Anek Shabdon Ke Liye Ek Shabd / one word substitution hindi
च से शुरू होने वाले अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
चाँदनी रात- शर्वरी
चाटकर खाने योग्य पदार्थ- लेह्य
चार मुखों वाला – चतुरानन
चार राहों वाला- चौराहा
चार वेदों को जानने वाला – चुतर्वेदी
चारों ओर की सीमा – चौहद्दी
चारों ओर जल से घिरा हुआ भू-भाग- टापू
चारों ओर से घिरा हुआ – परिवेष्टित
चारों ओर से जल से घिरी जमीन – टापू
चिंता में डूबा हुआ- चिंतित
चुनाव में अपना मत देने की क्रिया- मतदान
चूहे फँसाने का पिंजड़ा- चूहेदानी
चेतन स्वरूप की माया- चिद्विलास
चोरी छिपे चुंगी शुल्क आदि दिये बिना माल लाकर बेचनेवाला- तस्कर
चौथे दिन आने वाला ज्वर- चौथिया
चौपायों के बाँधने का स्थान- थान
छ से शुरू होने वाले अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
छः महीने के समय से सम्बन्धित- छमाही
छः महीने में एक बार होने वाला- अर्द्धवार्षिक, छमाही
छः मुँहों वाला- षण्मुख/षडानन
छत में टाँगने का शीशे का कमल या गिलास, जिसमें मोमबत्तियाँ जलती हों- फानूस
छह कोने वाली आकृति- षट्कोण
छह-छह महीने पर होने वाला- षाण्मासिक
छात्रों के रहने का स्थान- छात्रावास
छिपे वेश में रहना – छद्मवेश
छिपे वेश में रहना- छद्मवेश
छूत से फैलने वाला रोग- संक्रामक
छोटे कद का आदमी – बौना
ज से शुरू होने वाले अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
जंगल की आग – दावानल
जनता द्वारा चलाया जाने वाला राज- जनतंत्र
जनता द्वारा चलाया जाने वाला शासन – जनतंत्र
जनता द्वारा संचालित शासन- जनतन्त्र
जनता में प्रचलित सुनी-सुनाई बात- किंवदंती
जनसामान्य द्वारा गाये जाने वाले गीत – लोकगीत
जन्म भर- आजन्म
जन्म से सौ वर्ष का समय – जन्मशती, जन्मशताब्दी
जन्म से सौ वर्ष का समय- जन्मशती
ज़मानत करने वाला- प्रतिभू
जमी हुई गाढ़ी चीज की मोटी तह- थक्का
जमीन के अंदर के विज्ञान का जानकार – भूगर्भशास्त्री
जमीन पर चित्र या सजावट की कला- अल्पना
जल और जमीन दोनों पर चलने वाला- उभयचर
जल में चलने वाला यान – जलयान
जल में जनमनेवाला- जलज
जल में जन्म लेने वाला- जलज
जल में रहने वाले जीव-जन्तु- जलचर
जल में लगने वाली आग- बड़वाग्नि
जहाँ औषधि दानस्वरूप मिलती है- दातव्य, औषधालय
जहाँ खाना मुफ्त मिलता है- सदाव्रत
जहाँ गमन जाया न किया जा सके- अगम्य
जहाँ जाना संभव न हो- अगम
जहाँ तक सध सके- यथासाध्य
जहाँ तक हो सके- यथासंभव
जहाँ नदियों का मिलन हो- संगम
जहाँ पहुँचना कठिन हो- दुर्गम
जहाँ पहुँचा न जा सके- अगम्य
जहाँ लोगों का मिलन हो- सम्मेलन
जहां किसी बात का डर या खतरा न हो – निरापद
जहां कोई इंसान न हो – निर्जन
जहां जाना कठिन हो – दुर्गम
