Skip to content

250+ मौत शायरी और स्टेटस,Maut Shayari, Death Status in Hindi

    250+ मौत शायरी और स्टेटस,Maut Shayari, Death Status in Hindi

    मौत ने चुपके से ना जाने क्या कहा?
    और जिंदगी खामोश हो कर रह गयी।

    आई होगी किसी को हिज्र में मौत
    मुझ को तो नींद भी नहीं आती।

    माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
    हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले।

    मेरी ज़िन्दगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे,
    मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए।

    कोई नहीं आएगा मेरी जिदंगी में तुम्हारे सिवा,
    बस एक मौत ही है जिसका मैं वादा नहीं करता।

    मौत की हिम्मत कहां थी मुझसे टकराने की,
    कमबख्त ने मोहब्बत को मेरी सुपारी दे डाली।

    तुम आओ और कभी दस्तक तो दो इस दिल पर
    प्यार उम्मीद से कम हो तो सज़ा-ऐ-मौत दे देना।

    जिन्दगी जख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
    हारना तो है एक दिन मौत से फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो।

    मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम,
    गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।

    दो गज़ ज़मीन सही मेरी मिल्कियत तो है,
    ऐ मौत तूने मुझको ज़मींदार कर दिया।

    लम्बी उम्र की दुआ मेरे लिए न माँग,
    ऐसा न हो कि तुम भी छोड़ दो और मौत भी न आये।

    चले आओ मुसाफिर आख़िरी साँसें बची हैं कुछ,
    तुम्हारी दीद हो जाती तो खुल जातीं मेरे आँखें।

    किससे महरूम-ए-किस्मत की शिकायत कीजे,
    हमने चाहा था कि मर जायें सो वो भी नहीं हुआ।

    मिल जाएँगे कुछ हमारी भी तारीफ़ करने वाले,
    कोई हमारी मौत की अफवाह तो उड़ाओ यारों।

    सबसे बड़ा नुकसान वह है
    जो हमारे अंदर रहते हुए मर जाता है।

    खबर सुनकर मरने की वो बोले रक़ीबों से,
    खुदा बख्शे बहुत-सी खूबियां थीं मरने वाले में।

    ज़िन्दगी इतनी भी मज़बूर नहीं ए दोस्त।
    दिल से जियो तो मौत भी जीने की अदा बन जाती है।

    किसी कहने वाले ने भी क्या खूब कहा है कि,
    मेरी ज़िन्दगी इतनी प्यारी नहीं की मैं मौत से डरूं।

    ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूं,
    मौत भी हो जाती है और कातिल भी पकड़ा नही जाता।

    मैं जो चाहूँ तो अभी तोड़ लूँ नाता तुम से,
    पर मैं बुजदिल हूँ मुझे मौत से डर लगता है।

    मौत का इंतिज़ार बाक़ी है
    आप का इंतिज़ार था न रहा।

    कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं
    ज़िंदगी तू ने तो धोके पे दिया है धोका।

    अपनी मौत भी क्या मौत होगी ऐ खुदा,
    यू ही मर जायेंगे एक दिन तुम पर मरते-मरते।

    कैद है कुछ ख़्वाब इन खुली आँखों में,
    न जाने कब जागती रातो का सवेरा होगा।

    तलब मौत की करना गुनाह है ज़माने में यारों,
    मरने का शौक है तो मुहब्बत क्यों नहीं करते।

    मृत्यु के लिए बहुत रास्ते है पर,
    जन्म लेने के लिए केवल माँ है।

    मौत से तो दुनिया मरती है,
    आशिक तो प्यार से ही मर जाता है।

    ना जाने मेरी मौत कैसी होगी,
    पर ये तो तय है की तेरी बेवफाई से तो बेहतर होगी।

    ऐ अज़ल तुझसे यह कैसी नादानी हुई,
    फूल वो तोड़ा चमन भर में वीरानी हुई।

    तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको,
    मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है।

    न उढाओ ठोकरों में मेरी खाके-कब्र ज़ालिम,
    येही एक रह गयी है मेरे प्यार की निशानी।

    एक तरफ एक क़ातिल है एक तरफ एक हसीना है,
    मै क़ातिल की तरफ गया, सोचकर की वो एक ही बार मौत देगा।

    कितना दिल-फरेब होगा वो मेरी मौत का मंजर,
    मुझे ठुकराने वाले मेरे लिए आँसू बहायेंगे।

    ज़िंदगी इक सवाल है जिस का जवाब मौत है
    मौत भी इक सवाल है जिस का जवाब कुछ नहीं।

    बला की चमक उस के चेहरे पे थी
    मुझे क्या ख़बर थी कि मर जाएगा।

    जो मौत से ना डरता था, बच्चों से डर गया,
    एक रात जब खाली हाथ मजदूर घर गया।

    कमाल है न जाने ये कैसा उनका प्यार का वादा है
    चंद लम्हे की जिंदगी और नखरे मौत से भी ज्यादा हैं।

