कछुआ और ख़रगोश प्रसिद्ध हिंदी कहानी, Kachua aur khargosh ki kahani
बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ
एक बार की बात है,एक बार एक कछुआ था जो धीमी गति से चलता था। जंगल के सभी जानवर उसको चिड़ाते थे
लेकिन एक दिन ख़रगोश उसके पास आया और बोला कि तुम इतनी धीमी गति से चलते हो अगर किसी दिन तुम्हारा मुकाबला रेस में हो जाए तो तुम कैसे जीतोगे?
ये सुनकर कछुए को गुस्सा आ गया
उसने खरगोश को बोला कि क्यों ना?
आज हम इसी रेस को शुरू करे
देखते है कौन जीतता है ?
दूर जो नदी के किनारे पेड़ दिख रहा है हमे वहाँ जाना है जो पहले जाएगा वही जीत जाएगा
उनकी रेस शुरू हुई
थोड़ी देर के बाद ख़रगोश बहुत आगे निकल चुका था
लेकिन उसको कछुआ कही नजर नही आया उसने सोचा क्यों न थोड़ा आराम कर लिया जाए
और वो सो गया
अब कछुआ जो कि धीरे धीरे आ रहा था उसकी नजर खरगोश पर पड़ी उसने देखा वह तो सो रहा है
ये देखकर कछुए ने अपनी गति बढ़ा दी और रेस को जीत लिया
जब खरगोश उठा तो उसने देखा कि मैं तो रेस हार गया हूं
सीख:-इस Hindi Moral Stories से ये शिक्षा मिलती है कि हमे कभी अपनी काबिलियत पे अभिमान नही करना चाहिए
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