Skip to content

अखबार पर कविता, Poem On Newspaper In Hindi, Akhbar Par Kavita

    अखबार पर कविता, Poem On Newspaper In Hindi, Akhbar Par Kavita

     

    मायानगरी की तस्वीरे

    घनी बनाने की तरकीबें

    वजन घटाने वाली गोली

    गोरा करने वाली क्रीमें

    कुछ विज्ञापन आकर्षक से

    कुछ विज्ञापन है बेकार

    काला चोला छोड़ छाड़कर

    रंगों से सज बरखुरदार

    लेकर खबरों का अंबार

    कहाँ चले मिस्टर अखबार?

    कैसे कर लेते हत्याओं

    की खबरों को हजम मियाँ

    कैसे सह लेते हो झूठों

    मक्कारों को सहन मियाँ

    कैसे युद्धों और दंगों की

    खबरों पर चुप रहते हो

    चोरों और मुनाफाखोरो

    से भी कुछ नहीं कहते हो

    फड़ फड़ करते बारंबार

    कहाँ चले मिस्टर अखबार?

    सुनो दोस्त! मुझ पर आरोपों

    की बरसातें ठीक नहीं

    मैं बचाव भी करता हूँ

    क्या लगती बातें ठीक नहीं

    साहसभरी साफ़गोई और

    न्याय नीति भी लाता हूँ

    शिक्षा, कला , खेलकूद

    इतिहास, धर्म सिखलाता हूँ

    मुझको मत समझो बेकार

    सदा सहायक मैं अखबार

     

    अखबार आता है

    सुबह सुबह आता अखबार

    खबरों का लाता अंबार

    मेरे लिए नहीं सब कुछ इसमें

    यह लगता बिलकुल बेकार

    आते ही लपकें दादा जी

    देखें इसमें राशिफल

    फिर पापा जी झटपट ढूँढे

    इधर उधर की हर हलचल

    मेरा जब नम्बर आता तो

    मिलता सबकुछ चौपट यार

    पहले इसमें रविवार को

    गीत कहानी छपते थे

    रंग बिरंगे कार्टून भी

    मुझको इसमें दिखते थे

    जिस दिन यह छुट्टी करता था

    मैं हो जाता था बीमार

    जाने क्या हो गया आजकल

    भैया इन अखबारों को

    रोक दिया क्यूँ जान बुझकर

    बचपन भरी बहारों को

    हे भगवान सुधारों इनको

    लौटा दो मेरा संसार

     

    अखबार पर कविता, Poem On Newspaper In Hindi, Akhbar Par Kavita, hindi kavita,kavita,ped par kavita hindi mein,tree par kavita in hindi,अख़बार पर कविता,hindi poem,hindi ki kavita,पेड़ पर कविता हिंदी में,newspaper par hindi poem,paper bag par kavita hindi me,hindi kavita ped ke bare mein,akhbar par hindi poem,hindi poems for nursery,akhbaar par kavita,pariksha pe kavita in hindi,paper bag day par kavita,hindi diwas par kavita,kavita hindi diwas par,ped par kavita hindi mai,water par kavita in hindi

    close