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बच्चों की कविताएं, Kids Poem in Hindi

    बच्चों की कविताएं, Kids Poem in Hindi

    हाथी आया हाथी आया

    सूंड हिलाता हाथी आया

    चलता फिरता हाथी आया

    झूम झूम कर हाथी आया…

    कान हिलाता हाथी आया

    पूँछ घुमाता हाथी आया

    हाथी केले खाकर आया

    झूम झूम कर हाथी आया…

    हाथी आया हाथी आया

    पानी उड़ाता हाथी आया

    करतब दिखता हाथी आया

    झूम झूम कर हाथी आया…

    हाथी आया…हाथी आया

    सबसे खेलने हाथी आया

    सबका दिल बहलाने आया

    झूम झूम कर हाथी आया…!

     

    तितली रानी बड़ी सयानी

    तितली रानी बड़ी सयानी,

    रंग बिरंगे फूलों पर जाती है।

    फूलों से रंग चुरा कर,

    अपने पंखों को सजाती है।

    कोई हाथ लगाए,

    तो छूमंतर हो जाती है।

    पंखों को फड़फड़ा कर,

    हर फूल पर वो मंडराती है।

    घूम-घूम कर सारे फूलों की,

    खुशबू वो ले जाती है।

    फूलों का मीठा रस पीकर,

    दूर जाकर पंखों को सहलाती है।

    रंग बिरंगी तितली रानी,

    बड़ी सयानी।

     

    आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे

    आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे,

    बैंगन की टोकरी में सो रहे थे,

    बैंगन ने लात मारी रो रहे थे,

    मम्मी ने प्यार किया हंस रहे थे,

    पिताजी ने मुझे पैसे दिए और नाच रहे थे,

    भैया ने लड्डू दिए खा रहे थे।

    आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे,

    गाजर की टोकरी में सो रहे थे

    गाजर ने लात मारी रो रहे थे

    मम्मी ने प्यार किया हंस रहे थे,

    पिताजी ने मुझे पैसे दिए और नाच रहे थे,

    भैया ने लड्डू दिए खा रहे थे।

    आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे,

    गोभी की टोकरी में सो रहे थे

    गोभी ने लात मारी रो रहे थे

    मम्मी ने प्यार किया हंस रहे थे,

    पिताजी ने मुझे पैसे दिए और नाच रहे थे,

    भैया ने लड्डू दिए खा रहे थे।

    आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे,

    टमाटर की टोकरी में सो रहे थे

    टमाटर ने लात मारी रो रहे थे,

    मम्मी ने प्यार किया हंस रहे थे,

    पिताजी ने मुझे पैसे दिए और नाच रहे थे,

    भैया ने लड्डू दिए खा रहे थे।

     

    नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए

    नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए

    बाकी जो बचा था काले चोर ले गए

    नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए

    बाकी जो बचा था काले चोर ले गए।

    खाके पीके मोटे होके, चोर बैठे रेल में

    चोरों वाला डिब्बा कट कर, पहुँचा सीधे जेल में

    खाके पीके मोटे होके, चोर बैठे रेल में

    चोरों वाला डिब्बा कट कर, पहुँचा सीधे जेल में

    नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए

    बाकी जो बचा था काले चोर ले गए।

    उन चोरों की खूब खबर ली, मोटे थानेदार ने

    मोरों को भी खूब नचाया, जंगल की सरकार ने

    उन चोरों की खूब खबर ली, मोटे थानेदार ने

    मोरों को भी खूब नचाया, जंगल की सरकार ने

    नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए।

    बाकी जो बचा था काले चोर ले गए

    अच्छी नानी प्यारी नानी, रूसा-रूसी छोड़ दे

    जल्दी से एक पैसा दे दे, तू कंजूसी छोड़ दे

    अच्छी नानी प्यारी नानी, रूसा-रूसी छोड़ दे

    जल्दी से एक पैसा दे दे, तू कंजूसी छोड़ दे

    नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए

    बाकी जो बचा था काले चोर ले गए।

    नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए

    बाकी जो बचा था काले चोर ले गए

     

    होली आई-होली आई

    होली आई-होली आई,

    रंग बिरंगी होली आई।

    गुझिया खाओ, रंग लगाओ,

    एक-दूजे को गले लगाओ।

    होली आई-होली आई,

    रंग बिरंगी होली आई।

    गुझिया खाओ, रंग लगाओ,

    एक-दूजे को गले लगाओ।

    हम सबको करती है एक.

