‘भावना शेखर”

    यह है मेरा नन्हा गिल्लू

    पकड़े जब तब माँ पल्लू

    पतली पतली इसकी मूँछ

    झाड़ू सी है इसकी पूंछ

    पैरों का यह स्टूल बनाता

    झट से उस पर बैठ जाता है

    दोनों हाथ में काजू पकड़े

    कूट कुट कर फिर मुँह से कुतरे

    गोल गोल है आँख नचाता

    गोदी में फट से चढ़ जाता

    पापा जब भी घर पर आते

    पैरों में लिपटा ही जाता

    घुड़की दे जब उसे भगाते

    खाली जूते में घुस जाता

     

    चूहे पर कविता,Poem On rat in Hindi, Chuhe par Kavita,rhymes in hindi,hindi rhymes,essay on rat in hindi,bal geet in hindi,hindi,fairy tales in hindi,hindi kavita,hindi rhymes for children,sher aur chuha kahani in hindi,hindi poem,hindi poems,hindi nursery rhymes,hindi poem chuhe raja chale chand par,hindi baby songs,chuhe ki poem in hindi,hindi essay on rat,chuha hindi kavita,sher aur chuha in hindi,hindi rhymes for kids,rat in hindi language,all about rat in hindi,चूहे पर हास्य कविता

    close