जहां पृथ्वी और आकाश मिलते दिखाई दें – क्षितिज
जान पहचान वाला – परिचित
जान से मारने की इच्छा- जिघांसा
जानने की इच्छा रखने वाला – जिज्ञासु
जानने की इच्छा-जिज्ञासा
जारी किया गया आधिकारिक आदेश- अध्यादेश
जितना संभव हो – यथासंभव
जिनकी ग्रीवा गर्दन सुन्दर हो- सुग्रीव
जिस कन्या के विवाह का वचन दिया गया हो- वाग्दत्ता
जिस कागज पर मानचित्र, विवरण या कोष्ठक अंकित हो- फलक
जिस जमीन पर कुछ उत्पन्न न हो – ऊसर
जिस पर अनुग्रह किया गया हो- अनुग्रहीत
जिस पर अभियोग लगाया गया हो- अभियुक्त
जिस पर आक्रमण न किया गया हो- अनाक्रांत
जिस पर उपकार किया गया हो- उपकृत
जिस पर किसी अन्य को कुछ अधिकार न हो- एकाधिकार
जिस पर किसी काम का उत्तरदायित्व हो- उत्तरदायी
जिस पर किसी प्रकार का अंकुश न हो – निरंकुश
जिस पर किसी प्रकार का अंकुश नियंत्रण न हो- निरंकुश
जिस पर कोई नियंत्रण न हो- अनियंत्रित
जिस पर चिह्न लगाया गया हो- चिह्नित
जिस पर तिथि या दिनांक अंकित हो – दिनांकित
जिस पर दिनांक तारीख का अंक लगाया गया हो- दिनांकित
जिस पर निर्णय न हुआ हो- अनिर्णीत
जिस पर मुकदमा चल रहा हो-अभियुक्त
जिस पर लम्बी-लम्बी धारियाँ हों- धारीदार
जिस पर विचार न किया गया हो- अविचारित
जिस पर विश्वास किया गया है- विश्वस्त
जिस पर विश्वास न किया जा सके- अविश्वनीय
जिस पर विश्वास न किया जा सके- विश्वासघाती
जिस पुरुष की स्त्री मर गयी है- विधुर
जिस भूमि पर कुछ न उग सके- ऊसर
जिस भूमि में कुछ पैदा न होता हो- ऊसर
जिस लड़की का विवाह न हुआ हो- कुमारी
जिस वस्त्र को पहना न गया हो- अप्रहत
जिस समय बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलती है- दुर्भिक्ष
जिस स्त्री का धव पति मर गया है- विधवा
जिस स्त्री का पति जीवित हो – सधवा, सौभाग्यवती
जिस स्त्री का पति जीवित हो- सधवा
जिस स्त्री के कभी संतान न हुई हो- वंध्या बाँझ
जिस स्त्री के पति और पुत्र जीवित हों- पुरंद्री
जिस स्त्री को कोई सन्तान न हो- वन्ध्या, बाँझ
जिस स्त्री को संतान पैदा होती हो – वंध्या
जिस स्थान पर अभिनेता अपना वेश-विन्यास करते हैं- नेपथ्य
जिस स्थान पर बैठकर जुआँ खेला जाता है – फड़
जिस स्थान पर बैठकर माल खरीदा और बेचा जाता हो- फड़
जिस हँसी से अट्टालिका तक हिल जाय- अट्टहास
जिसका अंत न हो- अनन्त
जिसका अनुभव किया गया हो- अनुभूत
जिसका अनुभव किया जा चुका हो – अनुभूत
जिसका आकार न हो- निराकार
जिसका आचरण अच्छा न हो- दुराचारी
जिसका आचार अच्छा हो- सदाचारी
जिसका आदर न किया गया हो- अनादृत
जिसका इलाज न हो सके – असाध्य
जिसका उच्चारण ओष्ठ ओंठ से हो- ओष्ठ्य
जिसका उच्चारण न किया जा सके- अनुच्चरित
जिसका उत्तर खोजना पड़े- पहेली, प्रहेलिका
जिसका उदर लंबा हो- लंबोदर
