Skip to content

Top 10 Panchtantra Moral Stories In Hindi

    Top 10 Panchtantra Moral Stories In Hindi

    Panchtantra Moral Stories In Hindi:- यहां मैं आपके साथ शीर्ष 10 साझा कर रहा हूं Panchtantra Moral Stories In Hindi जो वास्तव में अद्भुत और अद्भुत है moral stories in Hindi of Panchtantra आपको बहुत सी चीजें सिखाएगा और आपको एक शानदार अनुभव देगा। आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा कर सकते हैं और ये पंचतंत्र की नैतिक कहानियाँ आपके बच्चों या छोटे भाई-बहनों के लिए बहुत उपयोगी होंगी।

    डरपोक सोनू Panchtantra Moral Stories In Hindi

    सोनू बड़ा डरपोक था। वह छोटी से छोटी आवाज से भी डर जाता था। एक दिन शाही संदेशवाहक ने पूरे गाँव में घोषणा की, “राजा ने राज्य के प्रत्येक युवा को शाही फौज में भर्ती होने का आदेश दिया है।

    प्रत्येक व्यक्ति के लिए इस आदेश का पालन करना अनिवार्य है।” सोनू राजाज्ञा मानने के लिए विवश था। इसलिए वह शाही फौज में भर्ती होने के लिए चल पड़ा।

    रास्ते में जब वह एक जंगल से गुजर रहा था, तब उसे एक विशालकाय पेड़ के ऊपर बहुत से कौवे बैठे दिखाई दिए। वे बहुत अधिक शोर मचा रहे थे कौओं की आवाज सुनकर सोनू डर के कारण वहीं पर रुक गया।

    वह आगे बढ़ने की कोशिश करता, परन्तु उसके पैर उसका साथ नहीं दे रहे थे सोनू वास्तव में हद से ज्यादा डरपोक था। उसे लगने लगा कि वे कौए उसे मार डालेंगे।

    तो वह डर के मारे काँपते हुए बोला, “चिल्लाई, और चिल्लाओ, परंतु तुम मुझे मार नहीं सकते।” इससे साबित होता है कि वह शाही सेना के योग्य ही नहीं था। इसलिए व्यक्ति को वही कार्य करना चाहिए, जिसके वह योग्य हो।

     

    सफलता का मंत्र New Panchtantra Moral Stories In Hindi

    एक बार दो चूहे खेल रहे थे। वे एक-दूसरे के पीछे-पीछे दौड़ रहे थे वे दौड़ते-दौड़ते एक दुग्धशाला में पहुंच गए। वहाँ भी एक-दूसरे के पीछे दौड़ते-दौड़ते वे दोनों दूध से भरे हुए एक बड़े से बर्तन में गिर गए।

    वे दोनों ही तैरना नहीं जानते थे। इसलिए वे डूबने लगे। दोनों अपनी-अपनी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष करने लगे। थोड़ी देर बाद उनमें से एक चूहा बोला,

    “प्रिय मित्र, मुझे लगता है कि हम डूब जाएँगे और हमें अब कोई नहीं बचा सकता।” दूसरा चूहा बोला, “मैं इस विपदा के समय धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए और कोशिश जारी रखनी चाहिए।”

    लेकिन पहले चूहे ने कोशिश नहीं की और वह दूध में डूब गया। दूसरे चूहे ने अपने दोस्त को दूध में डूबता देख बाहर आने के लिए और तेजी से तैरने की कोशिश शुरू की।

    उसकी इस कोशिश से दूध मथने लगा और थोड़ी ही देर में मलाई की एक मोटी परत दूध की सतह पर आ गई। चूहा किसी प्रकार उस मलाई की परत पर चढ़ा और फिर उसने बर्तन से बाहर छलाँग लगा दी।

    किसी ने ठीक ही कहा है कि व्यक्ति को तब तक प्रयास करते रहना चाहिए, जब तक वह अपने मकसद में सफल न हो जाए।

     

    कुएँ की कहानी Unique Panchtantra Moral Stories In Hindi

    एक बार की बात है। एक राज्य में भयंकर सूखा पड़ गया। राजा ने अपने सिपाहियों को सभी जगह पानी ढूँढने का आदेश दिया।   एक सिपाही बाजार पहुँचा और उसने एक दुकानदार से पूछा, “मुझे पानी कहाँ मिलेगा?

