Skip to content

मौत का भय कहानी, Maut ka Bhay story, Motivational Story In Hindi

    मौत का भय कहानी, Maut ka Bhay story, Motivational Story In Hindi, Inspirational Story

    पद्म पुराण में कहा गया है, ‘जो जन्म लेता है, उसकी मृत्यु निश्चित है। इसलिए मृत्यु से भयभीत होने की जगह सत्कर्मों के माध्यम से मरण को शुभ बनाने के प्रयास करने चाहिए।’

    जैन संत आचार्य तुलसी एक बोधकथा सुनाया करते थे एक मछुआरा समुद्र से मछलियाँ पकड़ता और उन्हें बेचकर अपनी जीविका चलाता था। एक दिन एक वणिक उसके पास आकर बैठा। उसने पूछा, ‘मित्र, क्या तुम्हारे पिता है?’

     

    उसने जवाब दिया, ‘नहीं, उन्हें समुद्र की एक बड़ी मछली निगल गई।’ उसने फिर पूछा, ‘और तुम्हारा बड़ा भाई ? ‘ मछुआरे ने जवाब दिया, ‘नौका डूब जाने के कारण वह समुद्र में समा गया।’

     

    वणिक ने फिर पूछा, ‘दादाजी और चाचाजी की मृत्यु कैसे हुई ?’ मछुआरे ने बताया कि वे भी समुद्र में लीन हो गए थे। वणिक ने यह सुना, तो बोला, ‘मित्र, यह यमुद्र तुम्हारे विनाश का कारण है, बावजूद इसके तट पर आकर जाल डालते हो। क्या तुम्हें मरने कर भया नहीं है ??

     

    मछुआरा बोला, ‘भैया, मौत जिस दिन आनी होगी, आएगी ही। तुम्हारे घरवालों में से दादा, परदादा, पिता में से शायद ही कोई इस समुद्र तक आया होगा। फिर भी वे सब चल बसे । मौत कब आती है और कैसे आती है, यह आज तक कोई भी नहीं समझ सका है। फिर मैं बेकार ही मौत से क्यों डरूँ??

    भगवान् महावीर ने कहा था, ‘नाणागमो मच्चुमुहस्य अत्थि’ यानी मृत्यु किसी भी द्वार से आ सकती है, इसलिए आत्मज्ञानी ही मौत के भय से बचा रह सकता है।

     

    Maut ka Bhay story, Motivational Story In Hindi, motivational story in hindi,motivational story,hindi story,inspirational story,motivational,moral story in hindi,story in hindi,inspirational story in hindi,motivational video,motivational stories in hindi,hindi kahani,motivational video in hindi,buddha story,motivational story maut ka bhay,moral story,hindi motivational story,best motivational story in hindi,motivational story for students in hindi,short story,powerful motivational story in hindi

    close