    अच्छे लोगों को मरना चाहिए,
    लेकिन मौत उनके नाम को नहीं मार सकती।

    ज़िंदगी इक हादसा है और कैसा हादसा,
    मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं।

    एक न एक दिन
    हर एक को खाक में मिल जाना हैं।

    हद तो ये है कि मौत भी तकती है दूर से,
    उसको भी इंतजार मेरी खुदकुशी का है।

    जहर के असरदार होने से कुछ नही होता साहब
    खुदा भी राजी होना चाहिये मौत देने के लिये।

    मौत एक जीवन को समाप्त करता है,
    एक रिश्ते को नहीं।

    मौत का नही खौफ मगर एक दुआ है रब से,
    कि जब भी मरु तेरे होने का एहसास मेरे साथ मर जाये।

    जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले,
    इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो।

    कोई मृत्यु नहीं है,
    केवल संसार का परिवर्तन हैं।

    सौ जिंदगी निसार करूँ ऐसी मौत पर,
    यूं रोये ज़ार-ज़ार तू अहल-ए-अज़ा के साथ।

    हाथ पढ़ने वाले ने तो परेशानी में डाल दिया मुझे
    लकीरें देख कर बोला, तु मौत से नहीं, किसी की याद में मरेगा।

    पैदा तो सभी मरने के लिये ही होते हैं
    पर मौत ऐसी होनी चाहिए, जिस पर जमाना अफसोस करे।

    मौत ख़ामोशी है चुप रहने से चुप लग जाएगी
    ज़िंदगी आवाज़ है बातें करो बातें करो।

    अच्छाई अपनी जिन्दगी, जी लेती हैं,
    बुराई अपनी मौत, खुद चुन लेती है।

    बढ़ जाती है मेरी मौत की तारीख खुद ब खुद आगे,
    जब भी कोई तेरी सलामती की खबर ले आता है।

    ये दुनिया बाबुल का घर हैं,
    और वो दुनिया ससुराल।

    तुझे भूलने के लिए मुझे सिर्फ़ एक पल चाहिए,
    वो पल। जिसे लोग अक्सर मौत कहते हैं।

    वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन,
    फिर यूँ हुआ के मर के दिखाना पड़ा मुझे।

    अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जायेंगे,
    मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे।

    न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके-कब्र ज़ालिम,
    यही एक रह गई है मेरे प्यार की निशानी।

    ज़िंदगी है अपने क़ब्ज़े में न अपने बस में मौत,
    आदमी मजबूर है और किस क़दर मजबूर है।

    जनाजा रोक कर मेरा वो इस अंदाज से बोले,
    गली हमने कही थी तुम तो दुनिया छोड़े जाते हो।

    पलकें खुली सुबह तो ये जाना हमने,
    मौत ने आज फिर हमें ज़िन्दगी के हवाले कर दिया।

    बहर-ए-ग़म से पार होने के लिए
    मौत को साहिल बनाया जाएगा।

    ओढ़ कर मिट्टी की चादर बेनिशान हो जायेंगे,
    एक दिन आएगा हम भी दास्ताँ हो जायेंगे।

    ज़िंदगी तेरे पहलू में गुज़रने को यूँ बेताब थी,
    कमबख़्त नादानी में मौत को गले लगा बैठी।

    अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो मौत न समझना,
    कई बार ऐसा हुआ है उसे याद करते करते।

    इस मरहले को भी मौत ही कहते हैं,
    जहाँ एक पल में टूट जाये उम्र भर का साथ।

    ज़िंदगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई,
    मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया।

    ज़िंदा लाशो की भीड़ है चारो तरफ,
    मौत से भी बड़ा हादसा है ज़िन्दगी।

    तुम मुझसे पहले न मरना ऐ सनम,
    मुझे तुम्हे अपनी मौत का दर्द देना है।

    मैं बिना किसी निशान के
    मरना नहीं चाहता।

    वादा करके और भी आफ़त में डाला आपने,
    ज़िन्दगी मुश्किल थी अब मरना भी मुश्किल हो गया।

    मौत से क्यों इतनी दहशत जान क्यों इतनी अजीज,
    मौत आने के लिए है, जान जाने के लिए है।

    सुलगती जिन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर है
    अब हमसे दिल के अरमानों का मातम नही होता।

    ऐ मौत तुझे भी गले लगा लूँगा जरा ठहर,
    अभी है आरज़ू सनम से लिपट जाने की।

    ढूढ़ोगे कहाँ मुझको मेरा पता लेते जाओ,
    एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा।

    मौत का भी इलाज हो शायद
    ज़िंदगी का कोई इलाज नहीं।

    नहीं ज़रूर कि मर जाएँ जाँ-निसार तेरे
    यही है मौत कि जीना हराम हो जाए।

    मृत्यु जीवन का विपरीत नहीं है,
    बल्कि इसका एक हिस्सा है।

    साज़-ए-दिल को महकाया इश्क़ ने,
    मौत को ले कर जवानी आ गई।

    वफ़ा सीखनी है तो मौत से सीखो,
    जो एक बार अपना बना ले फिर किसी का होने नहीं देती।