    ” दुकानदार बोला,”यहाँ पानी तो कहीं भी नहीं है। यदि तुम चाहो तो बर्फ की यह सिल्ली ले सकते हो। वास्तव में यह जमा हुआ पानी है।”   सिपाही अपने साथ बर्फ लेकर चल दिया।

    न तो उसने और न ही राजा ने पहले कभी बर्फ देखी थी। रास्ते में बर्फ की सिल्ली पिघलकर बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़ों में परिवर्तित हो गई।   बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़ों को देखकर राजा ने सोचा कि ये अवश्य ही पानी के बीज हैं।

    इसलिए उसने अपने सिपाहियों को बर्फ के उन टुकड़ों को भूमि में बो देने का आदेश दिया, जिससे पानी के पेड़ की प्राप्ति हो सके।   लेकिन बोते-बोते बर्फ की बूंदें पिघल गई और भूमि ने जल को अवशोषित कर लिया।

    जब बर्फ का पेड़ नहीं उगा तो राजा ने अपने सिपाहियों से बर्फ वापस प्राप्त करने के लिए जमीन खोदने को कहा।   उन्होंने भूमि को गहराई तक खोदा और बर्फ की जगह उसमें पानी पाया। पानी देखकर वे बड़े खुश हुए। इस प्रकार से कुओं की रचना हुई।

     

    धैर्य का लाभ In Hindi Panchtantra Moral Stories

    एक बार एक राजा अपना निजी सहायक नियुक्त करना चाहता था। इस वजह से महल में उम्मीदवारों की भारी भीड़ जमा हो गई।   राजा सभी उम्मीदवारों की परीक्षा लेने के लिए उन्हें एक तालाब पर ले गया और बोला, “जो कोई इस बर्तन को तालाब के पानी से भर देगा,

    मैं उसी को अपना निजी सहायक नियुक्त करूंगा।   लेकिन हाँ, मैं आप सबको यह अवश्य बताना चाहूँगा कि इस बर्तन में एक छेद है।” कुछ लोग तो कोशिश किए बिना ही वहाँ से चले गए।

    कुछ लोग कोशिश करने के बाद वहाँ से चले गए।   लेकिन एक व्यक्ति धैर्यपूर्वक बर्तन में पानी भरने की कोशिश में लगा रहा। उसने बर्तन में पानी भरा और उसे जमीन पर हल्का -सा गाड़ कर रख दिया।

    लेकिन कुछ ही देर में पूरा पानी जमीन पर फैल गया। इसी तरह कोशिश करते-करते अन्ततः तालाब खाली हो गया। उस व्यक्ति को खाली तालाब से एक हीरे की अंगूठी मिली।

    उसने अंगूठी राजा को दे दी। राजा उसकी ईमानदारी पर प्रसन्न होते हुए बोला, “यह अंगूठी तुम ही रख लो। यह तुम्हारे धैर्य एवं परिश्रम का इनाम है।   और आज से तुम मेरे निजी सहायक हो।” किसी ने ठीक ही कहा है कि धैर्य का फल मीठा होता है।

     

    लाभ या हानि Panchtantra Moral Stories Hindi

    अर्जुन एक दुकान पर मोमबत्ती लेने गया। उसने दो मोमबत्तियाँ खरीदीं। प्रत्येक मोमबत्ती की कीमत तीन रुपए थी।   उसने दुकानदार को दस रुपए दिए।

    बदले में दुकानदार ने उसे चार रुपए वापस कर दिए। उनमें एक दो रुपए का सिक्का एवं दो एक-एक रुपए के सिक्के थे।   जब वह घर पहुँचा तो वहाँ बिजली नहीं थी।

    इसलिए अर्जुन ने एक मोमबत्ती जलाई। परन्तु उसका एक रुपए का एक सिक्का कहीं गिर गया था।   उसने चारों तरफ देखा, लेकिन उसे वह सिक्का कहीं नहीं मिला।

    धीरे-धीरे पूरी मोमबत्ती जल गई। लेकिन अर्जुन को वह सिक्का नहीं मिला।   अब उसने दूसरी मोमबत्ती भी जलाई और फिर सिक्के को ढूँढने लगा।

