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भारतीय थल सेना पर निबंध

    भारतीय थल सेना पर निबंध

    हिंदी में भारतीय सेना पर निबंध: कोई भी देश अन्य देश का गुलाम तब बनता है जब उस देश की सेना कमजोर हो। लेकिन जब उस देश की सीमा पर ऐसे वीर जवान हथियार लेकर खड़े हो, जिन्हें देख दुश्मन दूर से ही थरथराने लगे तो ऐसे देश पर बुरी नजर रखने की हिम्मत आखिर कौन कर सकता है।

    हमारी देश की थल सेना भारत देश की शान है। आज हमारा देश सुरक्षित है और स्वतंत्र है क्योंकि हमारी देश की थल सेना मजबूत है। हमारे थल सेना के जवान अपना जीवन देश की रक्षा को समर्पित कर देते हैं।

    जब वे सेना की वर्दी पहनते हैं, उसी समय वे मन ही मन ठान लेते हैं कि अब उनका पूरा जीवन अपने देश को समर्पित है। अब जान ही क्यों ना चली जाए लेकिन कभी दुश्मनों के सामने घुटने नहीं टेकेंगे और ना ही किसी दुश्मन को देश की सीमा को पार करने देंगे।

     

    भारतीय थल सेना पर निबंध | Essay on India Army In Hindi

    भारत की थल सेना भारत के प्रमुख तीन सेनाओं में से एक है। भारत की थल सेना हमारे देश की रक्षा की बहुत बड़ी प्रणाली है। यह एक सुरक्षा कवच है, जिसके अंदर देशवासी सुरक्षित है। आज इस लेख में भारतीय थल सेना पर लिखे गए 250 एवं 800 शब्दों के निबंध के जरिए भारतीय स्थल सेना इतिहास से परिचित होते हैं।

    यह लेख सभी बच्चों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि विद्यालयों में भी बच्चों को भारत के सेनाओं से अवगत होने के लिए उन्हें भारत की तीनों सेनाएं थल सेना, जल सेना एवं वायु सेना के ऊपर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। ऐसे में इस लेख में थल सेना पर निबंध (indian army essay in hindi) उनके लिए बहुत ही जानकारी पूर्ण है।

    भारतीय थल सेना पर निबंध 250 शब्द (Indian Army Essay 250 Words)

    भारत की थल सेना भारत के प्रमुख 3 सेनाओं में से एक है, जो जमीन पर रह कर दुश्मनों का सामना बहादुरी से करती हैं। भारत की थल सेना दुनिया के सबसे ताकतवर सेना में से एक है, जिसका प्रधान सेनापति देश के राष्ट्रपति हैं। वहीँ हमारे थल सेना की कमान सेना अध्यक्ष के पास है।

    भारत की थल सेना का इतिहास बहुत ही पुराना है। आजादी से पहले भी भारत की सेना ने दुनिया की कई लड़ाईयों में और अभियानों में हिस्सा लिया है। आजादी के बाद भी कई बार भारत पाकिस्तान के युद्ध और भारत चीन के युद्ध में अपनी सर्वोच्च बहादुरी को दिखाया है। इन युद्धों में हमारे देश के कई सैनिक वीर जवान शहीद हुए।

    हालांकि आजादी से पहले हमारे देश की सेना की कमांड ब्रिटिश के हाथों में थी लेकिन 15 जनवरी को के.एम.केरिय्यपा ने ब्रिटिश सरकार से हमारी सेना की कमान को ले लिया, जिस कारण हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। उसके बाद देश की व्यवस्था को सुधारने के लिए बाद में कई सेनाओं का गठन किया गया। भारतीय थल सेना का गठन 1 अप्रैल 1895 को किया गया था।

    भारतीय थल सेना में ना केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी अपनी अहम भूमिका निभा रही है। आज महिलाएं भी बढ़-चढ़कर भारतीय थल सेना में शामिल होती है और देश की रक्षा के लिए अपने प्राण को निछावर करने को तत्पर रहती हैं।

    हालांकि भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका 1888 में भारत के सैन्य नर्सिंग सेवा के गठन करते हुए हुआ था और इसमें शामिल नर्सिंग महिलाएं प्रथम विश्वयुद्ध और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साल 2015 में भारत में फाइटर पायलट के रूप में महिलाओं को भी पहली बार शामिल किया गया।