    जहर पीने से कहाँ मौत आती है,
    मर्जी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए।

    मेरी ज़िन्दगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे,
    मेरी मौत को भी प्यारे कोई चाहिए बहाना।

    अंदर से तो कब के मर चुके है हम
    ए मौत तू भी आजा लोग सबूत मांगते हैं।

    अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले,
    वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे।

    उसकी नजरों के सामने मेरी मौत हो ऐ खुदा,
    और मुझे छूने का हक बस सिर्फ उसे ना हो।

    ए मौत, जरा पहले आना गरीब के घर,
    ‘कफ़न’ का खर्च दवाओं में निकल जाता है।

    मौत उसी की चौखट पर हो ऐ खुदा,
    सज़दा सिर्फ़ उसके सिवा हो ना कहीं।

    थक गई मेरी जिन्दगी भी लोगो के जवाब देते
    अब कही मेरी मौत न लोगो का सवाल बन जाऐ।

    तमाम उम्र जो हमसे बेरुखी की सबने,
    कफ़न में हम भी अजीज़ों से मुँह छुपा के चले।

    मौत कभी भी आ सकती हैं,
    इसका कोई वक़्त नहीं।

    जाने वाले कभी नहीं आते
    जाने वालों की याद आती है।

    तसव्वुर में न जाने कातिबे-तकदीर क्या था,
    मेरा अंजाम लिखा है मेरे आगाज से पहले।

    तमाम गिले-शिकवे भुला कर सोया करो यारो,
    सुना है मौत किसी को कोई मौका नहीं देती।

    शहादत कुछ ख़त्म नहीं करती,
    ये एक महज़ शुरुआत है।

    वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन,
    फिर यूँ हुआ के मर के दिखाना पड़ा मुझे।

    बहाने मौत के तो तमाम नज़र आते हैं,
    जीने की वजह तेरे सिवा कुछ नही भी।

    तुम भी समझ जाओगे अंजाम-ए-मौहब्बत ऐ दोस्त,
    मौत किस्तो मे जब आती है तो बहुत दर्द होता है।

    लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती,
    लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती
    तुम बहुत याद आओगे भाई!

    बेतअल्लुक़ ज़िंदगी अच्छी नहीं
    ज़िंदगी क्या मौत भी अच्छी नहीं।

    बादे-फना फिजूल है नामोनिशां की फिक्र,
    जब हम नहीं रहे तो रहेगा मजार क्या?

    जिंदगी गुजर ही जाती है तकलीफें कितनी भी हो,
    मौत भी रोकी नहीं जाती तरकीबें कितनी भी हो।

    मौत से बचने का सबसे शानदार तरीका है,
    दूसरे के दिलों में जिंदा रहना सीख लो।

    नफरत करने की दवा बता दो यारो,
    वरना मेरी मौत की वजह मेरा प्यार ही होगा।

    मार डालेगी मुझे ये खुशबयानी आपकी,
    मौत भी आएगी मुझको तो जबानी आपकी।

    ज़िंदगी एक हादसा है और ऐसा हादसा,
    मौत से भी ख़त्म जिसका सिलसिला होता नहीं।

    वो नादान क्या जाने मेरी दीवानगी कि हद को,
    कि हर सितम को सहा है हमने उसका अहसान समझकर।

    बूढ़ों के साथ लोग कहाँ तक वफ़ा करें
    बूढ़ों को भी जो मौत न आए तो क्या करें।

    उनके साथ जीने का एक मौका दे दे ऐ खुदा,
    तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे।

    मृत्यु, तू अनंत है,
    यह जीवन थोडा है।

    जैसे ही कोई पैदा होता है,
    मरना शुरू हो जाता है।

    कहानी खत्म हो तो कुछ ऐसे खत्म हो,
    कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते बजाते।

    एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा
    आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा।

    इश्क से बचिए जनाब,
    सुना है धीमी मौत है ये।

    ऐ ख़ुदा! तू कभी इश्क़ न करना बेमौत मारा जाएगा,
    हम तो मर कर भी तेरे पास आते हैं पर तू कहाँ जाएगा।

    सुना है मौत एक पल की भी मोहलत नहीं देती,
    मैं अचानक मर जाऊ तो मुझे माफ़ कर देना।

    वो इतना रोई मेरी मौत पर मुझे जगाने के लिए,
    मैं मरता ही क्यूँ अगर वो थोडा रो देती मुझे पाने के लिए।

    मेरी ज़िंदगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे,
    मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए।

    ओढ़ कर मिट्टी की चादर बेनिशान हो जायेंगे,
    एक दिन आएगा हम भी दास्ताँ हो जायेंगे।