    कुछ समय बाद दूसरी मोमबत्ती भी पूरी जल गई, परन्तु किस्मत से तब तक अर्जुन को एक रुपए का सिक्का मिल गया था।   लेकिन अर्जुन ने एक रुपए के लिए दो मोमबत्तियाँ जला दी थीं, जिनकी कीमत छह रुपए थी।

    अर्जुन सोचने लगा कि उसे लाभ हुआ या हानि।   अब अर्जुन समझ गया था कि कोई भी निर्णय हमेशा सोच-समझकर लेना चाहिए, ताकि नुकसान से बचा जा सके।

     

    बुद्धिमान सोनू Awesome Panchtantra Moral Stories In Hindi

    सोनू एक नटखट, चालाक एवं बुद्धिमान लड़का था। उसकी हाजिरजवाबी देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता था।   एक दिन सोनू की माँ ने उसे कुछ फल लाने के लिए बाजार भेजा।

    लेकिन फल विक्रेता बेईमान और धोखेबाज था।   उसने उसे सिर्फ नौ सौ ग्राम सेब ही तोलकर दिए। सर्तक सोनू ने ये देख लिया। वह बोला, “ये एक किलो सेब नहीं हैं। ये कुछ कम दिखते हैं।”

    फल विक्रेता बोला, “नहीं, फल एकदम सही तोले हैं और वैसे भी यदि कम भी हैं, तो तुम्हें फल उठाने में आसानी होगी।   इसलिए जितने हैं उतने चुपचाप लेकर चलते बनो।” सोनू चालाक था।

    उसने भी फल विक्रेता को नौ सौ ग्राम सेब के ही पैसे दिए।   यह देखकर फल विक्रेता बोला, “तुमने मुझे कम पैसे दिए हैं। सोनू भी अपने जवाब के साथ तैयार था।

    वह बोला, “नहीं, कीमत एकदम सही है।   वैसे भी यदि पैसे कम हैं तो तुम्हें पैसे गिनने में आसानी रहेगी।” सोनू का बुद्धिमत्तापूर्ण जवाब सुनकर फल विक्रेता आश्चर्यचकित रह गया।

     

    दुष्ट भेड़िया और मासूम मेमना Best Panchtantra Moral Stories In Hindi

    एक जंगल में एक दुष्ट भेड़िया रहता था। एक दिन वह नदी में पानी पी रहा था। तभी उसने थोड़ी दूरी पर, एक मेमने को पानी पीते हुए देखा।   उसके मुँह में पानी आ गया।

    उसने सोचा-“आज तो बहुत मज़ेदार भोजन मिलेगा।” वह मेमने की तरफ कदम बढ़ाते हुए, जोर से बोला-“मेरा पानी गंदा करने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?”

    छोटा मेमना डर गया और बोला-“मैं तुम्हारा पानी गंदा कैसे कर सकता हूँ? नदी का पानी तो तुम्हारी ओर से मेरी ओर बह रहा है।   मेरी ओर से तुम्हारी तरफ नहीं।”

    भेड़िया फिर से गुर्राया-“तो तुम वही हो जिसने मुझे पिछले साल गाली दी थी।” “मैं तो पिछले साल पैदा ही नहीं हुआ था।”-मेमने ने जवाब दिया।

    भेड़िया उसके पास आ गया और बोला-“कोई बात नहीं। अगर तुम नहीं थे, तो तुम्हारा बाप होगा।” ऐसा कह कर वह मेमने पर झपट पड़ा और उसे खा गया।

     

    चालाक लोमड़ी और बंदर Latest Hindi Panchtantra Moral Stories

    एक बार जंगल के सभी जानवरों ने मिल कर एक पार्टी का आयोजन किया। सभी जानवरों ने बड़े उत्साह के साथ उसमें भाग लिया।   उनमें से बंदर सबसे ज्यादा उत्साहित था।

    उसने खुब नृत्य किया और सभी जनवरों का बहुत मनोरंजन किया। खुश होकर सभी जानवरों ने मिलकर उसे अपना राजा बना लिया।   परंतु लोमड़ी को बंदर का राजा बनना पसंद नहीं आया वह इस बात से बहुत निराशा हुई।

    एक दिन लोमड़ी को एक जाल मिला, जिसमें माँस का एक टुकड़ा फँसा हुआ था।   उसे एक उपाय सूझा। उसने बंदर को खाने पर बुलाया और कहा-“बंदर महाराज, देखिए! मैंने आप के लिए मांस रखा हुआ है।”