जिसका उदर लम्बा बड़ा हो- लम्बोदर
जिसका उल्लंघन न किया जा सके- अनुलंघनीय
जिसका उल्लेखित किया गया हो- उल्लिखित
जिसका कभी अंत न हो- अनंत
जिसका कारण पृथ्वी है या जो पृथ्वी से सम्बद्ध है- पार्थिव
जिसका कोई अंग काम न करता हो – विकलांग, दिव्यांग
जिसका कोई अंग बेकार हो- विकलांग
जिसका कोई अर्थ न हो – निरर्थक
जिसका कोई आकार न हो – निराकार
जिसका कोई आकार हो- साकार
जिसका कोई आधार न हो – निराधार
जिसका कोई आश्रय न हो- निराश्रय
जिसका कोई दूसरा उपाय न हो- अनन्योपाय
जिसका कोई नाथ न हो- अनाथ
जिसका कोई निश्चित घर न हो – अनिकेत
जिसका कोई भय न हो- निर्भय
जिसका कोई मूल्य न हो- अमूल्य
जिसका कोई शत्रु न हो – अजातशत्रु
जिसका कोई शत्रु ही न जन्मा हो- अजातशत्रु
जिसका कोई शुल्क न लिया जाय- निःशुल्क
जिसका कोई सगा-सम्बन्धी न हो – अनाथ
जिसका कोई हिस्सा टूटकर अलग हो गया हो- खंडित
जिसका खण्डन न किया जा सके – अकाट्य
जिसका खण्डन न हो सके- अकाट्य
जिसका गला नीले रंग का है – नीलकंठ
जिसका चिंतन किया जाना चाहिए- चिंतनीय
जिसका चित्त एक जगह स्थिर हो- एकाग्रचित
जिसका जन्म अनु पीछे हुआ हो- अनुज
जिसका जन्म उच्च कुल में हुआ हो – अभिजात
जिसका जन्म छोटी अन्त्य जाति में हुआ हो- अन्त्यज
जिसका जन्म छोटी जाति में हुआ हो – अन्त्यज
जिसका जन्म न हो – अजन्मा
जिसका जन्म पहले हुआ हो- अग्रज
जिसका जन्म शरीर से हो – पिंडज
जिसका जीवन दूसरों पर आश्रित हो – परजीवी
जिसका ज्ञान इन्द्रियों से परे हो- अगोचर
जिसका तेज निकल गया है- निस्तेज
जिसका त्याग न किया जा सके- अपरिहार्य
जिसका दमन कठिन हो- दुर्दम्य/दुर्दात
जिसका निवारण न किया जा सके- अनिवार्य
जिसका निषेध किया गया हो – निषिद्ध
जिसका पति जीवित हो- सधवा
जिसका पति मर गया हो- विधवा
जिसका पार न पाया जाए-अपार
जिसका मन उदार हो- उदारमना
जिसका मन कहीं और लगा हो – अन्यमनस्क
जिसका मन किसी दूसरी ओर हो- अन्यमनस्यक/अनमना
जिसका मन महान हो- महामना
जिसका मुख्य दाईं ओर हो –दक्षिणावर्त, दक्षिणाभिमुखी
जिसका मूल नहीं है- निर्मूल
जिसका मूल्य न आँका जा सके- अमूल्य
जिसका मूल्य न बताया जा सके – अमूल्य
जिसका राज्य पूरी पृथ्वी पर हो – चक्रवर्ती
जिसका वचन द्वारा वर्णन न किया जा सके- अनिवर्चनीय
जिसका वर्णन न किया जा सके- अवर्णनीय
जिसका वर्णन न किया जा सके- वर्णनातीत
जिसका विभाजन न किया जा सके- अविभाजित
जिसका विश्वास न किया जा सके- अविश्वसनीय
जिसका सँबन्ध किसी एक देश से हो- एकदेशीय
जिसका संबंध उपनिवेश या उपनिवेशों से हो- औपनिवेशिक
जिसका संबंध उपन्यास से हो- औपन्यासिक
जिसका संबंध पश्चिम से हो- पाश्चात्य
जिसका समाधान कठिन हो – दुःसाध्य
जिसका स्वभाव स्त्रियों जैसा हो – स्त्रैण