    मौत से बड़ी राहत मिलेगी,
    और कोई साक्षात्कार नहीं।

    एक मुर्दे ने क्या खूब कहा है,
    ये जो मेरी मौत पर रो रहे है, अभी उठ जाऊं तो जीने नहीं देंगे।

    जला है जिस्म तो दिल भी जल गया होगा,
    कुरेदते तो जो अब राख जुस्तजू क्या है।

    अब नहीं लौट के आने वाला
    घर खुला छोड़ के जाने वाला।

    एक बात जरूरी नहीं कि सच है
    क्योंकि एक आदमी इसके लिए मर जाता है।

    जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले,
    इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो।

    ना जाने आखिर इतना दर्द क्यों देती हैं ये मोहब्बत,
    हंसता हुआ इन्सान भी दुआओ में मौत माँगता हैं।

    ऐ मौत तेरे लिए क्या बचेगा,
    हमें तो जिंदगी ही दफना रही है।

    इश्क कहता है मुझे इक बार कर के देख,
    तुझे मौत से न मिलवा दिया तो मेरा नाम बदल देना।

    तमाम गिले-शिकवे भुला कर सोया करो यारो,
    सुना है मौत किसी को कोई मोहलत नहीं देती।

    यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी,
    हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली।

    कितनी अज़ीयत है इस एहसास में,
    कि मुझे तुझसे मिले बिना ही मर जाना है।

    मेरी ज़िंदगी तो गुज़री तेरे हिज्र के सहारे,
    मेरी मौत को भी प्यारे कोई चाहिए बहाना।

    मौत सबसे बुरी चीज नहीं है,
    जो पुरुषों के साथ हो सकती है।

    मौत ही शायद जीवन का
    सबसे बड़ा आविष्कार है।

    उसको छूना जुर्म है तो मेरी सजा-ए-मौत का इंतजाम करो,
    मेरे दिल की जिद है की आज उसे सीने से लगाना है।

    दिल का हर राज दे दिया उनको मेहरबा समझ कर,
    लगाया मौत को गले से हमने उनका फरमान समझ कर।

    तमन्ना यही है बस एक बार आये,
    चाहे मौत आये चाहे यार आये।

    मुझे रुला कर सोना तो तुम्हारी आदत बन गई है,
    गर मेरी आँख न खुली तो तुम तडपोगे बहुत।

    हालांकि मैं शहीद होने के लिए बिलकुल तैयार हूँ,
    लेकिन मैं चाहुगा इसे स्थगित कर दिया जाए।

    जो लोग मौत को ज़ालिम करार देते हैं,
    खुदा मिलाये उन्हें ज़िन्दगी के मारो से।

    अपने क़ातिल की ज़ेहानत से परेशान हूँ मैं,
    रोज इक मौत नए तर्ज़ की ईजाद करे।

    बे-मौत मर जाते है,
    बे-आवाज़ रोने वाले।

    कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊँगी,
    मैं तो नदी हूँ समुंदर में उतर जाऊँगी।

    पैसे से सब खरीद सकते हो,
    लेकिन मरे हुए इंसान की ज़िन्दगी नहीं।

    बुरा मत मानना,
    मैं आमतौर पर मरने वाला हूं।

    तू बदनाम न हो जाए इस लिए जी रहा हूँ मैं,
    वरना मरने का इरादा तो रोज ही होता है।

    मोहब्बत और मौत की पसंद भी अजीब है,
    एक को दिल चाहिये तो दूसरे को धडकन।

    मैं किसी को क्या इल्ज़ाम दूँ अपनी मौत का दोस्तो,
    यहाँ तो सताने वाले भी अपने थे और दफ़नाने वाले भी अपने।

    शिकायत मौत से नहीं अपनों से थी मुझे
    जरा सी आँख बंद क्या हुई वो कब्र खोदने लगे।

    करूँ क्यों फ़िक्र मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी
    जहाँ होगी दोस्तों की महफिलें, मेरी रूह वहाँ मिलेगी।

    सुना है तुम तकदीर देखने का हुनर रखते हो,
    मेरा हाथ देखकर बताना कि पहले तुम आओगे या मौत।

    तुम्हारा दबदबा खाली तुम्हारी ज़िंदगी तक है,
    किसी की क़ब्र के अन्दर जमींदारी नहीं चलती।

    जिन्दगी कशमकश-ए-इश्क के आगाज का नाम,
    मौत अंजाम इसी दर्द के अफसाने का।

    ऐ मौत तुझे एक दिन आना है भले,
    आ जाती शबे फुरकत में तो अहसां होता।

    मौत हर रोज़ धीरे धीरे
    आपके करीब आ रही हैं।

    जनाजा रोक कर मेरा वह इस अंदाज से बोले,
    गली हमने कही थी तुम तो दुनिया छोड़े जाते हो।

