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100+ Best Barish Shayari in Hindi

    100+ Best Barish Shayari in Hindi

    बारिश पर शायरी (Barish Shayari in Hindi)

    ज़रा ठहरो बारिश थम जाये
    तो फिर चले जाना
    किसी का तुझ को छू लेना
    मुझे अच्छा नहीं लगता

    मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
    मेरे रूह को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ!

    जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे,
    वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।

    तुमको बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
    तुमको हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
    तुमको बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
    तुमको सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।

    बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
    हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं

    ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें,
    इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये..!!

    हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,
    कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।

    कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
    अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।

    बारिश शायरी

    इस भीगे भीगे मौसम में थी
    आस तुम्हारे आने की
    तुमको अगर फुर्सत ही
    नहीं तो आग लगे बरसातों को।

    कितना कुछ धुल गया
    आज इस बारिश में
    हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी
    धुल गए इस बारिश में।

    बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
    के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,
    उस तस्वीर को भी कर दे ताज़ा,
    जिनकी याद हमारे दिल में धुंधली सी पड़ी है।

    मौसम हे बारिश का
    और याद तुम्हारी आती हे
    बारिश के हर कतरे से सिर्फ
    तुम्हारी आवाज़ आती हे।

    पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,
    अब याद आते हो तो बारिश होती है

    सुनो सावन चल रहा है
    इजाजत हो तो
    भोले से मांग लू
    तुमको अगले जन्म के लिए।

    बारिश में चलने से
    एक बात याद आती है,
    फिसलने के डर से
    वो मेरा हाथ थाम लेता था।

    बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
    दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
    ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे
    करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।

    बारिशों से अदब-ए-मोहब्बत
    सीखो फ़राज़,
    अगर ये रूठ भी जाएँ,
    तो बरसती बहुत हैं।

    नैनों से अब बारिश होती है
    मेरी पलकों के कोनों से
    नींद रोती है मेरी।

    सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
    ज्यादा भीगना मत..
    अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
    तो फिर बहुत याद आएंगे हम!!

    मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
    वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।

    सुना है बारिश मे दुआ क़ुबूल होती है
    अगर इज़ाज़त हो तो मांग लू तुम्हे

    सावन के महीने में भीगे थे
    हम साथ में
    अब बिन मौसम भीग रहे है
    तेरी याद में।

     

    कभी जी भर के बरसना
    कभी बूंद बूंद के लिए तरसाना
    ए बारिश तेरी आदतें
    मेरे यार जैसी हैं

    बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,
    किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।

    इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
    न चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है!

    Shayari On Barish In Hindi

    वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
    मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।

    ये मौसम बारिश का अब पसंद नहीं मुझे
    आंसू ही बहुत हैं मेरे भीग जाने के लिए

    उनकी यादों की बूँदें बरसी जो फिर से,
    जिन्दगी की मिट्टी महकने लगी है।

    काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो
    मेरी जिंदगी से,
    कि मैं बारिश में भी रोऊँ और
    वो मेरे आँसू पढ़ ले।

    रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,
    बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।

    बारिश में आज भीग जाने दो,
    बूंदों को आज बरस जाने दो,
    न रोको यूँ खुद को आज,
    भीग जाने दो इस दिल को आज।

    ज़रा ठेहरो के बारिश है
    ये थम जाए तो फिर जाना
    किसी का तुझको छु
    लेना मुझे अच्छा नहीं लगता।

    जो वो बरसा तो
    इश्क़ होगा और मैं बरसा तो
    बस अश्क होगा।

    अबके बारिश में तो
    ये कार-ए-ज़ियाँ होना ही था
    अपनी कच्ची बस्तियों
    को बे-निशाँ होना ही था।

    जरा ठहरो की बारिश हे
    यह थम जाये तो फिर जाना
    किसी का तुम को छू लेना
    मुझे अच्छा नहीं लगता।

    कोई तो बारिश ऐसी
    हो जो तेरे साथ बरसे
    तन्हा तो मेरी
    ऑंखें हर रोज़ बरसाती है।

    barsaat shayari

    पूछते हो ना मुझसे तुम हमेशा
    की मे कितना प्यार करता हू तुम्हे
    तो गिन लो बरसती हुई इन बूंदो को तुम।

    तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम
    आज के बाद
    क्योंकि किचड़ हो गया है
    बरसात के बाद।

    मौसम का कुछ ऐसा खुमार है
    मन करता चीख कर कह दू
    हमको तुमसे बहुत प्यार है।

    आसमान में काली घटा छाई है
    आज फिर बीवी ने दो बातें सुनाई हैं
    दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर
    बाजूवाली आज फिर भीग कर आयी है।

    तेरे इंतजार का मजा ही
    कुछ और है
    अरे उसके आगे तो तेरे
    इस मौसम का
    मजा भी कमजोर है।

    सुनो महसूस करो बादल की गरज
    बिजली की चमक
    बारिश की एक एक बूँद
    तुमसे चीख चीख कर कह रही है
    आज तो नहा लो।

    पिघलती बारिशों में दिल की जमी
    धुली धुली सी है धुआं धुआं से मौसम में
    दिल की कली खिली खिली सी है।

    जब जब घिरे बादल तेरी याद आयी
    जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आयी
    जब जब मैं भीगा मुझे तेरी याद आयी
    मेरे भाई तू ने मेरी छतरी क्यों नहीं लौटायी।

    कह दो बादलों से
    कुछ पानी मेरी आँखों से
    उधार ले जाये।

    क्या मस्त मौसम आया है
    हर तरफ पानी ही पानी लाया है
    तुम घर से बाहर मत निकलना
    वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं
    और मेढक निकल आया है।

    Barish ka Mausam

    एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात,
    इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाब
    कितनी अजीब सी है बात,
    मेरे ही बस में नही मेरे ये हालात।

    कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है
    प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है
    तेरी याद कुछ इस तरह आती है
    नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है ….

    ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
    बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर।

    कैसी बीती रात किसी से मत कहना,
    सपनो वाली बात किसी से मत कहना,
    कैसे उठे बादल और कहां जाकर टकराए,
    कैसी हुई बरसात किसी से मत कहना!

    तेरे प्रेम की बारिश हो,
    मैं जलमग्न हो जाऊं,
    तुम घटा बन चली आओ,
    मैं बादल बन जाऊं।

    कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना
    मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी

    भीगी मौसम की भीगी सी रात,
    भीगी सी याद भुली हुई बात,
    भुला हुआ वक्त वो भीगी सी आँखें,
    वो बीता हुआ साथ,
    मुबारक हो आपको साल की पहली बरसात।

    ग़म-ए-बारिशे इसीलिए नहीं कि तुम चले गए,
    बल्कि इसलिए कि हम ख़ुद को भूल गए।

    सुबह का मौसम बारिश का साथ है,
    हवा ठंडी जिससे ताजगी का एहसास है,
    बना के रखिए चाय और पकौड़े,
    बस हम आपके घर के थोड़े से पास हैं।

    बे मौसम बरसात से
    अंदाज़ा लगता हूँ मैं
    फिर किसी मासूम का
    दिल टुटा है मौसम-ए-बहार में।

    इश्क का साहिब
    जरा सम्भल कर के रहियेगा।

    बारिशों में बेवजह भी भीग जाना
    चाहिए मेरे अजीज यारो हर
    मौसम का लुत्फ उठाना चाहिए।

    बारिश की बूंदों को
    छातों से रोका न करो,
    बेचारी बहुत दूर से
    तुमसे मिलने आती हैं।

    पहली बारिश की खुशबू
    कुछ यादें ताजा कर गई
    की तुम भी बदलते
    मौसम की तरह बदल गई।

    बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी,
    दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी,
    ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे
    करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।

    ये बारिश भी बिल्कुल तुम्हारी तरह है,
    फर्क सिर्फ इतना है,
    तुम मन को भीगा देते हो,
    वो पूरे तन को भीगा देती है।

    किया न करो मुझसे
    इश्क़ की बातें बिन बारिश के ही
    भीग जाती हैं रातें।

    बारिश मौसम शायरी

    बारिशों की भी अपनी कहानी है,
    जैसे अश्कों के साथ बहता पानी है।

    पहली बारिश का नशा ही,
    कुछ अलग होता है,
    पलको को छूते ही,
    सीधा दिल पे असर होता है।

    न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,
    मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,
    मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में
    आपकी तस्वीर नज़र आ गयी।