    हमारे देश की थल सेना हर दिन रेगिस्तान के तपती धूप से लेकर बर्फीले पहाड़ों की ठंड में हमारे देश की सीमाओं पर पहरा देती है ताकि कोई भी दुश्मन देश हमारे देश पर बुरी दृष्टि न डाल सके। देश की रक्षा में भारतीय थल सेना की जो भूमिका है, भारत इसके लिए हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ है। भारत की थल सेना भारत की शान है। इन्हीं बहादुर सैनिकों के कारण आज भारत शक्तिशाली देशों की सूची में शामिल है।

    भारतीय थल सेना पर निबंध

    प्रस्तावना

    भारतीय थल सेना भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत के राष्ट्रपति भारतीय थल सेना के प्रधान सेनापति होते हैं, वहीँ थल सेना अध्यक्ष के हाथों में सेना की पूरी कमान होती है। थल सेना के अध्यक्ष 4 स्टार जनरल लेवल के अधिकारी पर विराजमान होते हैं।

    भारतीय थल सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाना है, राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता को सुनिश्चित करना है एवं अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है। जब भी कोई प्राकृतिक आपदा या अन्य किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होती है मानवीय बचाव के लिए भारतीय थल सेना कई अभियान भी चलाती हैं।

    भारतीय थल सेना राष्ट्र के गौरव की रक्षा करने के लिए अपने जीवन को बलिदान कर देती है, उनका जीवन इतना आसान नहीं उन्हें कई तरह के चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

    परिस्थिति कैसी भी हो लेकिन भारतीय थल सेना कभी भी दुश्मनों के सामने घबराती नहीं। भारत की सेना असल हीरो है। भारतीय थल सेना एक ऐसी भूमिका निभाती है, जिसे महसूस करने से ही मात्र उन पर गर्व महसूस होता है।

    थल सेना का महत्व

    सेना हर एक देश के लिए बहुत ही महत्व रखती है। सेनाओं के कारण ही देश सुरक्षित रहता है। हमारे देश की थल सेना के जवान रात दिन सीमाओं पर पहरा देते हैं। यदि कोई भी दुश्मन हमारे देश की सीमा को लांघने की कोशिश करता है तो हमारे थल सेना के जवान उसे खदेड़ भगाते हैं। सेनाओं के कारण हम अपने घर में पूरी तरह सुरक्षित हैं।

    हमारे देश के अन्य सेनाओं की तरह थल सेना हमारे देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्योंकि एक देश कितना ज्यादा विकासशील है, वह उसकी सैन्य शक्ति पर भी निर्भर करता है।

    हम अपने देश के सेनाओं के कारण ही स्वतंत्र है। हमारे देश की थल सेना किसी अन्य देश को हमारे देश पर बुरी नजर नहीं रखने देते, जिस कारण किसी भी देश को इतनी हिम्मत नहीं कि वह हमारे देश को गुलाम बना सके। हमारे देश के थल सेना न केवल बाहरी समस्याओं से देश की रक्षा करती है बल्कि कभी कबार आंतरिक समस्याओं को भी हल करने के लिए उन्हें याद किया जाता है।

    भारतीय थल सेना का इतिहास

    भारतीय थल सेना का गठन 1 अप्रैल 1895 को हुआ था। 15 जनवरी को हर साल सेना दिवस भी मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन के एम करियप्पा ने ब्रिटिश सरकार से सेना की कमान ली थी। भारतीय थल सेना के प्रथम अध्यक्ष जनरल राजेंद्र सिंह थे।

    हालांकि आजादी से पहले भी भारत में सेना हुआ करती थी लेकिन उस वक्त भारत की सेना ब्रिटिश सरकार के अंतर्गत थी। जब भारत आजाद हुआ तो देश विभाजन को लेकर हर जगह काफी दंगे फसाद हो रहे थे।

    ऐसे में उन दंगे फसाद को रोकने के लिए और देश स्थिति को सुधारने के लिए कई सैनाओं का गठन किया गया। भारतीय सेना का इतिहास ना केवल स्वतंत्रता के बाद बल्कि स्वतंत्रता से पहले भी दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में रहा।