    हद तो ये है कि मौत भी तकती है दूर से,
    उसको भी इंतजार मेरी खुदकुशी का है।

    मृत्यु संभवतः
    इंसानों के वरदानो में सबसे महान है।

    उनके साथ जीने का एक मौका दे दे ऐ खुदा,
    तेरे साथ तो हम मरने के बाद भी रह लेंगे।

    दुनिया मेरी बला जाने महँगी है या सस्ती है
    मौत मिले तो मुफ़्त न लूँ हस्ती की क्या हस्ती है।

    मौत से किस को रुस्तगारी है
    आज वो कल हमारी बारी है।

    जो दे रहे हो हमें ये तड़पने की सज़ा तुम
    हमारे लिए ये सज़ा ऐ मौत से भी बदतर है।

    अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी,
    वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है।

    दर्द गूंज रहा दिल में शहनाई की तरह
    जिस्म से मौत की ये सगाई तो नहीं।

    मौत से क्या डर मिनटों का खेल है,
    आफत तो ज़िन्दगी है जो बरसो चला करती है।

    तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हूँ मैं,
    वरना मरने का इरादा तो रोज होता है।

    साँसों के सिलसिले को न दो ज़िंदगी का नाम,
    जीने के बावजूद भी मर जाते हैं कुछ लोग।

    कोई नही आऐगा मेरी जिदंगी मे तुम्हारे सिवा,
    एक मौत ही है, जिसका मैं वादा नही करता।

    छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने यह कह कर,
    हो जाओ जब ज़िंदा, तो ख़बर कर देना।

    मृत्यु से इंसान का शरीर मरता हैं,
    लेकिन आत्मा नहीं।

    मृत्यु का भय
    जीवन के भय से पीछा करता है।

    मृत्यु शांतिपूर्ण है,
    जीवन कठिन है।

    उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी,
    बहार आई है तो मौत का पैगाम लाई है।

    एक व्यक्ति ने बहुत कुछ सीखा है
    जिसने सीखा है कि कैसे मरना है।

    वो तो मौत की जिद थी, सो उसकी ही चली,
    वरना टक्कर अच्छी दी थी मेरे मुल्क के सिपाही ने।

    मरते हैं आरज़ू में मरने की
    मौत आती है पर नहीं आती।

    मौत का एक दिन मुअय्यन है
    नींद क्यूँ रात भर नहीं आती।

    दुनिया का एक सराय,
    और मौत यात्रा का अंत।

    मौत जीवन में सबसे बड़ा।
    नुकसान नहीं है।

    वही तफरीक का आलम है बाद-ए-मर्ग भी यारों,
    न कतबे एक जैसे हैं, न कब्रें एक जैसी हैं।

    अपनी मौत भी क्या मौत होगी
    एक दिन यूँ ही मर जायेंगे तुम पर मरते मरते।

    ऐ हिज्र वक़्त टल नहीं सकता है मौत का,
    लेकिन ये देखना है कि मिट्टी कहाँ की है।

    मौत एक सच्चाई है उसमे कोई ऐब नहीं,
    क्या लेके जाओगे यारों कफ़न में कोई जेब नही।

    पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था तुमने मोहब्बत में
    ना जिंदगी अच्छी लगती है और ना ही मौत आती है।

    लोग अच्छे हैं बहुत दिल में उतर जाते हैं
    इक बुराई है तो बस ये है कि मर जाते हैं।

    ऐ मौत ठहर जा तू जरा मुझे यार का इंतज़ार है,
    आएगा वो जरूर अगर उसे मुझसे सच्चा प्यार है।

    रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई
    तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं।

    जब जान प्यारी थी तब दुश्मन हजार थे,
    अब मरने का शौक है तो कातिल नहीं मिलते।

    ले रहा है तू खुदाया इम्तेहाँ दर इम्तेहाँ,
    पर स्याही ज़िन्दगी की खत्म क्यूँ होती नहीं।

    अजल को दोष दें, तकदीर को रोयें, मुझे कोसें,
    मेरे कातिल का चर्चा क्यों है मेरे सोगवारों में।

    ऐ अजल तुझसे यह कैसी नादानी हुई,
    फूल वो तोड़ा चमन भर में वीरानी हुई।

    तुम्हारा दबदबा खाली तुम्हारी ज़िन्दगी तक है,
    किसी की क़ब्र के अन्दर जमींदारी नहीं चलती।

    मिल जाएँगे कुछ हमारी भी तारीफ़ करने वाले,
    कोई हमारी मौत की अफवाह तो उड़ाओ यारों।

    तेरी ही जुस्तजू में जी लिया इक ज़िंदगी मैंने,
    गले मुझको लगाकर खत्म साँसों का सफ़र कर दे।

    कुछ भी हमेशा के लिए
    मौजूद नहीं रह सकता।

    न मौत आती है न कोई दवा लगती है ऐ खुदा,
    न जाने उसने इश्क में कौन सा जहर मिलाया था।

    न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके-कब्र ज़ालिम,
    यही एक रह गई है मेरे प्यार की निशानी।