जिसका हाथ बहुत तेज चलता हो- क्षिप्रहस्त
जिसका हृदय उदार हो- उदारहृदय
जिसका हृदय भग्न हो- भग्नहृदय
जिसकी अपेक्षा उम्मीद हो- अपेक्षित
जिसकी आत्मा महान हो- महात्मा
जिसकी आयु बड़ी लम्बी हो- दीर्घायु
जिसकी आशा न की गई हो- अप्रत्याशित
जिसकी आशा न की जाय- अप्रत्याशित
जिसकी उपमा न दी जा सके – निरुपम
जिसकी उपमा न दी जा सके- निरुपम
जिसकी कभी मृत्यु न हो- अमर
जिसकी कल्पना की जा सके- अकल्पनीय
जिसकी कामना पूरी हो गयी हो – पूर्णकाम
जिसकी क़ीमत न हो- अनर्घ्य
जिसकी कोई उपमा न हो- अनुपम
जिसकी कोई संतान न हो – निःसंतान
जिसकी कोई सीमा न हो – असीम
जिसकी खूब प्रतिष्ठा हो – लब्धप्रतिष्ठ
जिसकी गर्दन शंख की तरह हो- कात्बूग्रीवा
जिसकी गर्दन/ ग्रीवा सुंदर हो – सुग्रीव
जिसकी गहराई की थाह न लग सके- अथाह
जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो- सुग्रीव
जिसकी घोषणा की गयी हो- घोषित
जिसकी चार भुजाएँ हों- चतुर्भुज
जिसकी चिकित्सा की जा सके- चिकित्स्य
जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती- अचिन्तनीय
जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती- अचिन्त्य
जिसकी जीविका बुद्धि के बल पर चलती हो- बुद्धिजीवी
जिसकी जीविका बुद्धि संबंधी कामों से चलती हो – बुद्धिजीवी
जिसकी तीन भुजाएँ हो- त्रिभुज
जिसकी थाह न हो- अथाह
जिसकी धर्म में निष्ठा हो – धर्मनिष्ठ
जिसकी पत्नी जीवित न हो – विधुर
जिसकी पत्नी साथ में न हो- विपत्नीक
जिसकी परिभाषा देना संभव न हो- अपरिभाषित
जिसकी परीक्षा ली जा चुकी हो – परीक्षित
जिसकी पूजा की जा सके – पूजनीय
जिसकी प्रतिष्ठा या सम्मान हो – प्रतिष्ठित
जिसकी बहुत अधिक चर्चा हो- बहुचर्चित
जिसकी बाँहें अधिक लंबी हो- प्रलंबबाहु
जिसकी बाँहें जानु घुटने तक पहुँचती हो- आजानुबाहु
जिसकी बाहुएँ दीर्घ है- दीर्घबाहु
जिसकी बाहें घुटनों तक लम्बी हों – आजानुबाहु
जिसकी बुद्धि कमजोर हो – मंदबुद्धि
जिसकी बुद्धि कुश के अग्र नोक की तरह तेज हो- कुशाग्रबुद्धि
जिसकी बुद्धि बहुत तेज हो – कुशाग्रबुद्धि
जिसकी भुजाएँ बड़ी हो- महाबाहु
जिसकी मृत्यु हो गयी हो- स्वर्गीय, मृत
जिसकी सब जगह बदनामी- कुख्यात
जिसकी सहायता करने वाला कोई न हो – निस्सहाय
जिसकी सारी कामनाएँ पूरी हो गयी हों- आप्तकाम
जिसकी सीमा न हो- असीम
जिसकी सूचना राजपत्र में दी गयी हो- राजपत्रित
जिसके अंग-प्रत्यंग जल गए हों- जलिताँग
जिसके अहंकार का नाश हो गया हो- आंतगर्व
जिसके आने की कोई तिथिं न हो – अतिथि
जिसके आने की तिथि न हो- अतिथि
जिसके आने की तिथि मालूम न हो- अतिथि
जिसके आर पार देखा जा सके – पारदर्शी
जिसके कुल का पता ज्ञात न हो- अज्ञातकुल
जिसके कोई संतान न हो- निसंतान