    हमारे भारतीय थल सेना द्वारा लड़े गए युद्ध

    भारत आजादी के बाद कश्मीर युद्ध 1947 में भारत का पहला युद्ध था। पाकिस्तान ने कश्मीरी राज्य को प्राप्त करने के लिए भारत पर हमला कर दिया था लेकिन हमारे भारतीय सेना के वीर जवानों ने अपना पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तानी सेना को खदेड़ भगाया और कश्मीर की रक्षा की।

    उसके बाद 1965 में और 1971 में दोबारा भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ था। दोनों बार पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया लेकिन दोनों ही बार के संकट को भारतीय सेनाओं ने बहुत ही बहादुरी से सामना किया और दुश्मनों के हमले से देश की रक्षा की।

    1967 में भारत और चीन का युद्ध इतिहास के पन्नों में दर्ज किए गए हैं। भारत का पड़ोसी देश चीन ने भारत के सिक्किम राज्य पर हमला कर दिया था। उस समय भारतीय सेनाओं ने चीन के सेनाओं को मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि भारत इस युद्ध में हार गया था। भारत चीन के युद्ध में भारत के पीछे लौट जाने का कारण ना साहस की कमी थी बल्कि अपर्याप्त हथियार था।

    चीन की सेनाओं के पास पर्याप्त मात्रा में हथियार थे लेकिन हमारी सेनाओं के पास ना ही पर्याप्त हथियार थे और ना ही वातावरण के हिसाब से सही कपड़े थे। हमारी थल सेना के जवान गर्मी वाली वर्दी पहन के बर्फीले पहाड़ों के क्षेत्र में लड़ रहे थे।

    लेकिन फिर भी भारत की थल सेना ने अंतिम सांस तक इस युद्ध को लड़ते रहे। इस तरह भारतीय सेनाओं ने भारत के चीन के युद्ध में जो पराक्रम दिखाया, उसे भारत कभी नहीं भूल पाएगा।

    इसके बाद 26 जुलाई 1999 में हुए कारगिल के युद्ध को भी भारत आज तक भूल नहीं पाया है। उस समय पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर के कारगिल इलाके पर हमला किया था तब भारतीय सेनाओं ने अपना पराक्रम दिखाते हुए कारगिल की रक्षा की और पाकिस्तान को खदेड़ भगाया।

    इस युद्ध में भारत के कई सेना शहीद भी हुए थे। भारतीय सेनाओं का इस युद्ध में दिखाए गए शौर्य और पराक्रम को याद करके आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इतिहास के पन्नों में भारतीय सेनाओं के द्वारा लड़े गए उपरोक्त प्रमुख जितने भी युद्ध हुए यह सभी युद्ध विदेशी सेनाओं का भारत पर आक्रमण करने के पश्चात ही हुआ।

    हालांकि भारतीय थल सेना दुनिया की सबसे ताकतवर सेना में से एक है लेकिन आज तक भारत ने कभी भी अपने सैन्य ताकत का गलत प्रयोग नहीं किया। लेकिन यदि कोई देश हमारे देश पर हमला करता है। हमारे देश को कमजोर समझने की भूल करता है तब भारत की थल सेना उन्हें मुंहतोड़ जवाब देती है।

    निष्कर्ष

    हमारे थल सेना के वीर जवान रेगिस्तान के जलते हुए गर्मी से लेकर बर्फीली ऊंचाइयों तक, युद्ध के मैदान से लेकर राष्ट्र निर्माण तक अपराजय की इच्छाशक्ति लिए हर माहौल, हर हालात में अपने आपको मजबूत रखते हैं। देश की रक्षा में वीर सैनिकों की जो महत्वपूर्ण भूमिका है, उसके प्रति हर भारतीय के दिल में प्रत्येक सैनिको के लिए सम्मान, प्यार और गर्व है।

    भारत के थल सेनाओं के साथ ही भारत के अन्य दोनों सेनाओं जल सेना एवं वायु सेना के कारण हमारा देश पूरी तरीके से सुरक्षित है, जिसके कारण हर एक भारतीय अपने घरों पर बिना किसी डर के सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए हर एक भारतीय हमेशा ही अपने सैनिकों के लिए कृतज्ञ रहेगा।

     

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