    मुझे आज भी यकीन है की तु एक दिन लौटकर आयेगा
    चाहे वो दिन मेरी मौत का ही क्यों ना हो।

    हर एक साँस का तू एहतराम कर वरना,
    वो जब भी चाहे, जहाँ चाहे, आखिरी कर दे।

    उससे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत भी कोई चीज़ है,
    ज़िन्दगी वो थी जो उसकी महफ़िल में गुज़ार आए।

    मौत कोई रिश्वत नहीं लेती।

    एक आदमी जो पूरी तरह से रहता है
    वह किसी भी समय मरने के लिए तैयार है।

    किसी कहने वाले ने भी क्या खूब कहा है कि
    मेरी ज़िन्दगी इतनी प्यारी नहीं की मैं मौत से डरूं।

    आखिरी दीदार कर लो खोल कर मेरा कफ़न,
    अब ना शरमाओ कि चश्म-ए-मुन्तजिर बेनूर है।

    कोई नही आएगा मेरी जिदंगी में तुम्हारे सिवा,
    बस एक मौत ही है जिसका मैं वादा नही करता।

    जनाजा रोक कर मेरा, वो इस अंदाज़ से बोले,
    गली हमने कही थी तुम तो दुनिया छोड़े जाते हो।

    चंद सांसे है, जो उड़ा ले जाएगी,
    इससे ज्यादा मौत मेरा, क्या ले जाएगी।

    मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई,
    मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई,
    कुछ पल की मोहलत और दे दे ऐ खुदा,
    उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।

    कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
    ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,
    यूँ घुट-घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,
    मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।

    दुनियां भले ही आपको
    ठुकराती रहे,
    लेकिन मौत एक ना एक दिन
    आपको अपने गले जरुर लगाएगी।

    मौत से मत डरो,
    नहीं जी गयी ज़िन्दगी से डरो.
    तुम्हे हमेशा के लिए नहीं जीना है,
    तुम्हे बस जीना है।

    अगर कल फुर्सत न मिली तो क्या होगा,
    इतनी मोहलत ही न मिली तो क्या होगा,
    रोज़ कहते हो कल मिलेंगे कल मिलेंगे,
    कल मेरी आँख ही न खुली तो क्या होगा।

    ये जमीं जब खून से तर हो गयी है,
    ज़िंदगी कहते हैं बेहतर हो गयी है,
    हाँथ पर मत खींच बेमतलब लकीरें,
    मौत हर पल अब मुक़द्दर हो गयी है।

    पहले ज़िन्दगी छीन ली मुझसे,
    अब मेरी मौत का वो फायदा उठाती है,
    मेरी कब्र पे फूल चढाने के बहाने,
    वो किसी और से मिलने आती है।

    जिंदगी गुजर ही जाती है तकलीफें कितनी भी हो,
    मौत भी रोकी नहीं जाती तरकीबें कितनी भी हो,
    मौत से बचने का सबसे शानदार तरीका है,
    दूसरो के दिलों में जिंदा रहना सीख लो।

    अगर कल फुर्सत न मिली तो क्या होगा,
    इतनी मोहलत न मिली तो क्या होगा,
    रोज़ कहते हो कल मिलेंगे कल मिलेंगे,
    कल मेरी आँखे न खुली तो क्या होगा।

    अगर वो अपनी मोहब्बत हमें बना लें,
    हम उनका हर ख्वाब अपनी पलकों पे सजा लें,
    करेगी कैसे मौत हमें उनसे जुदा,
    अगर वो हमें अपनी रूह में बसा लें।

    एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जायेंगे,
    सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे,
    जितना जी चाहे सता लो मुझको,
    एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।

    अब तलक हम मुन्तजिर रहे हैं जिनके,
    उनको हमारा ख्याल तक न आया,
    उनके प्यार में हमारी जान तक चली गयी,
    उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया।

    चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो,
    झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो,
    ज़िन्दगी तो वीरान थी मौत भी गुमनाम ना हो,
    मुझे गले लगा लो फिर चाहे मौत हजार दे दो।

    हुआ जब मोहब्बत का एहसास उन्हें,
    आकर वो पास सारा दिन रोते रहे,
    हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो,
    कफ़न में आँखें बंद करके सोते रहे।

    शुक्र है कि मौत सबको आती है,
    वरना अमीर तो इस बात का भी मजाक उड़ाते,
    कि गरीब था इसलिए मर गया।

    दर्द से हम अब खेलना सीख गए,
    बेवफाई के साथ अब हम जीना सीख गए,
    क्या बतायें किस कदर दिल टूटा है हमारा,
    मौत से पहले हम कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए।

    कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता,
    किसी की बर्बादी का किस्सा सुनाया नहीं जाता,
    एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को,
    क्योंकि बार बार कफ़न उठाया नहीं जाता।

    लम्हा-लम्हा साँसें खत्म हो रही हैं,
    ज़िन्दगी मौत के आगोश में सो रही है,
    उस बेवफा से न पूछो मेरी मौत के वजह,
    वही तो कातिल है दिखाने को रो रही है।