जिसके कोई संतान न हो- निस्संतान
जिसके चार पद है- चतुष्पद
जिसके चूड़ा पर चन्द्र रहे- चन्द्रचूड़
जिसके जोड़ का दूसरा न हो – बेजोड़
जिसके दश मुंह हों – दशानन, दशमुख
जिसके दो पद पैर हैं- द्विपद
जिसके नख सूप के समान हो- शूर्पणखा
जिसके नीचे रेखा खींची हो- रेखांकित
जिसके नीचे रेखा हो- रेखांकित
जिसके पाणि में वज्र है- वज्रपाणि इन्द्र
जिसके पाणि में वीणा है- वीणापाणि सरस्वती
जिसके पाणि हाथ में चक्र है- चक्रपाणि विष्णु
जिसके पार देखा जा सके- पारदर्शक
जिसके पार देखा न जा सके- आपारदर्शक
जिसके पास करोड़ों रूपये हों- करोड़पति
जिसके पास कुछ न हो – अकिंचन
जिसके पास कोई उत्तर न हो – निरुत्तर
जिसके पास कोई रोजगार न हो- बेरोजगार
जिसके पास लाख रूपये की सम्पत्ति हो- लखपति
जिसके पास शक्ति का अभाव हो – निर्बल, दुर्बल
जिसके पास शक्ति न हो- निर्बल
जिसके बारे में कुछ पता न हो- अज्ञात
जिसके बारे में मतभेद न हो- निर्विवाद
जिसके बारे में संदेह हो – संदिग्ध
जिसके बिना कार्य न चल सके- अपरिहार्य
जिसके भीतर का तापमान समान स्थिति में रहे- वातानुकूलित
जिसके भीतर की हवा का तापमान सम स्थिति में रखा गया हो- वातानुकूलित
जिसके मन को चोट पहुंची हो – मर्माहत
जिसके मन में कोई कपट न हो- निष्कपट
जिसके मन में दया न हो – निर्दयी
जिसके रोंगटे खड़े हो गए हों – रोमांचित
जिसके लम्बे-लम्बे बिखरे बाल हों- झबरा
जिसके लोचन आँखें सुंदर हों- सुलोचन
जिसके विषय में उल्लेख करना आवश्यक हो- उल्लेखनीय
जिसके विषय में कोई मतभेद या विवाद न हो – निर्विवाद
जिसके विषय में विवाद हो- विवादास्पद
जिसके शेखर पर चन्द्र हो- चन्द्रशेखर शिव
जिसके समान कोई दूसरा न हो – अद्वितीय
जिसके समान दूसरा न हो- अद्वितीय
जिसके सिर पर बाल न हो – गंजा
जिसके हाथ में चक्र हो- चक्रपाणि
जिसके हाथ में शूल हो- शूलपाणिशिव
जिसके हृदय में दया न हो- निर्दय
जिसके हृदय में पाप न हो- निष्पाप
जिसके हृदय में ममता नहीं है- निर्मम
जिसके ह्रदय में दया हो- दयावान
जिसको किसी प्रकार का लोभ न हो – निस्पृह
जिसको टाला न जा सके- अनिवार्य, अटल
जिसको त्याग दिया गया हो – त्यक्त
जिसको दंडित किया गया हो – प्रताड़ित
जिसको प्राप्त करना बहुत कठिन हो- दुर्लभ
जिसको रोकना या निवारण करना कठिन हो- दुर्निवार
जिसको लाँघना कठिन हो- दुर्लंघ्य
जिसने अच्छे कार्य के लिए प्राण दे दिए – हुतात्मा
जिसने इंद्रियों को जीत लिया हो- जितेंद्रिय
जिसने इंद्रियों को वश में कर लिया है- जितेंद्रिय
जिसने ऋण चुका दिया हो- उऋण जिसने किसी विषय में मन लगा लिया हो- दत्तचित
जिसने कभी पाप न किया हो – निष्पाप
जिसने किसी से ऋण लिया हो- अधमर्ण
जिसने गुरु से दीक्षा ली हो- दीक्षित