    प्यार बढ़ाते हैं होली।

    दूरी सभी मिटा देते हैं,

    पास-पास लाती है होली।

    होली आई-होली आई,

    रंग बिरंगी होली आई।

     

    गरम गरम लड्डू सा सूरज

    गरम गरम लड्डू सा सूरज,

    लिपटा बैठा लाली में,

    सुबह सुबह रख आया कौन,

    इसे आसमान की थाली मे।

    मूंदी आँख खोली कलियों ने,

    बागों में रंग बिरंगे फूल खिलाए,

    चिड़ियों ने नया गान सुनाया,

    भंवरों ने पंखों से ताली बजाई।

    फुदक फुदक कर रंग बिरंगी,

    तितलियों की टोली आई,

    पंख फैलाकर मोर ने नाच दिखाएं,

    तो कोयल ने भी कुक बजाई।

    उठो उठो अब देर ना हो जाए,

    कहीं सुबह की रेल निकल न जाए,

    अगर सोते रह गए तो,

    आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

     

    छुक छुक करती रेलगाड़ी

    छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी,

    पो पो पी पी सीटी बजाती आयी,

    इंजन है इसका भारी-भरकम।

    पास से गुजरती तो पूरा स्टेशन हिलाती,

    धमधम धमधम धमधम धमधम,

    पहले धीरे धीरे लोहे की पटरी पर चलती।

    फिर तेज गति पकड़ कर छूमंतर हो जाती,

    लाल बत्ती पर रुक जाती,

    हरी बत्ती होने पर चल पड़ती।

    देखो देखो छुक छुक करती रेलगाड़ी,

    काला कोट पहन टीटी इठलाता,

    वह सबके टिकट देखता है।

    भाग भाग कर सब रेल पर चढ जाते,

    कोई टूट न पाए इसलिए,

    रेलगाड़ी तीन बार सीटी बजाती।

    छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी।

     

    चंदा मामा दूर के

    चंदा मामा दूर के,

    पुए पकाए बूर के,

    चंदा मामा दूर के,

    पुए पकाए बूर के,

    आप खाएं थाली में,

    मुन्ने को दे प्याली में,

    आप खाएं थाली में,

    मुन्ने को दे प्याली में,

    चंदा मामा दूर के,

    पुए पकाए बूर के,

    प्याली गयी टूट,

    मुन्ना गया रूठ,

    प्याली गयी टूट,

    मुन्ना गया रूठ,

    लाएंगे नयी प्यालियाँ,

    बजा बजा के तालियाँ,

    लाएंगे नयी प्यालियाँ,

    बजा बजा के तालियाँ,

    चंदा मामा दूर के,

    पुए पकाए बूर के,

    चंदा मामा दूर के,

    पुए पकाए बूर के…

     

    गरम गरम लड्डू सा सूरज

    गरम गरम लड्डू सा सूरज,

    लिपटा बैठा लाली में,

    सुबह सुबह रख आया कौन,

    इसे आसमान की थाली मे।

    मूंदी आँख खोली कलियों ने,

    बागों में रंग बिरंगे फूल खिलाए,

    चिड़ियों ने नया गान सुनाया,

    भंवरों ने पंखों से ताली बजाई।

    फुदक फुदक कर रंग बिरंगी,

    तितलियों की टोली आई,

    पंख फैलाकर मोर ने नाच दिखाएं,

    तो कोयल ने भी कुक बजाई।

    उठो उठो अब देर ना हो जाए,

    कहीं सुबह की रेल निकल न जाए,

    अगर सोते रह गए तो,

    आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

     

    बच्चे दिल के सच्चे

    बच्चे दिल के सच्चे,

    सबको प्यारे लगते।

    हंसते मुस्कुराते बच्चे,

    अपनी ही दुनिया में खोए रहते।

    दौड़ भाग उछल कूद करते बच्चे,

    सबको प्यारे लगते बच्चे।

    तोतली बोली बोल कर,

    सबको अपना बना लेते बच्चे।

    ना किसी से बैर रखते बच्चे,

    वह सबके साथ घुलमिल जाता था।

    अपनी बात मनवाने हो तो रो देते,

    बच्चे सबको प्यारे लगते।

    मासूम सी प्यारी शरारते करते बच्चे,

    बच्चे दिल के सच्चे।

     

    देखो देखो कालू मदारी आया

    देखो देखो कालू मदारी आया,

    संग में अपनी बंदरिया लाया।

    डम डम डम डम डमरू बजाया,

    यह देख टप्पू चिंटू-पिंटू आया।

    सुनीता पूजा बबीता आयी,

    देखो देखो कालू मदारी आया।

    फिर जोर-जोर से मदारी ने डमरू बजाया,

    बंदरिया ने उछल कूद पर नाच दिखाया।

    उल्टा पुल्टा नाच देख कर सब मुस्कुराए,

    फिर सब ने जोर-जोर से ताली बजाई।

    देखो देखो कालू मदारी आया,

    संग में अपनी बंदरिया लाया।

     

     तितली रानी बड़ी सयानी

    तितली रानी बड़ी सयानी,

    रंग बिरंगे फूलों पर जाती है।

    फूलों से रंग चुरा कर,

    अपने पंखों को सजाती है।

    कोई हाथ लगाए,

    तो छूमंतर हो जाती है।

    पंखों को फड़फड़ा कर,

    हर फूल पर वो मंडराती है।

    घूम-घूम कर सारे फूलों की,

    खुशबू वो ले जाती है।

    फूलों का मीठा रस पीकर,

    दूर जाकर पंखों को सहलाती है।

    रंग बिरंगी तितली रानी,

    बड़ी सयानी।

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