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ये कहानी सुनकर आँखे भर आएँगी, Gareebo ka mazak mat udao hindi story

    ये कहानी सुनकर आँखे भर आएँगी, Gareebo ka mazak mat udao hindi story

    ये कहानी सुनकर आँखे भर आएँगी

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    यह कहानी है एक गरीब पिता और उसकी बेटी की। एक बार वह गरीब व्यक्ति अपनी बेटी को उसके स्कूल से लेकर शहर के एक महंगे होटल में पंहुचा। उस व्यक्ति ने फटे-पुराने कपड़े पहने हुए थे और उसकी बेटी स्कूल की ड्रेस पहनी हुयी थी।

    जब दोनों होटल के अंदर पहुंचे तो वेटर पूछा सर आप क्या खाना पसंद करेंगे आप अपना आर्डर बता दीजिये। तब उस व्यक्ति ने कहा की आप मेरे बेटी के लिए एक प्लेट पाव भाजी ले करके आ जाईये बस।

    वेटर ने कहा सर आप कुछ नहीं लेंगे, आपके लिए भी कुछ लेकर आऊ। तो गरीब व्यक्ति ने कहा मेरे लिए कुछ नहीं आज मेरी बेटी के लिए पार्टी है। मैंने इससे वादा किया था की “अगर तुम इस जिले में 10th Class में टॉप करोगी तो तुम्हे मैं सबसे महंगे होटल में पार्टी दूंगा” तो आप सिर्फ बच्चे के लिए पाव भाजी ले आईये।

    वेटर ये बात सुनते ही दौड़कर अपने मालिक के पास गया और बोला की सर आपसे एक छोटी सी Request है की आप मेरी सैलेरी से पैसा काट लेना लेकिन आज मैं चाहता हूँ की उस बच्ची के साथ उसके पिता को भी एक प्लेट पाव भाजी खिलाया जाये क्योकि उस बच्ची ने पुरे जिले में 10th Class में टॉप किया है। वह गरीब पिता है ज्यादा पैसे नहीं होंगे इसलिए कह रहा है सिर्फ बच्ची के लिए ले आओ।

    होटल के मालिक ने जब ये बात सुनी तो मुस्कुराते हुए बोला, तुम उसके पिता के लिए भी पाव भाजी लेकर जाओ, उसके लिए भी लेकर जाओ, पैसे मत लेना 4-5 पाव भाजी Pack करवाकर ले जाओ और 2-3 किलो मिठाई भी लेकर जाओ और उनसे कहना ये पार्टी होटल की तरफ से है आप ये मिठाई ले जाईये और जशन मनाईये।

    जब वेटर ने 2 प्लेट पाव भाजी लेकर गया तो वह व्यक्ति चौक गया और बोला मैंने तो एक ही मगाई थी मेरे पास पैसे नहीं है। वेटर बोला अरे सर शर्मिंदा मत कीजिये ये पार्टी होटल की तरफ से है आपकी बेटी, हमारी बेटी ने टॉप किया है। ये मिठाईया लेकर जाईये और जशन मनाईये।

    पिता और बेटी खुश हो गए और चले गए।

    कई साल बीत गए उस गरीब पिता की लड़की अब UPSC की तैयारी करके कलेक्टर बन चुकी थी और इत्तेफाक से उसी शहर में उसकी पोस्टिंग हुयी थी। उस लड़की ने उस होटल में सुचना पंहुचा दी की मैं उस होटल में लंच करने के लिए आ रही हूँ।

    होटल के मालिक ने जब ये सुना तो होटल को पूरी तरह से सजावा दिया। गांव में ये बात पूरी तरह से फ़ैल गयी और कस्बे के सभी लोग उन्हें देखने के लिए आने लगे।

    कलेक्टर अपने पिता के साथ उस होटल में पहुंची। कलेक्टर ने होटल के मालिक से कहा की सायद आप मुझे पहचाने नहीं हम वही पिता, पुत्री है जो की हमारे 10th क्लास टॉप करने पर आपने मुझे पार्टी दी थी। हम वही पिता-पुत्री है आज फिर से आये है और आज पार्टी हम देंगे आपको, आपके पुरे स्टाफ को और पुरे गांव को क्योकि आपने गरीबी का सम्मान किया है।

    आपने उस दिन जो पार्टी दी थी, मुझे बताया की मुझे कितनी और उचाई तक पहुंचना है कितनी और बड़ी मंजिल को छुना है आपने एक नयी प्रेरणा दी थी और आज मैं उसी प्रेरणा का अहसान चुकाने के लिए आयी हूँ। वो मैडम ये सब कहते जा रही थी और आँखों से आशु बहती जा रही थी।

    यह कहानी हमें सिखाती है की कभी भी किसी गरीब का मजाक मत उड़ाना। हो सके तो उसकी मदद करना और अगर मदद ना कर सको तो उसका मजाक मत उड़ाना क्योकि वो सब देख रहा है बनना है तो उसकी नजर में अच्छा बनिये। जहा भी रहिये कर दिखाईये कुछ ऐसा की दुनिया करनी चाहे आपके जैसा।

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