जिसने चित्त किसी विषय में दिया लगाया है- दत्तचित
जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त की है- लब्धप्रतिष्ठ
जिसने बहुत कुछ देखा हो- बहुदर्शी
जिसने बहुत कुछ सुन रखा हो- बहुश्रुत
जिसने मृत्यु को जीत लिया है- मृत्युंजय
जिसपर कोई कलंक न लगा हो – निष्कलंक
जिसपर मुकदमा चल रहा हो – अभियुक्त,
जिसपर विश्र्वास किया गया है- विश्र्वस्त
जिसमे दया न हो- निर्दय
जिसमे दया हो- दयालु
जिसमे धैर्य न हो- अधीर
जिसमे रस न हो- नीरस
जिसमे रस हो- सरस
जिसमे शक्ति न हो- अशक्त
जिसमे सहन शक्ति हो- सहिष्णु
जिसमें अपार जल हो- महोदधि
जिसमें किसी प्रकार का विकार हो- विकृत
जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो- अक्षम
जिसमें कोई दोष न हो- निर्दोष
जिसमें कोई विकार हो – विकृत
जिसमें जाना या समझना कठिन हो- दुर्गम
जिसमें ढाल हो- ढालू/ढालवाँ
जिसमें तेज नहीं है- निस्तेज
जिसमें पाँच कोने हों- पंचकोण
जिसमें प्रतिभा है- प्रतिभा
जिसमें बाण रखे जाते हैं – तरकश, तूणीर
जिसमें मल गंदगी न हो- निर्मल
जिसमें मल गंदगी हो- मलिन
जिसमें शब्द न हो रहा हो – निःशब्द
जिसमें शोभा के लिए फूल रखे जाते हैं – फूलदान
जिसमें सात रंग हो- सतरंगा
जिसमें सामर्थ्य नहीं है- असमर्थ
जिसमें हानि या अनर्थ का भय न हो- निरापद
जिससे घृणा की जाए- घृणित
जिसे अक्षर ज्ञान न हो – निरक्षर
जिसे अधिक बकवास करना न आता हो- अप्रगल्भ
जिसे अधिकार दिया गया हो- अधिकृत
जिसे आश्वासन दिया गया हो- आश्वस्त
जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास न हो- नास्तिक
जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास हो- आस्तिक
जिसे कभी बुढ़ापा न आये- अजर
जिसे करना कठिन हो – दुष्कर
जिसे करना बहुत कठिन हो – दुष्कर
जिसे कोई आकांक्षा न हो- निःस्पृह
जिसे कोई जीत न सके- अजेय
जिसे कोई भ्रम या सन्देह न हो- निर्भ्रन्त
जिसे कोई रोग न हो – निरोग
जिसे कोई शोक न हो – अशोक
जिसे क्रय किया गया हो- क्रीत
जिसे क्षमा न किया जा सके- अक्षम्य
जिसे गुप्त रखा जाए- गोपनीय
जिसे छूना वर्जित हो – अस्पृश्य
जिसे जानना चाहिए- ज्ञातव्य
जिसे जाना न जा सके- अज्ञेय
जिसे जीत लिया गया हो- विजित
जिसे जीतना कठिन हो- दुर्जय
जिसे जीता न जा सके- अजेय
जिसे जोता- बोया न गया हो- अकृषित
जिसे टाला न जा सके- अवश्यम्भावी
जिसे त्याग देना उचित हो- त्याज्य
जिसे दंड का भय न हो- उदंड
जिसे दबाया/ पीड़ित किया गया हो – दलित
जिसे दस आनन मुख हैं- दशानन रावण
जिसे देख या सुनकर रोम रोंगटे खड़े हो जायें- रोमांचकारी
जिसे देखकर डर भय लगे- डरावना, भयानक
जिसे देखकर रोंगटे खड़े हो जाएँ- लोमहर्षक
जिसे देश से निकाला गया हो – निर्वासित