    ऐ बारिश जरा थम के बरस
    जब वो आ जाये तो जम के बरस
    पहले न बरस के वो आ न सके
    फिर इतना बरस के वो जा न सके

    कुछ नशा तेरी बात का है
    कुछ नशा धीमी बरसात का है
    हमे तुम यूँही पागल मत समझो
    यह दिल पर असर पहली मुलाकात का है

    सावन के मस्त मौसम की,
    रंगीन फुहार बरसती है,
    तुम हो दूर मेरे परदेशी,
    तुम्हे पाने को हसरत तरसती है।

    मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
    बारिश की बूंद भी अगर उन्हें छू जाती है,
    तो दिल में आग लग जाती है।

    ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे
    शहर की बारिश में, तेरे यहाँ ‘जाम’
    लगता है, मेरे यहाँ ‘जाम’ लगते हैं।

    बरिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है
    किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है
    फिजा भी सर्द है यादें भी ताज़ा हैं
    यह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है

    आशिक तो आँखों की बात समझ लेते हैं,
    सपनो में मिल जाये तो मुलाकात समझ लेते हैं,
    रोता तो आसमान भी है अपने बिछड़े प्यार के लिए,
    पर लोग उसे बरसात समझ लेते हैं।

    बारिश शायरी इन हिंदी

    अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है
    जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाईयों की

    खुद को इतना भी ना बचाया करो,
    बारिशे हुआ करे तो भीग जाया करो।

    रिमझिम तो है मगर सावन गायब है,
    बच्चे तो हैं मगर बचपन गायब है.
    क्या हो गयी है तासीर ज़माने की यारो
    अपने तो हैं मगर अपनापन गायब है

    बारिश के पानी को अपने हाथों में समेट लो,
    जितना आप समेट पाये उतना आप हमें चाहते है,
    और जितना न समेट पाए उतना हम आप को चाहते है…

    ए बारिश कहीं और जाके
    बरसा कर
    मेरा दिल बहुत कमजोर है
    बात बात पर रोया करता है।

    दूर तक छाए थे
    बादल और कहीं साया न था
    इस तरह बरसात
    का मौसम कभी आया न था।

    हमारे शहर आ जाओ
    सदा बरसात रहती है
    कभी बादल बरसते है
    कभी आँखे बरसती है।

    कुछ तो चाहत होगी इन बूंदों की भी
    वरना कौन छूता है इस जमीन को
    उस आसमान से टूटकर।

    एक ख्वाहिश हैं मेरी
    लम्बी सड़क हल्की सी बारिश
    बहुत सारी बातें और बस मैं और तुम।

    ख्वाहिशें तो थी
    तेरे संग बारिश में भीगने की
    पर ग़मों के बादल कभी
    छाते ही नहीं।

    सुना है बाजार में गिर गए हैं
    दाम सारे इत्र के
    बारिश की पहली बूंदों
    ने आज मिटटी को छुआ है।

    बारिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है
    किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है
    फिजा भी सर्द है यादें भी ताजा है
    यह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है।

    हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में
    रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।

    तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम
    तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम
    तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम
    तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।

    अजब लुत्फ़ का मंज़र देखता रहता हूँ बारिश में
    बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में

    मुझे ऐसा ही ज़िन्दगी का एक पल चाहिए,
    प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए।

    क्या तमाशा लगा रखा है,
    तूने ए-बारिश बरसना ही है, तो जम के बरस.
    वैसे भी इतनी रिमझिम तो मेरी आँखो से रोज हुआ करती है.

    बारिश की बूँदों में झलकती है तस्वीर उनकी और
    हम उनसे मिलनें की चाहत में भीग जाते हैं

    मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है,
    बारिश के हर कतरे से आवाज तुम्हारी आती है।

    मोहब्बत तो वो बारिश है जिससे
    छूने की चाहत मैं ! हथेलियां तो गीली
    हो जाती है पर हाथ खाली ही रह जाते है !!

    बरसात शायरी

    आज मौसम कितना खुश गवार हो गया
    खत्म सभी का इंतज़ार हो गया
    बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से
    लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया

    एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है,
    एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं।

    कभी बेपनाह बरस पडी, कभी गुम सी है,
    यह बारिश भी कुछ – कुछ तुम सी है।

    बनके सावन कहीं वो बरसते रहे इक घटा
    के लिए हम तरसते रहेआस्तीनों के साये
    में पाला जिन्हें, साँप बनकर वही रोज डसते रहे!