    बिन आपके कुछ भी अच्छा नहीं लगता,
    अब मेरा वजूद भी सच्चा नहीं लगता,
    सिर्फ आपके इंतज़ार में कट रही है ये ज़िंदगी,
    वरना मौत के आगोश में सो जाती ये ज़िंदगी।

    मेरी किसी खता पर नाराज न होना,
    अपनी प्यारी से मुस्कान कभी न खोना,
    सुकून मिलता है देखकर आपकी हँसी को,
    मुझे मौत भी आ जाये तो भी न रोना।

    बड़ी अजीब चीज है ये मौत भी,
    कभी कभी उस जगह भी मिल जाती है,
    जहाँ लोग जिंदगी की दुआ मांगने जाया करते है।

    वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे,
    काश एक वादा ही उसने निभाया होता,
    मौत का किसको पता कि कब आएगी,
    पर काश उसने ज़िन्दा जलाया न होता।

    दुःख कितना भी बड़ा क्यों ना हो
    धैर्य और संतुलन रखिये
    समय आपको हारने नहीं देगा।

    चूम कर कफ़न में लपटे मेरे चेहरे को
    उसने तड़प के कहा,
    नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं।

    तुम मेरी कब्र पे रोने मत आना,
    मुझसे प्यार था ये कहने मत आना,
    दर्द दो मुझे जब तक दुनिया में हूँ,
    जब सो जाऊं तो मुझे जगाने मत आना।

    जिसकी याद में सारे जहाँ को भूल गए,
    सुना है आजकल वो हमारा नाम तक भूल गए,
    कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो,
    आज वो हमारी लाश पर आना भूल गए।

    करनी मुझे खुदा से एक फरियाद,
    बाकी है कहनी उनसे एक बात बाकी है,
    मौत भी आ जाये तो कह दूंगी,
    जरा रुक जा अभी मेरे दोस्तो से एक मुलाक़ात बाकी है।

    किसी दिन तेरी नजरों से दूर हो जायेंगे हम,
    दूर फिजाओं में कहीं खो जायेंगे हम,
    मेरी यादों से लिपट कर रोने लगोगे,
    जब ज़मीन को ओढ़ कर सो जायेंगे हम।

    मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं,
    शमा के पीछे परवाने चले आते हैं,
    तुम्हें याद न आये तो चले आना मेरी मौत पर,
    उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं।

    वादे भी उसने क्या खूब निभाए हैं,
    ज़ख्म और दर्द तोहफे में भिजवाए हैं,
    इस से बढ़कर वफ़ा कि मिसाल क्या होगी,
    मौत से पहले मेरा कफ़न ले आये हैं।

    वक़्त गुज़रेगा तो हम संभल जायेंगे,
    मौत आने से पहले समझ जायेंगे,
    कि बेवफ़ाई उनकी फ़ितरत है ना की मजबूरी,
    तन्हाई में ही सही, हम फिर से बस जायेंगे।

    आखिर ऐसा क्यों होता हैं
    किसी के पैदा होने पर हम सभी
    खुशियाँ मानते हैं और मरने पर ग़म।

    तुमने क्या सोचा कि
    तुम्हारे सिवा कोई नही मुझे चाहने वाला,
    तू छोङ कर तो देख,
    मौत तैयार खड़ी है मुझे सीने से लगाने को।

    क्या देते हम किसी को मुस्कुराहट,
    हम अपने अश्कों से ज़ार-ज़ार थे,
    क्या देते किसी को ज़िंदगी का तोहफा,
    हम तो अपनी मौत से बेज़ार थे।

    हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान न लो,
    करके बेरुखी मेरी तुम जान न लो,
    एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे,
    हमारी मौत का खुद पे इल्ज़ाम न लो।

    मैं अब सुपुर्दे ख़ाक हूँ मुझको जलाना छोड़ दे,
    कब्र पर मेरी तू उसके साथ आना छोड़ दे,
    हो सके गर तू खुशी से अश्क पीना सीख ले,
    या तू आँखों में अपनी काजल लगाना छोड़ दे।

    आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई,
    आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई,
    आ रही है जिस्म की दीवार गिरने की सदा,
    एक अजब ख्वाहिश थी जो अबके बरस पूरी हुई।

    प्यार में सब कुछ भुलाए बैठे हैं,
    चिराग यादों के जलाये बैठे है,
    हम तो मरेंगे उनकी ही बाहों में,
    ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।

    डरपोक इंसान अपनी मौत से
    पहले कई बार मरता हैं,
    लेकिन बहादुर इंसान
    मौत सिर्फ एक बार होती हैं।

    ये जमीं जब खून से तर हो गई है,
    ज़िन्दगी कहते हैं बेहतर हो गई है,
    हाथ पर मत खींच बेमतलब लकीरें,
    मौत हर पल अब मुक़द्दर हो गई है।

