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डर के आगे जीत है कहानी, Bhula De Dar Kuch Alag Kar Story

    डर के आगे जीत है कहानी, Bhula De Dar Kuch Alag Kar Story

    यह कहानी है एक युवा नौजवान की जिसकी नोकरी  की वजह से
    किसी गांव में उसकी पोस्टिंग हुई और वह गांव में अच्छा खासा रह रहा था
    लेकिन एक दिन गांव वालों ने कहा कि आपको यहां रहते हुए हम आपको
    एक सलाह देना चाहते हैं कि वह गुफा है आप कभी उस गुफा में ना जाएं
    क्योंकि जो भी उस गुफा में गया है वह आज  दिन तक लौट के वापस नहीं आया है

     

    उसके दिमाग में ख्याल आया कि ऐसा क्या है उस गुफा में कि लोग वापस
    नहीं आए तो उसने काफी विचार-विमर्श किया अपने आप से
    और 1 दिन  डिसाइड किया कि मैं गुफा में जरूर जाऊंगा तो संडे का दिन
    उसने डिसाइड किया और वहां से चला गया

     

    तो गांव वालों ने  उसको वहां पर छोड़ दिया और
    वह गुफा में प्रवेश कर गया तीन लोग आए तो उसने पूछा कि आप यहां जीवित है
    गाँव वालों ने बताया कि जो गुफा में जाते है वह वापस नहीं आते
    गुफा वालो ने कहा कि अगर हम यहां से जाते तो हमें इतनी
    सुख सुविधाएं नहीं मिलती यहां पर सब कुछ सुविधाएं हैं जो गांव में नहीं है
    इसलिए यहीं रुक गए

     

    यह कहानी सिखाती है कि  या तो आप वो करिए जो आप करना चाहते हो

    या वह करिए जो दुनिया आपसे करवाना चाहती है, लोगों की सोच उतनी  होती है जितना उनका दायरा होता है

    आप क्या सोचते हैं इससे पता लगता है कि आपकी सोच क्या है

     

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