जिसे देश से निकाला गया हो- निर्वासित
जिसे नहीं जीता जा सके- अजेय
जिसे पड़ से हटा दिया गया हो- पदच्युत
जिसे पढ़ा न जा सके- अपाठ्य
जिसे पति ने त्याग दिया हो – परित्यक्ता
जिसे पहले पढ़ा न हो – अपठित
जिसे पीने की तीव्र इच्छा हो – पिपासु
जिसे पूजा द्वारा प्रसन्न करना कठिन हो – दुराराध्य
जिसे बहुत कम ज्ञान हो, थोड़ा जानने वाला- अल्पज
जिसे बुलाया न गया हो- अनाहूत
जिसे भय नहीं है- निर्भीक, निर्भय
जिसे भेदना कठिन हो – दुर्भेद्य
जिसे भेदना या तोड़ना कठिन हो- दुर्भेद्य
जिसे भेदा तोड़ा न जा सके- अभेद्य
जिसे मोक्ष की कामना हो- मुमुक्षु
जिसे मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा हो – मुमुक्ष
जिसे या जिसका मूल नहीं है- निर्मूल
जिसे वाह्य जगत का ज्ञान न हो- कुपमण्डूक
जिसे शब्दों से न कहा जा सके – शब्दातीत
जिसे सताया गया हो- दलित
जिसे समझना बहुत कठिन हो- दुष्कर
जिसे समाज, जाति या किसी स्थान से बाहर निकाल दिया गया हो – बहिष्कृत
जिसे सरलता से पढ़ा जा सके- सुपाठ्य
जिसे हराया न जा सके- अपराजेय
जीतने की इच्छा- जिगीषा
जीने की इच्छा- जिजीविषा
जीने की प्रबल इच्छा – जिजीविषा
जीवन भर- आजीवन
जुआ खेलने का स्थान- फड़
जेठ का पुत्र- जेठौत
जैनियों का सूर्यास्त के पहले होने वाला भोजन- अथऊ
जैसा चाहिए वैसा- यथोचित
जो अक्षर पढ़ना-लिखना जानता है- साक्षर
जो अग्र आगे की बात सोचता है- अग्रशोची
जो अच्छे कुल में उत्पत्र हुआ है- कुलीन
जो अच्छे चाल चलन का न हो – कुचाली
जो अति बहुत दीर्घ बड़ा नहीं है- नातिदीर्घ
जो अति बहुत लघु छोटा नहीं है- नातिलघु
जो अत्यन्त कष्ट से निवारित किया जा सके- दुर्निवार
जो अधिक बोलता हो- वाचाल
जो अनुकरण करने योग्य हो- अनुकरणीय
जो अन्न और साग-सब्जी खाता हो- शाकाहारी
जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो – ऐच्छिक
जो अपनी जगह से न डिगे- अडिग
जो अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहता हो – दृढ़प्रतिज्ञ
जो अपनी बात से न टले- अटल
जो अपनी हत्या करता है- आत्मघाती
जो अपने आप उत्पन्न हुआ हो – स्वयंभू
जो अपने ऋण चुकाने में असमर्थ हो – दिवालिया
जो अपने धर्म के विपरीत आचरण करता हो- विधर्मी
जो अपने धर्म के विरुद्ध आचरण करता हो – विधर्मी
जो अपने पथ से भटक गया हो- पथभ्रष्ट
जो अपने मातृभूमि छोड़ विदेश में रहता हो- प्रवासी
जो अपने लाभ या स्वार्थ का ध्यान न रखता हो- निःस्वार्थ
जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके- अच्युत
जो अपने स्थान से डिग गया हो- च्युत
जो अभिनय करता है- अभिनेता
जो अभी – अभी पैदा हुआ हो- नवजात
जो अश्र्व घोड़े का आरोही सवार है- अश्र्वारोही
जो आँखों के सामने न हो- अप्रत्यक्ष