    खुश हैं वो हमें याद ना करके,
    हँस रहे हैं वो हमसे बात ना करके,
    ये हँसी उनके चेहरे से कभी ना जाये,
    खुदा करे वो हमारी मौत पर भी मुस्कुराएं।

    हम अपनी मौत खुद मर जायेंगे सनम,
    आप अपने सर पर क्यूँ इलज़ाम लेते हो,
    जालिम है दुनिया जीने न देगी आपको,
    आप क्यूँ अपनी जुबां से मेरा नाम लेते हो।

    हम अपनी मौत खुद मर जायेंगे सनम,
    आप अपने सर पर क्यूँ इलज़ाम लेते हो,
    जालिम है दुनिया जीने न देगी आपको,
    आप क्यूँ अपने सर पर इलज़ाम लेते हो।

    मौत मिलती है न ज़िंदगी मिलती है,
    ज़िंदगी की राहों में बेबसी मिलती है,
    रुला देते हैं क्यों मेरे अपने,
    जब भी मुझे कोई ख़ुशी मिलती है।

    मेरी मौत के सबब आप बने,
    इस दिल के रब आप बने,
    पहले मिसाल थे वफ़ा की,
    जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।

    मोहब्बत मुझे थी बस तुम्हीं से सनम,
    यादों में तुम्हारी यह दिल तड़पता रहा,
    मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी,
    कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा।

    दो अश्क मेरी याद में बहा जाते तो क्या जाता,
    चंद कलियाँ लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता,
    आये हो मेरी मय्यत पर सनम नकाब ओढ़कर.
    अगर ये चाँद का टुकड़ा दिखा जाते तो क्या जाता।

    दोस्ती जब किसी से की जाये तो दुश्मनों की भी राय ली जाये,
    मौत का ज़हर है फिज़ाओं में अब कहाँ जा कर सांस ली जाये,
    बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ कि ये नदी कैसे पार की जाये,
    मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे हैं आज फिर कोई भूल की जाये।

    जो आपने न लिया हो, ऐसा कोई इम्तिहान न रहा,
    इंसान आखिर मोहब्बत में इंसान न रहा,
    है कोई बस्ती, जहां से न उठा हो ज़नाज़ा दीवाने का,
    आशिक की कुर्बत से महरूम कोई कब्रिस्तान न रहा।

    गम-ए-हयात का झगड़ा मिटा रहा है कोई,
    चले आओ इस दुनिया से जा रहा है कोई,
    अज़ल से कह दो रुक जाये दो घड़ी,
    सुना है आने का वादा निभा रहा है कोई,
    वो इस नाज से बैठे हैं लाश के पास,
    जैसे रूठे हुए को मना रहा है कोई,
    पलट कर न आ जायें फिर साँसें,
    हसीं हाथों से मय्यत सजा रहा है कोई।

    सुहाना मौसम और हवा में नमी होगी,
    आंसुओं की बहती नदी न थमी होगी,
    मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे,
    जब आपके पास वक़्त और
    हमारे पास साँसों की होगी।

    महफ़िल भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा,
    डूबी जो मेरी कश्ती तो साहिल भी रोयेगा,
    इतना प्यार बिखेर देंगे हम इस दुनीया में,
    कि मेरी मौत पे मेरा कातिल भी रोयेगा।

    पहले ज़िन्दगी छीन ली मुझसे,
    अब मेरी मौत का फायेदा उठाती है,
    मेरी कब्र पे फूल चढ़ाने के बहाने,
    वो किसी और से मिलने आती है।

    मुझे सिर्फ़ इतना बता दो…
    इंतज़ार करूँ या ख़ुद को मिटा दूँ ऐ सनम?
    तुम पर भी यकीन है और मौत पर भी ऐतबार है,
    देखें पहले कौन मिलता है, हमें दोनों का इंतजार है।

    मौत शायरी और स्टेटस,Maut Shayari, Death Status in Hindi, मौत शायरी, मरने वाली शायरी, डेथ शायरी हिंदी, मौत शायरी इन हिंदी, death shayari in hindi,death shayari,मौत शायरी,maut shayari status,मौत पर शायरी,death status,best death shayari in hindi,mout shayari in hindi,hindi shayari,death shayari whatsapp status,shayari on death in hindi,maut shayari,maut ka intezar shayari in hindi,sad shayari in hindi,death hindi poetry,2020 shayari in hindi,death status in hindi,मौत स्टेटस,death shayari status,breakup shayari in hindi,अलविदा मौत शायरी,bewfa shayari in hindi,Death Sad Status,maut wali shayari, Death Whatsapp Status in Hindi ,sad death quotes in hindi,Janaza Shayari ,मौत की दुआ शायरी,Death Status in Hindi,Quotes on Death in Hindi,Meri Maut Shayari,Very Very Sad Death SMS, Death Status in Hindi,marne wali shayari,Sad Death Quotes in Hindi

    close