    बारिश का मौसम शायरी

    इस बरसात में हम भीग जायेंगे,
    दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
    अगर दिल करे मिलने को तो याद
    करना बरसात बनकर बरस जायेंगे..

    कल रात मैंने सारे ग़म
    आसमान को सुना दिए
    आज मैं चुप हूँ
    और आसमान बरस रहा है।

    हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर
    इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी

    हैरत से ताकता है
    सहरा बारिश के नज़राने को,
    कितनी दूर से आई है
    ये रेत से हाथ मिलाने को।

    कल रात मैंने
    सारे ग़म आसमान को सुना दिए
    आज मैं चुप हूँ
    और आसमान बरस रहा है।

    तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
    तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
    तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
    तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।

    ए बारिश तू इतना न बरस
    की वो आ न सके
    और उसके आने के बाद
    इतना बरस की वो जा न सके।

    बरसात पर शायरी

    बारिश सुहानी और
    मोहब्बत पुरानी
    जब भी मिलती है
    नई सी लगती है।

    अगर भीगने का इतना ही शौक है,
    बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,
    बारिश तो हर एक के लिए होती है,
    लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है।

    बरस रही थी बारिश बाहर
    और वो भीग रहा था मुझ में

    पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हम से
    लो अब गिन लो… बारिश की ये बूँदें

    सावन का मौसम जब भी धरती से
    मिलने आता है तब तब अपनी तड़प
    का दास्ताँ बरस कर सुनाता है
    क्यों होती है अक्सर जुदाई उनसे
    जिसको दिल चाहे क्यों।

    उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
    भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।

    कितना अधूरा लगता है तब,
    जब बादल हो पर बारिश ना हो,
    जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो,
    जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो,
    और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो.

    मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,
    लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,
    हम जागते रहे दुनियां सोती रही,
    एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।

    दुआ बारिश की करते हो मगर छतरी नहीं
    रखते, भरोसा है, नहीं तुमको खुदा पर क्या जरा सा भी।

    बादलों को आता देख के मुस्कुरा लिया होगा,
    कुछ न कुछ मस्ती में गुनगुना लिया होगा,
    ऊपर वाले का शुक्र अदा किया बारिश के
    होने से, के इस बहाने तुमने नहा लिया होगा।

    बहुत दिनों से थी ये आसमान की साजिश,
    आज पुरी हुई उनकी ख्वाहिश,
    भीग लो अपनों को याद कर के,
    मुबारक हो आपको साल की ये पहली बारिश।

    मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है
    मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ

    ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए तो फिर चले जाना
    किसी का तुझ को छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता!!

    जब जब आता है यह बरसात का मौसम
    तेरी याद होती है साथ हरदम
    इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे यह सोचा है हमने
    पर फिर सोचा की बारिश को कैसे रोक पाएंगे हम.

    मेरे घर की मुफलिसी को देख कर
    बदनसीबी सर पटकती रह गई
    और एक दिन की मुख़्तसर बारिश के बाद
    छत कई दिन तक टपकती रही रह गई.

    बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी
    याद आई कुछ अपना ज़माना याद आया
    कुछ उनकी जवानी याद आई,

    बारिश के मौसम पर शायरी

    आज तो बहुत खुश हो गए आप? क्योकि
    बारिश जो हो रही है….और बारिश मैं तो
    सभी मेंडक खुश होते है.

    बादलों से कह दो, जरा सोच समझ कर
    बरसे, अगर मुझे उनकी याद आ गयी,
    तो मुकाबला बराबरी का होगा।

    आज बादल काले घने हैं
    आज चाँद पे लाखों पहरे हैं
    कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के
    बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं

    मैं चुप कराता हूं
    हर शब उमड़ती बारिश को
    मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है।

    कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में
    फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है।

    ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
    एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।

    यह दौलत भी ले लो यह शोहरत भी ले
    लो भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी
    मगर मुझको लौटा दो वह बचपन का सावन
    वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी।

    खुद भी रोता है
    मुझे भी रुला देता है
    ये बारिश का मौसम
    उसकी याद दिला देता है।

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