    बंदर बिना सोचे-समझे, मांस को पकड़ने गया और जाल में फँस गया। जब बंदर ने लोमड़ी को इस हरकत के लिये डांटा, तो लोमड़ी ने उसका मज़ाक उड़ाते हुए कहा-   “तुम राजा बनने लायक ही नहीं हो क्योंकि तुममें खतरे को भाँपने की समझ नहीं है।” यह सुनकर बंदर बहुत शर्मिंदा हुआ और उसे अपनी गलती का एहसास हो गया।

     

    घमंडी मुर्गा Amazing Panchtantra Moral Stories In Hindi

    किसी जंगल में दो मुर्गे रहते थे। दोनों एक ही बाड़े में अपना घर बनाना चाहते थे। दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि कैसे इस समस्या का हल निकालें।

    उन्होंने सोचा क्यों न आपस में लड़ कर इसका हल निकालें। लड़ाई में जो भी जीतेगा, वही बाड़े में अपना घर बनाएगा। दोनों मुर्गे पूरी ताकत से लड़ने लगे।

    लड़ते-लड़ते एक मुर्गा थक गया और वहाँ से भाग गया। जीतने वाले मुर्गे को अपनी जीत पर इतना घमंड हुआ कि वह उड़ कर एक दीवार के ऊपर जा बैठा और ज़ोर से बाँग देने लगा-“कुकडू-कू!”   दुर्भाग्यवश, पास ही एक चील बैठी हुई थी।

    मुर्गे की बाँग सुनते ही वह उस पर झपट पड़ी और उसे अपने पंजों में जकड़ कर वहाँ से उड़ गई।   इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि जो खुद पर घमंड करते हैं, एक दिन भगवान उनको सबक ज़रूर सिखाते हैं।

     

    बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे? Panchtantra Moral Stories In Hindi

    एक बार चूहों ने एक सभा बुलाई। सभी चूहे बिल्ली से तंग आ चुके थे। वह सभी के परिवार के किसी न किसी सदस्य को खा चुकी थी।   हर कोई अपना सुझाव दे रहा था।

    तभी कोने में बैठे एक युवा चूहे ने कहा-“मेरे पास एक बहुत अच्छी योजना है। बिल्ली के गले में घंटी बांध देते हैं।   जब भी बिल्ली हमारे पास आएगी तो घंटी की आवाज़ से हमें चेतावनी मिल जाएगी और हम अपनी जान बचा पाएंगे।”

    सभी चूहों को यह सुझाव बहुत पसंद आया।   सभी बहुत खुश हुए। तभी एक समझदार बूढ़े चूहे ने कहा-“सुझाव तो बहुत अच्छा है, परन्तु मुझे कोई ये बताएगा कि बिल्ली के गले में घंटी बांधेगा कौन?”

    यह सुन कर सभी चुप हो गए। किसी में भी इतना साहस नहीं था कि वह यह काम कर सके। किसी ने ठीक ही कहा है-“कहने और करने में बहुत अंतर होता है।”

    Top 10 Panchtantra Moral Stories In Hindi,डरपोक सोनू Panchtantra Moral Stories In Hindi,सफलता का मंत्र New Panchtantra Moral Stories In Hindi,कुएँ की कहानी Unique Panchtantra Moral Stories In Hindi,धैर्य का लाभ In Hindi Panchtantra Moral Stories,लाभ या हानि Panchtantra Moral Stories Hindi,बुद्धिमान सोनू Awesome Panchtantra Moral Stories In Hindi,दुष्ट भेड़िया और मासूम मेमना Best Panchtantra Moral Stories In Hindi,चालाक लोमड़ी और बंदर Latest Hindi Panchtantra Moral Stories,घमंडी मुर्गा Amazing Panchtantra Moral Stories In Hindi,बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे? Panchtantra Moral Stories In Hindi,hindi moral stories,hindi stories,stories in hindi,moral stories,hindi stories with moral,bedtime moral stories,hindi kahani,hindi kahaniya,hindi fairy tales,hindi moral story,hindi story,stories,moral stories in hindi,bedtime stories,story in hindi,kahaniya in hindi,moral stories for kids,moral story,hindi animated stories,moral kahani,panchtantra stories,hindi kahaniyan,fairy tales in hindi,moral kahaniya,hindi story for children with moral

    close